भारतीय जनता पार्टी के राष्टीय उपाध्यक्ष एवं जन स्वाभिमान यात्रा के नायक कलराज मिश्र ने कहा कि राहुल गांधी व मायावती मिलकर उ0प्र0 में नूरा-कुश्ती का खेल-खेल रहें हैं। दोनों अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों में एक-दूसरे पर टिप्पणी कर अपनी-अपनी जिम्मेंदारियों से जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं। मायावती को अहंकारी मुख्यमंत्री की संज्ञा देते हुए कहा कि चुनाव नजदीक देख विभिन्न वर्गों के लिए लोक लुभावन बातें कही जा रही हैं।
श्री मिश्र ने आज द्वितीय चरण की जनस्वाभिमान यात्रा के छठे दिन विभिन्न सभाआंे में बोलते हुए कहा कि ब्राह्मणों को लुभाने का नाटक किया जा रहा है। यह वर्ग बसपा का असली चेहरा देख चुका है। एस0सी0, एस0टी ऐक्ट के दुरूपयोग से सभी वाकिफ हैं। अभी एक ताजा प्रकरण हुआ। एक ईमानदार पुलिस अधिकारी को मुंह खोलने पर पागल करार दे दिया गया। डी0डी0 मिश्रा का सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह का व्यवहार उनके साथ हुआ वह निन्दनीय है। बसपा शासन में जिस तरह के व्यवहार ब्राह्मणों के साथ हुए हैं उसमें तो ब्राह्मणों को इनका बहिष्कार तक कर देना चाहिए। ्मुख्यमंत्री ने कल अपनी सभा में जिस तरह से दूसरे दलों के मुख्यमंत्रियों की घोषणा की उसपर कहा कि यह बयान दो वर्गों को आपस में लड़ाने के लिए दिया गया है।
उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में कांग्रेस अपना जनाधार बनाने में लगी है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने बिहार में भी बड़ी सक्रियता दिखाई थी। पर जब परिणाम आये तो सभी वाकिफ हैं कि क्या हुआ। उ0प्र0 में बसपा, कांग्रेस जनसमस्याओं से ध्यान हटाने के लिए वाक युद्ध से नूरा-कुश्ती का खेल-खेल रहे हैं। आमजन की समस्याओं के लिए जवाबदेह केन्द्र और प्रदेश सरकारें जन समस्याओं के सवाल पर कटघरे में है। किसान डी0ए0पी0 के लिए मारा-मारा फिर रहा है। केन्द्र कहता है हमने खाद भेजी। प्रदेश सरकार बिचैलियों की संरक्षण की नीति के चलते खाद उपलब्ध नहीं करा पा रही है। प्रदेश भर में बुआई का सीेजन चल रहा है डी0ए0पी0 जर्बदस्त संकट है। पूरे प्रदेश की ऐसी हालत हो गई है जो बर्दाश्त के बाहर है।
श्री मिश्र ने सपा, बसपा दोनों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मंहगाई के सवाल पर कांग्रेस के साथ यह दल भी दोषी हैं। दिल्ली में दोस्ती और उ0प्र0 मे दुश्मनी का खेल चल रहा हैे। प्रदेश की बदहाली के लिए भी तीनों दल कटघरेे में है। लोकतंत्र की निचली ईकाई ;स्थानीय निकाय द्ध का चुनाव सरकार चाहती तो हो जाता पर जनाक्रोश से डरी सहमी यह सरकार विधानसभा चुनाव से पहले किसी तरह का खतरा मोल नहीं लेना चाहती। इसलिए लगातार यह कोशिश होती रही कि राजनीतिक दलों के सिम्बल पर चुनाव न हो। सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र विरोधी है। चुने हुए जनप्रतिनिधियों को हटाकर प्रशासक बैठाना अलोकतांत्रिक कदम है। स्थानीय निकाय का चुनाव जल्दी से जल्दी से करायें जाए।
श्री मिश्र के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ला, स्वतंत्र देव सिंह, पार्टी प्रवक्ता हृदयनरायण दीक्षित, विजय बहादुर पाठक, प्रदेश मंत्री निरंजन ज्योति, पूर्णिमा वर्मा, अनुपमा जायसवाल, किसान मोर्चा व महिला मोर्चा की महामंत्री क्रमशः दिनेश दुबे व कमलावती सिंह, पूर्व सांसद गंगाबख्श सिंह, जिलाध्यक्ष राजीव रंजन मिश्र आदि लोग मौजूद थेे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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