सभी एंकाउंटरों की हो न्यायिक जांच- पीयूसीएल
पीपुल्स यूनियन फाॅर सीविल लिबर्टी (पीयूसीएल) ने गुजरात हाई कोर्ट द्वारा इषरत जहां मुठभेड कांड को फर्जी घोशित करने के फैसले का स्वागत किया है। संजरपुर स्थित कैंम्प कार्यालय में बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में पीयूसीएल के प्रदेष संयुक्त सचिव मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि फैसले के बाद अब जरूरी हो गया है कि सरकार आतंवाद के नाम पर हुये सभी एंनकाउंटरों की जांच के लिये एक विषेश न्यायिक जांच आयोग का गठन करे। ताकि उन एंकाउंटरों पर उठने वाले सवालों के भी जवाब जनता को मिल सकंे। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद सिर्फ दोशी पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करना न्यायसंगत नहीं होगा क्योंकि ये हत्या कांड नरेंद्र मोदी केे सहमति से हुआ था इसलिये मोदी पर भी मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिये।
मानवाधिकार नेता ने कहा कि इषरत जहां की हत्या करने वाले पुलिस कर्मियों ने दावा किया था कि उन्होंने केंद्रिय खुफिया विभाग के इनपुट पर उसे मारा था, इसलिये खुफिया विभाग के अधिकारियों पर भी मुकदमा दर्ज होना चाहिये। उन्होंने कहा कि इस फैसले से आजमगढ के उन तमाम परिवारों के लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद बढेगी जिन के परिवार के बच्चे आंतकवादी के नाम पर मारे और पकडे गये हैं। उन्होंने बाटला हाउस समेत कचहरी विस्फोट जिसमें आजमगढ के युवक मारे और पकडे गये हैं पर भी एसआईटी गठित करने की मांग की है। मसीहुद्दीन संजरी ने बताया कि फैसला आने के बाद उन्होंने इषरत की मां षमीमा कौसर और भाई अनवर से बात की जिन्होंने इस फैसलो को उन तमाम लोगों कंी जीत बताई जो उनके परिवार के साथ खडे रहे। यहां गौरतलब है कि इषरत जहां का परिवार बाटला हाउस कांड की बरसी पर संजरपुर में आयोजित मानवाधिकार सम्मेलन में षामिल होने आया था। बैठक में तारिक षफीक, सालिम दाउदी, विनोद यादव, असलम खान, गुलाम अम्बिया, वसीउद्दीन और अब्दुल्ला एडवोकेट इत्यादि मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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