समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव से आज सर्वजन हिताय संरक्षण समिति, उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि मण्डल ने भेंटकर उन्हें प्रदेश की बसपा सरकार द्वारा जारी पदोन्नतियों में आरक्षण और परिणामी ज्येष्ठता के आदेश से उत्पन्न विसंगतियों के संबंध में ज्ञापन दिया। श्री यादव ने भरोसा दिलाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर बसपा सरकार की अवैध और असंवैधानिक व्यवस्थाएं निरस्त कर दी जाएगी। उन्होने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकारी कर्मचारियों को माननीय उच्च न्यायालय के 4 जनवरी,2011 के निर्णय की रोशनी में उचित आदेश जारी करेगी। श्री यादव ने कहा कि बसपा सरकार के सन् 2002 के आदेश को श्री मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी सरकार में सन् 2005 में निरस्त कर दिया था जिसे बसपा सरकार ने फिर सन् 2007 से लागू कर दिया है। समाजवादी पार्टी की सरकार कर्मचारियों-अधिकारियों का अहित नहीं होने देगी।
सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अभियन्ता नेता श्री शैलेन्द्र दुबे के साथ श्री अख्तर अली फारूखी, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश अधिकारी महा परिषद, श्री ओमप्रकाश पाण्डेय, महासचिव उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ तथा जिला उद्यान अधिकारी श्री चन्द्रभूषण पाण्डेय प्रतिनिधि मण्डल में शामिल थे। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी भी उपस्थित थे।
ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2007 में जारी अवैधानिक आदेश के कारण प्रदेश के सरकारी विभागों में 12 लाख से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों की पदोन्नतियां पिछलें चार वर्ष से नहीं हो रही है जिससे प्रदेश का विकास बाधित हो रहा है। परिणामी ज्येष्ठता प्रदान करने से परोक्ष रूप से उच्च पदों पर अनुसूचित जाति/जनजाति के सेवकों को शत प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। नियुक्ति के समय मेरिट में ऊपर होते हुए भी सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के कार्मिकों का भविष्य अंधकारमय है क्योंकि उन्हें सामान्यतया बिना किसी पदोन्नति के सेवानिवृत्त होना पड़ेगा। प्रदेश सरकार के इस आदेश को मा0 उच्च न्यायालय ने अवैध और असंवैधानिक करार दिया है और परिणामी ज्येष्ठता के तहत जारी सूचियों को निरस्त कर दिया है। प्रदेश सरकार इस निर्णय के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय गई है। सर्वजन हिताय संरक्षण समिति इसके खिलाफ अभियान चला रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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