बहुजन समाज पार्टी के तŸवावधान में आज यहाँ स्मृति उपवन, निकट बिजली पासी कि़ला, आशियाना में आयोजित “बी.एस.पी. ब्राह्मण समाज भाईचारा प्रदेश-स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन” में भारी तादाद में उŸार प्रदेश के कोने-कोने से आये ब्राह्मण समाज के लोगों ने काफी जोश व उत्साह के साथ भाग लेते हुये बी.एस.पी. को तन, मन, धन से सहयोग जारी रखने का संकल्प लिया, जिसके लिये इनका तहेदिल से आभार प्रकट करते हुये इस सम्मेलन की मुख्य अतिथि बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उŸार प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने अपने सम्बोधन में सबसे पहले इस बात को दोहराया कि बी.एस.पी. ही देश में एक ऐसी पार्टी है जिसकी विचारधारा एवं उद्देश्य सही मायने में सर्वसमाज व देश हित में है।
और इस सम्बंध में विस्तार से अपनी बात रखते हुये उन्होंने सम्मेलन में बताया कि बी.एस.पी. में ब्राह्मण समाज व अपरकास्ट की अन्य जातियों के जुड़ने से पहले सभी विराधी पार्टियों के लोग और उसमें भी ख़ासतौर से कांग्रेस पार्टी व भाजपा के लोग, अपने राजनीतिक स्वार्थ हेतु बी.एस.पी. में अपरकास्ट समाज को जुड़ने से रोकने के लिये अनेकों प्रकार के हथकण्डे इस्तेमाल करने के साथ-साथ बी.एस.पी. को अपरकास्ट समाज के खि़लाफ होने व जातिवादी पार्टी होने का प्रचार करते रहते थे, जबकि यह जग-ज़ाहिर है कि उनका यह आरोप पूरी तरह से मिथ्या प्रचार व ग़लत एवं तथ्यहीन है। सुश्री मायावती ने इस सम्बंध में फिर से अपनी बात दोहरायी कि बी.एस.पी. सर्वसमाज की पार्टी है एवं इसकी विचारधारा एवं उद्देश्य किसी जाति व धर्म के खि़लाफ नहीं हंै, बल्कि पूर्ण रूप से सर्वसमाज व सभी धर्मों के हित में है अर्थात् बी.एस.पी. इस देश में वर्ण व्यवस्था के तहत निर्मित की गयी ग़ैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था को बदलकर यहाँ समाज में “समतामूलक समाज व्यवस्था” की स्थापना करना चाहती है, जो सम्पूर्ण रूप से देश व सर्वसमाज के हित में है।
इसके साथ-साथ, विरोधी पार्टियों द्वारा राजनीतिक षड्यंत्र के तहत बी.एस.पी. के ऊपर जातिवादी होने का आरोप लगाये जाने के सम्बंध में करारा जवाब देते हुये उन्होंने कहाकि देश में दलित व अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में लोग, जो पहले से ही यहाँ सदियों से चली आ रही ग़ैर-बराबरी वाली व्यवस्था के कारण जातिवाद के शिकार रहे हैं, तो फिर जातिवाद से पीडि़त ये लोग समाज में जातिवाद को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं। बल्कि इस बारे में वास्तविकता यह है कि अपने राजनीतिक स्वार्थ हेतु विरोधी पार्टियाँ ही यहाँ अपने देश में जातिवाद को संरक्षण एवं बढ़ावा दे रही हैं।
इन सब बातों पर विस्तार से रौशनी डालते हुये आगे अपने सम्बोधन में उन्होंने उŸार प्रदेश में ब्राह्मण समाज व अपरकास्ट समाज की अन्य जातियों के लोगों की इस बात के लिये भरपूर सराहना की कि इन्होंने प्रदेश में सन् 2007 में यहाँ विधानसभा के लिये हुये आम चुनाव से कुछ वर्ष पहले से ही बी.एस.पी. की विचारधारा एवं उद्देश्य को सही ढंग से समझा और साथ ही विरोधी पार्टियों की अफवाहों को नकारते हुये बड़ी तादाद में बी.एस.पी. से जुड़े, जिसको ध्यान में रखकर ही इनको पार्टी संगठन में सभी छोटे-बड़े चुनावों में उचित प्रतिनिधित्व दिया गया और साथ ही सरकार बनने पर इन्हें समुचित भागीदारी प्रदान की गयी, जिसकी हक़ीक़त सबके सामने है। इस प्रकार, बी.