जनपद हरदोई में हत्याओ का सिलसिला थम नहीं रहा किसी का खुलासा होता तो कोई मामला पुलिस की फाइलों में कैद होकर रह जाता फिर कुछ समय बाद उसमें फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस को गुमनाम अंधेेरे में कैद कर दिया जाता है। उनमें लावारिष जो रेलवे लाइन के पास मिलती है वो भी किसी का भाई पिता या पति के रुप में होता है। कोई विस्तृत क्षेत्र्र नहीं केवल हरदोई से कौढ़ा स्टेषन के बीच सप्ताह में दो शव मिलने का औसत है जो महीने मे 8 या 10 शव कई सालों से प्राप्त हो रहे है। लावारिष के रुप मे कभी भी कहीं पर उनकी षिनाख्त नहीं हो पा रही, कोई भी विज्ञापन या पोस्टर चस्पा करके जानकारी लेने की कोषिष नही की जाती। केवल ट्रेन से गिरकर मृत्यु होने का कारण बताया है। गंभीरता पूर्वक आर0पी0एफ या जी0आर0पी इन्हंे क्यों नही लेती। ऐसे प्रकरण मे इनके पास से कोई पहचान या रेलवे टिकट भी नहीं मिलता है वजह केवल एक ही होती है कि गिरनेे से मृत्यु हुई और फाइल बंद कर दी जाती है। यही हाल जनपद पुलिस का है। कोतवाली देहात मे एक लेखपाल को पीट पीट कर मार डाला गया, सुरसा ब्लाक मे एक युवक की हत्या हो जाती है, बिलग्राम मे डाक्टर की हत्या एक नहींे दो नहीं दर्जनो मामलों मे पुलिस का रवैया उदासीन रहा। इन केसो का खुलासा अभी तक नही हो पाया है। इस सम्बंध मंे एएसपी अनिल कुमार सिंह का कहना है कि कहीं कोई निदोष न फंस जाये इसलिये पूरी जांच करके ही खुलासा किया जाएगा। केवल इसी वर्ष 4 मई को लेखपाल की महेंद्र नगर मे हत्या हुई, षिवपार महोलिया में व्यापारी की हत्या 25 मई को, 6 जून को सुरसा मे युवक की हत्या ,19 जून को बिलग्राम मे डाक्टर की हत्या , 15 फरवरी को साण्डी में 7 अक्टूबर को पहाड़पुर में 10 अक्टूबर को रहेलिया मे 28 सितम्बर को गोटरिया में आखिर कब होगा इनका खुलासा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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