राष्ट्रीय लोकदल के महासचिव व प्रवक्ता अनिल दुबे ने प्रदेेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती द्वारा उ0प्र0 को चार छोटे राज्यों मेें विभक्त करने के लिए विधान सभा मे प्रस्ताव लाने के फैसले को राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष चैधरी अजित सिंह द्वारा छोटे राज्यों के लिए किये गये संघर्ष का परिणाम बताया है।
आज लखनऊ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए श्री दुबे ने कहा कि सुश्री मायावती को यह फैसला साढ़े चार वर्ष पूर्व करना चाहिए था। परन्तु साढ़े चार वर्षो मेें उन्हें उ0प्र0 के पिछड़ेपन की याद नहीं आयी और न ही उन्हांेंने उनके लिए कोई सार्थक प्रयास किये छोटे राज्यों के गठन को लेकर वे चिट्ठी ही लिखती रही और अब चुनाव सर पर तथा अपना दरकता जनाधार देखकर उन्हें यह फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा देर से ही सही छोटे राज्यों के गठन का प्रस्ताव विधान सभा मे लाने पर राष्ट्रीय लोकदल उस प्रस्ताव का समर्थन करेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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