- योजना में धनराशि की प्राप्ति एवं व्यय केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ही किया जाता है
- सभी निर्णय स्टेट हेल्थ सोसाइटी ही लेती है,इसमें शासन के उच्च स्तर से कोई हस्तक्षेप नहीं
- प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एन0एच0आर0एम0 में उपयोग की गयी धनराशि का केन्द्र द्वारा सूचीबद्ध आडिटर से आॅडिट के बाद ही भारत सरकार अगली किश्त जारी करता ह
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एन0एच0आर0एम0) में भ्रष्टाचार को लेकर कतिपय इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा शासन पर अंगुली उठाये जाने का जोरदार खण्डन करते हुए मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह ने कहा है कि इस योजना में शासन के उच्च स्तर से कोई दखल नहीं दिया जाता है।
श्री सिंह आज यहां मीडिया सेन्टर में पत्रकारों को माननीया मुख्यमंत्री जी के विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि उन्होंने (माननीया मुख्यमंत्री जी ने) एन0आर0एच0एम0 योजना की सी0बी0आई0 जांच कराये जाने का स्वागत किया था और अपेक्षा की है कि सी0बी0आई0 इस जांच को शीघ्र बिना किसी राजनैतिक दखलंदाजी के पूरा करेगी, ताकि दोषियों को कड़ी सजा दिलायी जा सके। उन्होंने कहा कि इस जांच को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने योजना के क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार के निर्देशों के क्रम में राज्य स्वास्थ्य समिति, जिला स्वास्थ्य समिति तथा अन्य समितियां गठित की गयी हैं। उन्होंने कहा कि स्टेट हेल्थ सोसाइटी की गवर्निंग बाडी के अध्यक्ष स्वयं प्रदेश के मुख्य सचिव है, जबकि एक्जीक्यूटिव कमेटी के अध्यक्ष चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव हंै। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक निर्णय इसी सोसाइटी द्वारा लिये जाते हैं।
श्री सिंह ने कहा कि इसी प्रकार जिला स्तर पर गठित जिला स्वास्थ्य समितियों के अध्यक्ष सम्बन्धित जिलों के जिलाधिकारी बनाये गये है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से स्वीकृत कार्ययोजना के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के लिये धनराशि इलेक्ट्रानिक ट्रान्सफर द्वारा राज्य सरकार को प्राप्त होती है। केन्द्र द्वारा प्राप्त इस धनराशि को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित वार्षिक कार्यक्रम क्रियान्वयन योजना, के अनुसार जिला स्वास्थ्य समितियों तथा अन्य संस्थाओं को आवंटित किया जाता है।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने बताया कि एन0आर0एच0एम0 के अन्तर्गत केन्द्र द्वारा आवंटित धनराशि के सापेक्ष व्यय का त्रैमासिक विवरण भारत सरकार को प्रेषित किया जाता है। उन्होंने केन्द्र से प्राप्त इस धनराशि की आॅडिट व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद भारत सरकार के ही सूचीबद्ध स्टेच्यूटरी आॅडिटर द्वारा लेखो का आडिट कराया जाता है। आॅडिट के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ प्रत्येक वर्ष की आडिट रिपोर्ट भारत सरकार को प्रेषित की जाती है। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि योजना के अन्तर्गत धन के व्यय की अद्यतन स्थिति से राज्य सरकार केन्द्र को निरन्तर अवगत कराती रहती है।
प्रत्येक वित्तीय वर्ष केन्द्र सरकार द्वारा योजना के क्रियाकलापों के अनुश्रवण के तौर तरीकों की जानकारी देते हुए श्री सिंह ने कहा कि इसके लिए भारत सरकार द्वारा गठित ज्वाइंट रिव्यू मिशन एवं कामन रिव्यू मिशन द्वारा प्रदेश का भ्रमण कर सभी योजनाआंे का स्थलीय निरीक्षण एवं अनुश्रवण किया जाता है तथा अपनी रिपोर्ट प्रेषित की जाती है जिसके आधार पर भारत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के लिए आगे की धनराशि जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अनुरोध पर ही भारत के महानियन्त्रक एवं लेखापरीक्षक वर्ष 2005-06 से 2010-11 के एन0एच0आर0एम0 के लेखों का स्पेशल आडिट सितम्बर 2011 से किया जा रहा हैै। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि एन0एच0आर0एम0 में किसी निर्णय के लिये शासन के उच्च स्तर की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि योजना में केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही भारत सरकार द्वारा धनराशि अवमुक्त की जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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