समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि कांग्रेस और बसपा की जुगलबंदी के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश, जो कभी देश की शान रहा आज कंगाल और भिखमंगों का प्रदेश बताया जा रहा है। प्रदेशवासियों के स्वाभिमान पर यह गहरी चोट है। यहां की 20 करोड़ जनता को अपमानित, लांछित और उत्पीडि़त करने में कांग्रेस और बसपा में होड़ चलती दिखाई दे रही है। लोकतंत्र के प्रति दोनों की असहिष्णु भावना भी एक जैसी है। समाजवादी पार्टी की राय में प्रदेश की अस्मिता के साथ यह खिलवाड़ जानबूझकर हो रहा है लेकिन इसके परिणाम दोनों के लिए अंततः अच्छे नहीं होगें।
उत्तर प्रदेश की आज जो दुर्दशा है उसके लिए बसपा और कांग्रेस यही दो दल जिम्मेदार है। प्रदेश को लूटने में उनकी मिलीभगत मनरेगा, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, खाद्यान्न में केन्द्रीय सब्सिडी, इन सभी योजनाओं में घोटाला इस कदर हुआ कि दो सीएमओ की हत्या हो गई। डिप्टी सीएमओ की जेल के अंदर हत्या हो गई क्योंकि वह रहस्य का पर्दाफाश करनेवाले थे। केन्द्र के मंत्री प्रदेश सरकार के घोटालो की चर्चा जरूर करते है पर जनता की गाढ़ी कमाई की लूट रोकने के लिए आगे नहीं आते। केन्द्र की कांग्रेस सरकार अपनी योजनाओं को विफल होते और घोटाले होेते देखकर भी चुप है। बसपा सरकार कांगेसी संरक्षण से भयमुक्त है। बसपा और कांग्रेस दोनेां की नीतियां गरीब विरोधी और पूूंजीसमर्थक है। इसलिए मंहगाई और भ्रष्टाचार से दोनों ही पार्टियों को कोई चिन्ता नहीं है।
मुख्यमंत्री को प्रदेश के विकास में कोई रूचि नहीं रही है। साढ़े चार साल तक सिर्फ पत्थरों के पार्क, स्मारक, हाथी और अपनी तथा अपने घरवालों की मूर्तियां लगवाने में ही हजारों करोड़ रूपए फंूके गए हैं। दोनों के राज में आम जनता को कुछ नहीं मिला।
लोकतंत्र में अहिंसक विरोध प्रदर्शन कोई अपराध नहीं। संविधान भी इसकी इजाजत देता है। लेकिन बसपा कांग्रेस दोनों की लोकतंत्र में आस्था नहीं है। दोनों अपने विरोध को कुचलने के हामी है। मुख्यमंत्री को तो खैर कोई भी विरोध बर्दाश्त नहीं। शिक्षक, व्यापारी, छात्र, किसान मित्र, शिक्षा मित्र, वीपीएड डिग्रीधारक बेरोजगार, स्वास्थ्य रक्षक, वकील सभी उनकी लाठी खा चुके हैं। किसानों को लाठी और गोली दोनों का सामना करना पड़ा है। फरियादी भी सामने आया तो उसे जेल भिजवाने में मुख्यमंत्री ने देर नहीं की। झंूसी इलाहाबाद में कुछ नौजवानों ने कांग्रेस के युवराज को काला झण्डा दिखाया तो अतिरिक्त निष्ठा का प्रदर्शन करते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री जितिन प्रसाद और कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री प्रमोद तिवारी, अभिषेक यादव की जूतों से पिटाई करने लगे।
22 नवम्बर, 2011 को कैसरगंज बाजार बहराइच में समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने काला झंण्डा दिखाया तो उन पर भी जानलेवा हमला किया गया। पूर्व विधायक श्री रामतेज यादव के निर्वाचन क्षेत्र में जिला सचिव अनवर खाॅ, लोहिया वाहिनी के मनोज यादव उर्फ मुकेश, अजित सिंह तथा राजेश त्रिपाठी, कुलदीप यादव, एडवोकेट रज्जब खाॅ, मन्देश्वर, नन्द यादव, खरीमुद्दीन खाॅ, दुर्गा यादव, विजय यादव, केशवराम वर्मा, बेचनलाल वर्मा रामगोपाल शुक्ल पुलिस और कांगे्रसियों की पिटाई से घायल हो गए हैं। यह घोर निन्दनीय है। कांग्रेस और बसपा दोनों के चेहरे लोकतंत्र विराधी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com