भारतीय जनता पार्टी ने बसपा द्वारा आयोजित दलित व पिछड़ा वर्ग सम्मेलन को सरकारी नौटंकी की संज्ञा देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन में प्रशासनिक तंत्र का दुरूपयोग और सरकारी धन लुटाया गया है। पार्टी ने आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री ने भीड़ इकट्ठा करने के लिए जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों को सीधे निर्देश दिये थे, निजी वाहन जबर्दस्ती छीने गये। मुख्यमंत्री के बयान पर प्रदेश प्रवक्ता एवं सदस्य विधान परिषद हृदयनारायण दीक्षित ने आज रविवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पिछड़े और दलितों के लिए वास्तविक आरक्षण का प्राविधान पलटने वाली मुख्यमंत्री मायावती व उनकी सरकार अति पिछड़ों व अति दलितों के हितों की विरोधी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि वे स्पष्ट करें कि अति पिछड़ों, अति दलितों के बारे में राजनाथ सिंह सरकार द्वारा बनाई गई आरक्षण व्यवस्था को क्यों हटाया गया?
श्री दीक्षित ने कहा कि भाजपा की राजनाथ सिंह सरकार ने 2001 में अति पिछड़ों व दलितों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की थी, जिसे बसपा सरकार ने पलट दिया था। भाजपा सरकार ने सामाजिक न्याय समिति भी गठित की थी। अति दलितों व अति पिछड़ों के हितों से बसपा सरकार का कोई सरोकार नहीं है। मुख्यमंत्री की मुख्य नीति, कार्यक्रम, लक्ष्य सिर्फ भ्रष्टाचार है। मुख्यमंत्री ने राजकोष लूटने के बारे में कोई सफाई नहीं दी। दलितों और पिछड़ों को अपने करोड़ों रूपये की सम्पदा जुटाने की तकनीकी बतानी चाहिए थी। दलित पिछड़े वही तकनीकिी अपनाकर धनी सम्पन्न हो जाते।
श्री दीक्षित ने कहा कि बात-बात में डा0 अम्बेडकर का नाम लेने वाली बसपा ने डा0 अम्बेडकर का अपमान किया है। बसपा ने उनको भी पोलिंग एजेन्ट के रूप में इस्तेमाल किया है। उनकी स्मृति में बनाये गये स्मारकों में भी भारी घोटाला किया गया है। भारत के महालेखाकार ने भी इस घोटाले पर टिप्पणी की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि मध्य प्रदेश में भाजपा के शासन में ही डा0 अम्बेडकर की जन्म स्थली महू में भव्य स्मारक बनाया गया था। डा0 अम्बेडकर व्यक्ति पूजा के खिलाफ थे। बसपा में सुश्री मायावती ही संविधान हैं, प्रधान हैं, सरकार हैं। बसपा ने डा0 अम्बेडकर के सपनों को तोड़ा है।
भाजपा को साम्प्रदायिक बताने का प्रतिवाद करते हुए श्री दीक्षित ने कहा कि भाजपा को भ्रष्ट बसपा सरकार से किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। बसपा सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। विधान सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भ्रष्टाचार एवं अपने कुशासन से जनता का ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री व्यर्थ की बयानबाजी कर रही हैं। जनता मुख्यमंत्री की आय, उसके स्रोत को जानना चाहती है, मुख्यमंत्री के मंत्रियों की भ्रष्टाचारी करतूतों का पर्दाफास हो चुका है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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