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मुख्यमंत्री क्यों चुप हैं, स्पष्ट करें

Posted on 24 November 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने आज आरोप लगाया कि बसपा कैडर के रूप में काम कर रहे बड़े अफसरों की कार्यशैली ने उ0प्र0 में आपातकाल जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सत्ता शीर्ष के निकटस्थ बड़े अफसरों पर राज्य के अधिकारियों एवं सत्तारूढ दल के ही वरिष्ठ नेताओं द्वारा लगातार गम्भीर आरोप लगाए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री क्यों चुप हैं, स्पष्ट करें।
पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री के तानाशाहीपूर्ण रवैये का अनुसरण करते हुए अब उनके अधिकारी भी लाभ-हानि के आधार पर कार्य कर रहे हैं। सत्ता शीर्ष के निकटस्थ इन अफसरों के आतंक से डरे सहमे प्रदेश के राजनीतिज्ञ और सरकारी अधिकारी अपनी जान बचाने की गुहार लगा रहे हैं। बसपा सरकार में राज्य के हालात इतने बदत्तर हो गए हैं कि सत्तारूढ़ दल के सांसद ने ही राज्य के पुलिस महानिदेशक से अपनी जान का खतरा बताया जबकि राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री के सबसे करीबी सिपाहसालार रहे नेता ने अपनी जान की सुरक्षा की गुहार लगाकर पूरी सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। यही नहीं वरिष्ठ आई0पी0एस0 अधिकारी डी0डी0मिश्र ने भी कई उच्चाधिकारियों सहित प्रमुख सचिव गृह पर गम्भीर आरोप लगाए। एक अन्य आई0पी0एस0 अधिकारी अभिताभ ठाकुर ने भी प्रमुख सचिव गृह सरकार व अन्य अधिकारियों पर अपने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
श्री पाठक ने कहा कि माया राज में बेखौफ हुए अफसरों के आतंक का सबसे बड़ा उदाहरण पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा का है जिन्होंने वरिष्ठ काबीना मंत्री, कैबिनेट सचिव और प्रमुख सचिव गृह से अपने जान का खतरा बताते हुए मुख्यमंत्री से अपनी जान बचाने की गुहार लगाने के बाद भूमिगत हो जाना ही बेहत्तर समझा। बसपा सरकार में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलन्द करने वाले वरिष्ठ आई0पी0एस0 अधिकारी डी डी मिश्र पर भी मुख्यमंत्री के प्रिय चुनिन्दा अफसरों का कहर जमकर बरपा। पहले तो श्री मिश्र को मानसिक रोगी बताते हुए अस्पताल भेजा गया। बाद में जांच रिपोर्ट को ही मामले को लटकाए रखने की नीति के तहत अधूरा बताकर वापस लौटा दिया गया। बसपा सरकार में चल रहे भ्रष्ट नेताओं एवं अफसरों के गठजोड़ व उनके द्वारा अंजाम दिए जा रहे काले-कारनामों का सच जनता के सामने उजागर न हो इसके सभी यत्न किए जा रहे हैं।
श्री पाठक ने प्रश्न किया कि आंखिर क्या कारण है कि सत्ताशीर्ष के करीबी विभागाध्यक्ष सीधे-सीधे आरोपों के जद में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में भ्रष्टाचार के आकण्ठ में डूबी बसपा सरकार के राज में सत्तारूढ़ दल के नेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों के नापाक गठबंधन की कीमत आम जनता को चुकानी पड़ रही है। राज्य में विकास ठप्प है। भ्रष्ट नेता और अधिकारियों का गठजोड़ जन-धन की लूट में लगा हुआ है।  उन्होंने एक स्वतंत्र आयोग गठित कर पुलिस प्रशासन के बड़े अफसरों पर लग रहे आरोपों की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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