लखनऊ महोत्सव के माध्यम से लखनऊ के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और विरासत के साथ-साथ मौजूदा समय में इस महानगर को मिली नई पहचान की भी जानकारी बेहतर तरीके से हासिल हो सकेगी-माननीया मुख्यमंत्री जी
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने आज यहां मान्यवर श्री कांशीराम सांस्कृतिक स्थल, स्मृति उपवन आशियाना में 05 दिसम्बर, 2011 तक चलने वाले लखनऊ महोत्सव का दीप प्रज्जवलित कर औपचारिक उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि लखनऊ की सांस्कृतिक विरासत एवं विशिष्ट गंगा-जमुनी तहजीब को जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करने के उद्देश्य से हर साल लखनऊ महोत्सव का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष लखनऊ महोत्सव “हमें लखनऊ पर है नाज़ और लखनऊ को हम पर नाज़” की थीम पर आयोजित किया गया है, क्योंकि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राज्य सरकार ने सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन के महापुरूषों के आदर व सम्मान में अनेकों भव्य स्मारकों, संग्रहालयों, पार्कों व चैराहों आदि का निर्माण कराया है। इतना ही नहीं बल्कि उनकी सरकार द्वारा यहां बड़े पैमाने पर विकास कार्यों को भी अंजाम दिया गया है।
राज्य सरकार द्वारा यहां कराये गये विकास कार्याें का जिक्र करते हुए सुश्री मायावती जी ने कहा कि ये कार्य पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र बने हुए हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष लखनऊ महोत्सव का आयोजन“हमें लखनऊ पर है नाज़ और लखनऊ को हम पर नाज़” थीम पर किया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस थीम के माध्यम से महोत्सव में आने वाले लोगों को लखनऊ के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और विरासत के साथ-साथ मौजूदा समय में विकास कार्यों के फलस्वरूप इस महानगर को मिली नई पहचान की भी जानकारी बेहतर तरीके से हासिल हो सकेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 25 नवम्बर से 05 दिसम्बर, 2011 तक चलने वाले इस महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा गतिविधियों से लोगों का भरपूर मनोरंजन होगा। उन्होंने इस अवसर पर लखनऊ महोत्सव समिति द्वारा प्रकाशित स्मारिका ‘‘उर्मिला’’ का विमोचन किया। पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विनोद सिंह द्वारा माननीया मुख्यमंत्री जी को स्मृति चिन्ह् प्रदान किया गया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश और लखनऊ के समग्र विकास पर आधारित नृत्य नाटिका एवं महात्मा बुद्ध के जीवन को दर्शाता नाटक ‘‘हृदय परिवर्तन’’ का मंचन सिटी माण्टेसरी स्कूल के बच्चों द्वारा किया गया। इसके बाद डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर के जीवन चरित पर आधारित लघु नाटक ‘‘चलो उजाले की ओर’’ की खूबसूरत प्रस्तुति मुम्बई की रंगशीला कल्चरल एण्ड डेवलेपमेन्ट सोसाइटी द्वारा की गई।
इस अवसर पर मंत्रिमण्डल के अनेक सदस्य, सांसद, विधायक, वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य नागरिक तथा बड़ी संख्या में पर्यटक, शिल्पकार एवं कलाकार मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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