समाजवादी पार्टी के प्रदेष प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री के विकास के दावों की पोल खुलती जा रही है। बड़े-बड़े विज्ञापनों और होर्डिगों में अपनी सफलता के लम्बे चैड़े दावे करनेवाली बसपा सरकार सिर्फ षिलान्यास और उद्घाटन के नाटक दिखाती रही है। यह भी साबित हो रहा है कि सरकार विषेश आर्थिक मदद की मांग केन्द्र से ज्यादा से ज्यादा रकम अपनी टेट में रखने के लिए ही करती है। जनहित और जनकल्याण से इस का कोई मतलब नहीं है।
प्रदेष के आपदा राहत विभाग ने केन्द्र को बाढ़ से नुकसान का मेमोरेडम भेजा था। उसकी पड़ताल में आई केन्द्रीय गृह मंत्रालय और योजना आयोग की टीम ने पिकप भवन में केन्द्रीय टीम के साथ आपदा राहत, सिंचाई, लोक निर्माण, ऊर्जा, पषुपालन, स्वास्थ्य, स्थानीय निकाय एवं परिवार कल्याण विभाग के अफसरों के साथ बैठक की। टीम ने जब 18 आपदाग्रस्त घोशित जिलों पर 15 अरब की विषेश आर्थिक मदद का परीक्षण किया तो जांच में पता चला कि जहाॅ बाढ़ नहीं आई वहां भी भारी नुकसान दिखा दिया गया। यही नहीं वहां सड़क, नाला, पुलिया के बह जाने का भी झूठा ब्यौरा दिया गया। सिंचाई विभाग ने मरम्मतषुदा पुलों और बंधों को भी क्षतिग्रस्त बता दिया।
दरअसल प्रदेष की बसपा सरकार ने विकास के नाम पर सिर्फ घोटाले ही किए हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन का मामला हो या धान गेहूॅ खरीद का हर तरफ माफिया, अफसरषाही और मुख्यमंत्री बिजली पैदा करने के दावें कर रही है, विष्व बैंक के पैसों का दुरूपयोग हो रहा है, जनता की गाढ़ी कमाई पत्थर के हाथियों और मुख्यमंत्री के परिवार की मूर्तियों पर खर्च हो रही है और इसमें भी कमीषन तय है मुख्यमंत्री का।
प्रदेष में स्थिति विस्फोटक है। समाज का हर वर्ग त्राहि-त्राहि कर रहा है। व्यापारी, षिक्षक, वकील, छात्र, सभी सरकारी दमन चक्र में पिस रहे हैं। महिलाओं की इज्जत लुट रही है। पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को परेषान किया जा रहा है। इस सरकार की इन तमाम जन विरोधी हरकतों पर महामहिम राज्यपाल और केन्द्र सरकार की चुप्पी आष्चर्यजनक है। उत्तर प्रदेष में वस्तुतः धारा 356 का प्रयोग होना चाहिए क्योंकि बसपा सरकार सत्ता और संविधान का पूरी तरह दुरूपयेाग कर रही है। उनके भ्रश्टाचार पर अंकुष न लगा तो यह प्रदेष गहरे आर्थिक राजनीतिक संकट में फंस जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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