एस.पी. द्वारा उठाये गये इन क़दमों के फलस्वरूप अपरकास्ट समाज के लोगों में काफी प्रसन्नता है, परन्तु विरोधी पार्टियों के लोगांे में काफी ज़्यादा हताशा व निराशा है और प्रदेश में विधानसभा का आम चुनाव नज़दीक होने के कारण इन विरोधी पार्टियों के लोग साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों का इस्तेमाल करके ब्राह्मण समाज व अपरकास्ट समाज की अन्य जातियों को बी.एस.पी. के प्रति गुमराह करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं, जिसके प्रति सुश्री मायावती ने लोगों को सावधान व सतर्क किया।
इस मौक़े पर उन्होंने स्पष्ट कहाकि यदि ब्राह्मण समाज व अपरकास्ट समाज की अन्य जातियों के लोग आगे भी बी.एस.पी. के साथ पूरी तन्मयता, ईमानदारी व निष्ठा के साथ जुड़े रहे तो उन्हें हर मामले में व हर स्तर पर आगे भी बढ़ावा दिया जाता रहेगा अर्थात् किसी भी प्रकार का कोई सौतेला रवैया उनके खि़लाफ किसी भी स्तर पर नहीं होने दिया जायेगा।
साथ ही, उन्होंने इस सम्मेलन में उन सब महŸवपूर्ण कार्यों का भी उल्लेख किया, जो उनके नेतृत्व में चल रही वर्तमान बी.एस.पी. सरकार ने अपनी “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” की नीति के आधार पर चलकर यहाँ अपरकास्ट समाज के हित में अनेकों महŸवपूर्ण कार्य किये हैं, जिनमें से सर्वप्रथम प्रदेश में बड़ी मेहनत से “क़ानून द्वारा क़ानून का राज” स्थापित करके “गुण्डाराज” व “गुण्डा टैक्स” आदि के अभिशाप से मुक्ति दिलाकर यहाँ अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त एवं भ्रष्ट्राचारमुक्त तथा विकासयुक्त वातावरण पैदा करके ख़ासकर अपरकास्ट समाज के लोगों विशेषकर व्यापारी वर्ग के लोगों को भारी राहत पहुँचाना, निर्दोष व्यक्तियों के पुलिस उत्पीड़न को रोका जाना, अंग्रेज़ी भाषा की पढ़ाई प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा-1 से शुरू करके सर्वसमाज के ग़रीब बच्चों में भी जीवन में आगे बढ़ने का आत्मविश्वास पैदा किया जाना, दिल्ली के नज़दीक जि़ला गौतम बुद्ध नगर में स्थापित विश्वस्तरीय गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में अपरकास्ट समाज के ग़रीब छात्र/छात्राओं के लिये भी देश में पहली बार सरकारी ख़र्चे पर यूरोप में एक सेमेस्टर की पढ़ाई की व्यवस्था करने के साथ-साथ, अपरकास्ट समाज के ग़रीब बच्चे/बच्चियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हेतु अच्छी कोचिंग की व्यवस्था, लखनऊ में उŸार प्रदेश विकलांग उद्धार डा. शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय की स्थापना, सरकारी नौकरियों में सामान्य वर्ग के लोगों की भर्ती पर लगी रोक को हटाया जाना, व्यापारियों का उत्पीड़न रोकने के लिये “सेटलमेन्ट कमीशन” की स्थापना, व्यापारियों के विरुद्ध अभियोजन की सख़्त व्यवस्था को समाप्त करना, महामाया सर्वजन आवास योजना के अन्तर्गत सर्वसमाज के आवासविहीन परिवारों को निःशुल्क आवास उपलब्ध कराने की व्यवस्था, सभी प्रकार की पेंशन राशि दोगुनी बढ़ाकर 300 रुपये की व्यवस्था, अपरकास्ट वर्गों में से ग़रीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को भी खेती करने के लिए खाली पड़ी सरकारी ज़मीन का आवंटन, “मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना” के तहत् सवर्ण समाज के शहरी ग़रीबों को लाभान्वित किया जाना, उŸार प्रदेश ज़मींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम में संशोधन कर सर्वसमाज की अविवाहित पुत्री को भी पिता की सम्पŸिा में वारिसाना अधिकार दिया जाना आदि प्रमुख हैं।
