समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री के संरक्षण में बसपा के मंत्री और विधायक सत्ता में आने के पहले दिन से ही लूट, वसूली, हत्या, अपहरण और अवैध कब्जों के धंधे में लग गए थे। इनमें से कुछ की पोल पहले खुल गई, कुछ की खुल रही है और कुछ प्रतीक्षा सूची में है। घोटालों की पर्ते खुल रही हैं। ऐसा महाभ्रष्ट शासन प्रदेश में कभी नहीं दिखा। सीबीआई इनकी जांच में लगी है। लोकायुक्त की जांच के बाद चार मंत्री बर्खास्त हो गए। अभी और भी कई मंत्रियों और बसपा विधायकों की जांच हो रही है। मुख्यमंत्री पहले तो इन्हें जांच से बचाने का प्रयास करती हैं फिर दोषसिद्ध होने पर भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मुदकमा नहीं चलाती हैं। अपराधिक तत्वों के साथ उनकी मिलीभगत के कारण ही प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है। हर ओर अराजकता है।
लोकायुक्त की जांच में सर्वश्री राजेश त्रिपाठी, अवधपाल सिंह, रंगनाथ मिश्र, बादशाह सिंह की कुर्सी जा चुकी है। लोकायुक्त के यहां मंत्रियों में रतनलाल अहिरवार, लालजी वर्मा, लक्ष्मी नारायण, राकेशधर त्रिपाठी, नारायण सिंह, अयोध्यापाल के अलावा मंत्री अब्दुल मन्नान, राम अचल राजभर के खिलाफ भी शिकायतें जांच में लम्बित है।
प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्री रामवीर उपाध्याय और ग्राम विकास मंत्री श्री दद्दू प्रसाद मुख्यमंत्री के विश्वस्त सहयोगी है। इनके खिलाफ भी गम्भीर आरोप लगाते हुए लोकायुक्त के यहां शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। हाथरस (महामायानगर) के श्री देवेन्द्र अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि श्री रामवीर उपाध्याय के पिता राज्य सड़क परिवहन निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहते हुए सेवानिवृत्त हुए। वर्ष 1995 तक इनके पास कोई जमीन जायदाद नहीं थी परन्तु आश्चर्यजनक तरीके से वर्ष 1996-97 में श्री रामवीर उपाध्याय के मंत्री बनने के बाद से करोड़ों रूपए की जमीन जायदाद इनके परिवार के नाम हो गई है। सत्ता के दुरूपयोग से पुरातत्व संरक्षित इमारत में अवैध निर्माण तथा अपनी कोठी के सामने पार्क पर अवैध कब्जे के भी आरोप शिकायत में लगाए गए हैं। श्री देवेन्द्र अग्रवाल को ये शिकायतें दर्ज कराने के बाद उसको झूठे मामलों में फंसाने और हत्या तक कर दिए जाने की आशंका है। उन्होने अपनी सुरक्षा की मांग की है।
ग्राम्य विकास मंत्री दद्दू प्रसाद के खिलाफ चित्रकूट के महेन्द्र कुमार ओबेराय ने लोकायुक्त के यहां शिकायत दर्ज कराई है कि मंत्री महोदय ने पद का दुरूपयोग कर अकूत संपत्ति अर्जित की है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में नशे की गोली खाकर जीवन को समाप्त करने को मजबूर कमला कुशवाहा के साथ दुष्कर्म में मंत्री और उनके एक निकटस्थ व्यक्ति का नाम भी आया है। सीजेएम के यहां कलमबंद बयान में युवती ने अपने यौन शोषण की बात कहीं थी।
बसपा सरकार और इसकी मुख्यमंत्री ने शासन करने का अधिकार खो दिया है। यह सरकार सीबीआई और लोकायुक्त के जांच के घेरे में है। इस पूरी सरकार का जेल में जाना अपने ढंग की एक अनोखी घटना होगी जो उत्तर प्रदेश में जल्दी ही घटित होगी। समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो भी दागी जेल के अन्दर ही होगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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