केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह के देश भर के प्राइमरी स्कूलों में स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित करने वाले संदेश को देश के तमाम गैर कांग्रेस शासित राज्यों में बच्चों के बीच प्रसारित किये जायेंगे, किन्तु उ0प्र0 एक ऐसा राज्य है जहां प्रधानमंत्री के इस महत्वपूर्ण संदेश को प्रसारित किये जाने में मुख्यमंत्री सुश्री मायावती राजनीति तलाश रही हैं। राज्य सरकार का यह कदम न सिर्फ निन्दनीय है बल्कि किसी भी हालत में बर्दाश्त करने के काबिल नहीं है।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि इस संदेश में प्रधानमंत्री श्री सिंह के अपने जीवन के उन दिनों का संस्मरण है जब वह प्राइमरी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे और किस कठिनाइयों और संघर्षों से उन्हें गुजरना पड़ा। बच्चों को प्रेरित करने वाले इस संदेश में लिखा है कि ‘‘जब मैं गांव के प्राइमरी स्कूल जाता था तो गांवों में न तो बिजली थी और न ही पक्की सड़कें थीं। यातायात के साधन नहीं थे। मैं पैदल स्कूल जाता था। लेेकिन मैंने कठिन परिश्रम किया जिसका मुझे ईनाम मिला और मैंने इसी कठिन परिश्रम के बदौलत कामयाबी हासिल की और भारत के महत्वपूर्ण पदों तक पहंुचा।’’ उक्त प्रेरणादायी संदेश को आगामी 14नवम्बर को देश भर के सभी प्राइमरी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के माध्यम से बच्चों के बीच प्रसारित किया जाना है।
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह के उक्त संदेश को उ0प्र0 के तीन लाख प्राइमरी स्कूलों में प्रसारित कराने हेतु राज्य सरकार के पास संसाधन नहीं है और उसने अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी है, जबकि मुख्यमंत्री की फोटोयुक्त संदेश की होर्डिंग्स को स्कूलों के बाहर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री को प्राइमरी स्कूलों के होनहार बच्चों के बीच प्रधानमंत्री के इस प्रेरणादायी संदेश केा पहुंचाने में भी राजनीति सूझ रही है, जो कि किसी भी तरह उचित नहीं है। देश के भावी कर्णधारों को प्रधानमंत्री के इस प्रेरणाप्रद संदेश से वंचित करना मुख्यमंत्री की तानाशाही रवैये का परिचायक है। उ0प्र0 के 3 लाख प्राइमरी स्कूलों के बच्चों के साथ मुख्यमंत्री सुश्री मायावती अन्याय कर रही हैं।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी भूल रही हैं कि प्रदेश के 3 लाख प्राइमरी स्कूलों में, जहंा प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह का संदेश प्रसारित किया जाना है, उन स्कूलों में सबसे अधिक गरीब, दलित, पिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चे ही शिक्षा ग्रहण कर करते हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री के इस प्रेरणादायी संदेश से वंचित रखने का सीधा अर्थ एक ओर जहां उनके विकास में बाधा डालना है वहीं बहुजन समाज पार्टी के नेतृत्व की ‘गरीब, दलित, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक विरेाधी’ मानसिकता का परिचायक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com