- कांग्रेस पार्टी को बुनकरों की स्थिति का ख्याल पहले क्यों नहीं आया
- कांग्रेस पार्टी को इस राजनैतिक चाल का कोई लाभ नहीं मिलने वाला
- राज्य सरकार ने सीमित संसाधनों के बावजूद बुनकरों की समस्याओं के समाधान एवं उनके कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये
उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री जी ने राज्य के बुनकरों के लिए संभावित आर्थिक पैकेज को चुनावी स्टंट बताया है। उन्होंने कहा है कि यदि वास्तव में केन्द्र सरकार बुनकरों के हितों के लिये प्रतिबद्ध होती तो राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर बुनकरों की बेहतरी के लिये किये गये अनुरोधों एवं दिये गये सुझाव पर अमल करती। उन्होंने कहा कि इतने समय तक मौन रहने के बाद अब केन्द्र सरकार राज्य के बुनकरों के लिये पैकेज की बात कह रही है। इससे साफ जाहिर है कि केन्द्र सरकार वास्तव में बुनकरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के बजाए केवल आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनैतिक ड्रामेबाजी कर रही है।
माननीया मुख्यमंत्री जी के इन विचारों से आज यहां एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में मीडिया को अवगत कराते हुए कैबिनेट सचिव श्री शशांक शेखर सिंह ने बताया कि राज्य के कई क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियां बुनकरों की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करती है। इसलिए बी0एस0पी0 सरकार के बनने के बाद बुनकरों की बेहतरी, उत्पादों के सुधार, विपणन तथा उनके कल्याण की योजनाओं के लिये भारत सरकार से सहयोग देने की मांग की गयी। उन्होंने कहा कि बुनकरों के कल्याण तथा बेहतरी के लिये तत्काल कई ऐसे निर्णय लिये जाने जरूरी थे, जो केवल केन्द्र सरकार द्वारा ही लिये जा सकते थे।
श्री सिंह ने कहा कि इसके अलावा मुख्य सचिव ने भी केन्द्रीय वस्त्र सचिव को पत्र लिखकर धागों की कीमत में 30 प्रतिशत का अनुदान देने, रूई का समर्थन मूल्य घोषित करने, कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने, धागों के विक्रय हेतु सरकारी डिपों खोलने और बुनकरों को ब्याज रहित ऋण देने का अनुरोध किया गया था, लेकिन केन्द्र ने राज्य सरकार के इस अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते केन्द्र सरकार ने इन मामलों में कार्रवाई की होती तो प्रदेश के बुनकरों की स्थिति काफी अच्छी होती।
कैबिनेट सचिव ने बताया कि बी0एस0पी0 सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य के बुनकरों की समस्याओं के समाधान एवं उनके कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं। उन्होंने कहा कि बुनकरों के कल्याण के लिए हेल्थ इंश्योरेन्स योजना को गम्भीरता से लागू कराया गया। हथकरघा वस्त्रों की बिक्री पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट दी गयी। इसके अलावा एकीकृत हथकरघा विकास योजना के तहत हथकरघा क्लस्टरों को लाभ पहुंचाया गया। राज्य सरकार द्वारा बुनकर बहबूदी (कल्याण) फण्ड स्थापित कर बुनकरों को सौर लालटेनों का वितरण कराया जा रहा है। हथकरघा बुनकर/बुनकर सहकारी समितियों तथा छीपी बुनकरों को दिये गये शासकीय ऋणों के ब्याज पर छूट प्रदान की गयी। इसके अतिरिक्त हजारों बुनकरों को करघा प्रशिक्षण देकर उत्पादन क्षमता में वृद्धि की गयी है।
श्री सिंह ने कहा कि पावरलूम क्षेत्र के बुनकरों के कल्याण के लिए प्रोत्साहन एवं विकास योजना के तहत पावरलूम बुनकरों की कार्यशैली व जीवनशैली में सुधार लाने के लिये उनके प्रशिक्षण हेतु योजना चलायी जा रही है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार ने पावरलूम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पावरलूम आधुनिकीकरण की योजना भी क्रियान्वित की है। बुनकरों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार कर उनकी उत्पादकता बढ़ाने तथा गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए बुनकरों को आधुनिक परिवेश के अनरूप तकनीकी एवं अन्य व्यवस्था हेतु वित्तीय मदद दिलाने का प्राविधान किया गया।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने बताया कि बुनकरों को प्रोत्साहित करने एवं सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाने के लिए राज्य सरकार ने बुनकरों को राज्य स्तर तथा परिक्षेत्र स्तर पर मान्यवर श्री कांशीराम जी राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना से सम्मानित करने की व्यवस्था की है। इस योजना की पुरस्कार राशि बढ़ाकर दोगुना से अधिक कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि हथकरघा उत्पादों को बिक्री के लिए बाजार मुहैय्या कराने हेतु विभिन्न क्षेत्रों में मेलों का आयोजन किया जाता है।
श्री सिंह ने बताया कि माननीया मुख्यमंत्री जी का मानना है कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में धागों की बढ़ी हुई कीमतें, तैयार माल के लिए सिकुड़ते बाजार एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार की कमी से बुनकरों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है, जिसके लिए केन्द्र सरकार ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि रेशम एवं सूती धागों की कीमतों का नियंत्रण केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के अधीन नेशनल हैण्डलूम डेवलपमेन्ट कारपोरेशन द्वारा बुनकरों को नियंत्रित दामों पर रेशम एवं सूती धागा उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा न तो देश से निर्यात होने वाले सूती धागों पर रोक लगायी गयी और न ही रेशमी धागों को समय से आयात करने के लिए कदम उठाया गया जिसके चलते धागों की कीमतों पर नियंत्रण नहीं हो पाया और इसका खामियाजा प्रदेश के बुनकरों को उठाना पड़ रहा है।
माननीया मुख्यमंत्री जी का यह भी कहना है कि कांग्रेस पार्टी एवं उसके युवराज को प्रदेश के बुनकरों की स्थिति का ख्याल पहले क्यों नहीं आया। उनका कहना है कि अब जब कांग्रेस को राज्य में अपनी स्थिति की हकीकत की जानकारी हो रही है तो वह चुनावी लाभ पाने के लिए सभी हथकंडे अपना लेना चाहती है। उन्होंने बुनकरों की समस्याओं के लिए केन्द्र सरकार ने सीधे तौर पर जिम्मेदार बताते हुए कहा कि विधानसभा का आम चुनाव नजदीक आते ही केन्द्र सरकार को बुनकरों का ख्याल आने लगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र की इस हरकत को प्रदेश के बुनकर एवं जनता अच्छी तरह से समझती है। इसलिए कांग्रेस पार्टी के इस राजनैतिक चाल का उसे कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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