इसके साथ ही, बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती ने कहाकि यह बड़े दुख की बात है कि देश की सŸाा काफी लम्बे समय तक अपरकास्ट समाज के हाथों में रहने के बावजूद भी, देश में अपरकास्ट समाज में कुछ मुट्ठीभर लोगों को छोड़कर ज़्यादातर ये लोग आर्थिक व अन्य क्षेत्रों में काफी पिछड़े हुये हैं तथा इस अपरकास्ट समाज में भी ग़रीबी व बेरोज़गारी काफी ज़्यादा है। यही मुख्य कारण है कि आज पूरे देश में अपरकास्ट समाज में से ग़रीब व बेरोज़गार लोग शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आर्थिक आधार पर आरक्षण की माँग कर रहे हैं, जिसका बी.एस.पी. ने हमेशा पुरज़ोर समर्थन किया है और इस सम्बंध में माननीय प्रधानमंत्री जी को कई बार पत्र लिखकर भी अनुरोध किया गया है।
अपने सम्बोधन के अन्त में सुश्री मायावती ने यहाँ अपने देश में दलित व अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान् सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों में भी ख़ासकर महात्मा ज्योतिबा फुले, राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि के बताये हुये रास्तों पर चलकर, इन्हें अपनी सरकार में विभिन्न रूपों में पूरा-पूरा आदर-सम्मान देने का उल्लेख करते हुये ब्राह्मण समाज व अपरकास्ट समाज की अन्य जातियों से भी इनके पद्चिन्हों पर चलने की पूरज़ोर अपील की ताकि सर्वसमाज में आपसी भाईचारा पैदा हो और सर्वसमाज के लोग मिलकर तरक़्क़ी कर सकें एवं अपना देश व प्रदेश हर मामले में ख़ुशहाल बन सके।
इन लफ्ज़ों में अपनी इस अपील के बाद उन्होंने इस ‘ब्राह्मण समाज प्रदेश-स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन’ को सफल बनाने हेतु पार्टी के सभी जि़म्मेदार लोगों का आभार प्रकट किया।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री, उŸार प्रदेश सुश्री मायावती जी के सम्मेलन स्थल पहुँचने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, राज्यसभा सांसद व उ.प्र. राज्य सलाहकार परिषद् के अध्यक्ष श्री सतीश चन्द्र मिश्र ने सुश्री मायावती जी का स्वागत करते हुये बी.एस.पी. के प्रति अपनी पूर्ण आस्था जताई एवं पार्टी द्वारा सौंपी गयी विभिन्न जि़म्मेदारियों को और भी ज़्यादा ईमानदारी व निष्ठा के साथ करने का भरोसा दिलाया।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के आदर-सम्मान में अनेकों गीत प्रस्तुत किये गये। इस ब्राह्मण समाज भाईचारा प्रदेश-स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को अन्य लोगों के अलावा, वरिष्ठ काबीना (ऊर्जा) मंत्री श्री रामवीर उपाध्याय, श्री गोपाल नारायण मिश्रा, श्री ओ. पी. त्रिपाठी, श्री रंगनाथ मिश्रा, श्री सुबोध पराशर आदि ने मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने अपना क़ीमती व व्यस्त समय निकालकर सम्मेलन में शिरकत की एवं आशीर्वाद व ज़रूरी दिशा-निर्देश देकर सम्मेलन की सफलता में चार-चाँद लगाया। श्री बृजेश पाठक, बी.एस.पी. राज्यसभा सांसद ने इस सम्मेलन का बेहतरीन तरीक़े से संचालन किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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