बहुजन समाज पार्टी द्वारा आगामी 27नवम्बर को आयोजित की जा रही रैली में किये जा रहे करोड़ों रूपये सरकारी धन की फिजूलखर्ची एवं प्रशासनिक तंत्र का जिस प्रकार दुरूपयोग किया जा रहा है तथा ‘‘सरकारी रैली’’ आयोजित कर मुहर्रम के पहले दिन व बैंक की प्रतियोगी परीक्षा के दिन भारी भीड़ एकत्र कर वर्ष 2002 की घटना की यदि पुनरावृत्ति होती है तो उसके लिए पूरी तरह बसपा जिम्मेदार होगी।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि सच्चाई तो यह है कि प्रदेश में अपने लगातार समाप्त हेा रहे जनाधार से घबराकर मुख्यमंत्री सत्ता का दुरूपयोग कर सरकारी रैली के माध्यम से प्रदेश की जनता को बरगलाने का प्रयास कर रही हैं। इस रैली के द्वारा जाति के नाम पर जहर घोलने का एक और प्रयास कर रही हैं। ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था, हत्या, बलात्कार और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी तथा ब्राहमण समाज रैली को ब्राहमणों द्वारा नकार दिये जाने के बाद बसपा इस रैली के माध्यम से लाखों की भीड़ जुटाकर तथा प्रदेश के जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रूपये बर्बाद कर प्रदेश में अपने जनसमर्थन का थोथा प्रदर्शन करना चाहती हैं, किन्तु वह अपने मंसूबे में अब कामयाब नहीं होने वाली नहीं हैं।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि खुद को दलितों का हमदर्द बताने वाली बहुजन समाज पार्टी के पिछले साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में अत्याचार एवं उत्पीड़न की घटनाओं में जिस तरह बेतहाशा वृद्धि हुई है और अधिकतर उत्पीड़न की घटनाएं दलित, पिछड़े एवं मुस्लिम वर्ग की हुई हैं और इस दौरान एक भी पीडि़त दलित परिवार को सांत्वना देने के लिए मुख्यमंत्री को समय नहीं मिला और अब जब विधानसभा चुनाव सन्निकट है और प्रदेश में बसपा के विरूद्ध जनता में विशेषकर दलित वर्ग में आक्रोश व्याप्त है तो सरकारी धन और प्रशासनिक मशीनरी का दुरूपयोग कर लाखों की भीड़ एकत्र कर अपनी ताकत और पार्टी की मजबूती का जो खोखला प्रदर्शन करने का मुख्यमंत्री का इरादा है वह सफल नहीं होने वाला है। प्रदेश का दलित वर्ग अब जागरूक हो चुका है। पत्थरों, स्मारकों, मूर्तियों और पार्कों से उसका विकास नहीं होने वाला है। बसपा के कुशासन से प्रदेश की जनता ऊब चुकी है। क्योंकि प्रदेश का दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग इनकी चाल में आने वाला नहीं है और इनका असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है।
प्रवक्ता ने कहा कि कानून व्यवस्था का आलम यह है कि बसपा के मंत्री तथा आईपीएस चाहे डी.डी. मिश्रा हो या अमिताभ ठाकुर चिल्ला-चिल्ला कर अपनी जान बचाने की गुहार कर रहे हैं और सरकार पर ही अपनी हत्या कराने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों द्वारा खुलेआम सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जा रहे हैं। सरेआम हत्याएं हो रही हैं, बलात्कार हो रहे हैं। सबसे शर्मनाक तो यह है कि दर्जनों जघन्य घटनाओं में बसपा के जनप्रतिनिधि शामिल रहे हैं।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि रैली के लिए अधिकारियों से चंदे वसूले जा रहे हैं और पूरा का पूरा शासन-प्रशासन रैली की तैयारी में जुटा है तथा प्रदेश की जनता को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया है। उन्होने कहा कि लगभग बीस हजार निजी एवं रोडवेज की बसों को जबरन रैली के लिए ली गयी है तथा लखनऊ में लाखों की भीड़ इकट्ठा की जा रही है उससे परीक्षार्थियों एवं आम जनता को आवागमन में जो कठिनाई होगी, उसके लिए पूरी तरह से बसपा जिम्मेदार है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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