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उ0प्र0 के बिभाजन के मामले केा नया मोड देने की कोशिश

Posted on 13 November 2011 by admin

स्वाभिमान यात्रा पर निकले पूर्व भाजपा अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह नेगोरखपुर (उत्तर प्रदेश) की प्रेस वार्ता में उ0प्र0 के बिभाजन के मामले केा नया मोड देने की कोशिश करते हुऐ बसपा सरकार को कटघरे मे खडा करते हुऐ कहा कि
पिछले कुछ वर्षों से उत्तर प्रदेश विकास की दौड़ में लगातार पिछड़ता जा रहा है। जहां एक ओर पड़ोसी राज्य बिहार 11 प्रतिशत से अधिक की गति से विकास कर रहा है वही उत्तर प्रदेश की विकास दर महज 6 फिसदी के आस-पास ही सिमट गई है।
उत्तर प्रदेश की विकास की गति न केवल धीमी है बल्कि क्षेत्रीय असमानताओं को बढ़ाने वाली भी है। योजना आयोग द्वारा विकास के 36 मापदण्डों को मिलाकर एक Composite Development Index (CDI)  तैयार किया है। जिससे यह पता चलता है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलें प्रदेश के सर्वाधिक पिछड़ें जिलों में गिने जाते हंै। प्रदेश की बसपा सरकार द्वारा क्षेत्रीय असमानता को मिटाने की दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया जा रहा है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखण्ड क्षेत्र के पिछड़ेंपन को दूर करने के लिए प्रदेश स्तर पर एक पूर्वांचल विकास निधि स्थापित की गई थी। लेकिन यह योजना अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल नहीं हुई है क्योंकि शासन स्तर पर इस योजना में भयंकर भ्रष्टाचार हुआ है। पिछले साल CAG ने अपनी Audit Report  में यह खुलासा किया कि पूर्वांचल विकास निधि में 2004 से लेकर 2009 तक कुल 2482 करोड़ रूपए आबंटित हुए। जिसमें से करीब 330 करोड़ रूपए का घोटाला हुआ है। जो राशि खर्च हुई है उसका एक बड़ा हिस्सा अन्य मदों में Divert  किया गया है। यही कारण है कि करोड़ रूपए खर्च करने के बावजूद पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखण्ड में समस्या जस की तस है। भाजपा यह मांग करती है कि उत्तर प्रदेश सरकार पूर्वांचल विकास निधि में हुए घोटाले पर जनता को स्पष्टीकरण दे। यदि भाजपा सत्ता में आई तो पूर्वांचल विकास निधि में हुए घोटालों की जांच कराई जाएगी।प्रदेश की मायावती सरकार ने साढ़े चार वर्षों तक प्रदेश में व्याप्त क्षेत्रीय असमानता को मिटाने का कोई प्रयास नही किया है और अब जब विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए है तो उत्तर प्रदेश के विभाजन का शिगूफा छोड़ा जा रहा है। उत्तर प्रदेश का विभाजन आनन-फानन में नहीं किया जाना चाहिए। बसपा सरकार अपनी अक्षमताओं को छिपाने के लिए और जनता का ध्यान बांटने के लिए उत्तर प्रदेश के विभाजन का चुनावी स्टंट कर रही है।
भाजपा का मत है कि राष्ट्रीय स्तर पर नए राज्यों के गठन की मांग को लेकर एक राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया जाना चाहिए। जो नए राज्यों की स्थापना से जुड़े सभी पहलुओं पर गंभीरतापूर्वक विचार करें। राज्य पुनर्गठन आयोग सभी नए राज्यों के गठन कीFeasibility और Viability  के साथ भौगोलिक परिस्थितियों की विस्तृत विवेचना करें तभी नए राज्यों का गठन किया जाना चाहिए।
पिछले दिनों गोरखपुर क्षेत्र में इंसेफिलाइटिस के कारण करीब 500 से भी अधिक बच्चों की मृत्यु की घटनाएं सामने आई हैं। इस बीमारी के संकट से निपटने की बजाय प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार के साथ वाक युद्ध करने में अधिक ध्यान लगाया।इस तरह के संकट से निपटने के लिए किसी सरकार में जो संवेदनशीलता और मजबूत इच्छाशक्ति होनी चाहिए थी उसका मौजूदा प्रदेश सरकार में सर्वथा अभाव है। उत्तर प्रदेश में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद कमी है जिसके कारण इंसेफिलाइटिस जैसी बीमारियां बड़ी तेजी से फैलती है। केन्द्र सरकार द्वाराNational Rural Health Mission (NRHM)  के अन्तर्गत कई हजार करोड़ रूपए की धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार को आबंटित की गई। मगर उसमें हुए भ्रष्टाचार के कारण करीब 8 हजार करोड़ रूपए से भी अधिक का घोटाला हुआ। घोटाले की इस राशि को लेकर हुई बंदरबाट के चलते लखनऊ के तीन-तीन CMO की हत्या हो गई। बसपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में ही नहीं अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। प्रदेश की जनता इस भ्रष्ट शासन व्यवस्था से त्रस्त हो चुकी है और अब इससे मुक्ति चाहती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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