भ्रश्टाचार केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार का संयुक्त उपक्रम हो गया है। दोनों एक दूसरे के भ्रश्टाचार का समर्थन कर रहे हैं और सरकार को नोट छापने की टकसाल में बदल दिया है। भ्रश्टाचार के इस संयुक्त उपक्रम पर भाजपा ताला लगाएगी। मैं जनता का आवाह्न करता हूं कि भ्रश्टाचार और अपराध की इस लहलहाती फसल को काटकर खलिहानों में आग लगा दें और उससे एक मसाल जलाएं जो प्रदेश को सुशासन और संमृद्धि की ओर ले जाएं।
जनसमस्याओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए दोनों में चिट्ठी युद्ध चल रहा है। लोक लुभावन वादों की प्रतिस्पर्धा लगी हुई है। चाहे नए राज्य के गठन की बात हो अथवा मजहबी आरक्षण की दोनों एक दूसरे से आगे बढ़ना चाहते है। जनस्वास्थ्य को भी इन्होंने राजनीति का मुद्दा बना लिया पूर्वांचल में फैला इन्फ्लाइटिस राजनीतिक वाकयुद्ध का िशकार हो गया। केंद्र व प्रदेश एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते रहे और लोग बीमारी से मरते रहे।
भ्रश्टाचार के खिलाफ लड़ाई और अब जन आंदोलन बन चुकी है। इस लड़ाई को लड़ने वाले हर व्यक्ति को बिना मांगे हमारा नैतिक समर्थन है। श्री श्री रविशंकर की बात से मैं सहमत हूं। अध्याित्मक देश में आजादी की लड़ाई के समय भी धर्म गुरूओं की महती भूमिका रही है। अध्यात्म ही इस देश की प्राण वायु है। भ्रश्टाचार के खिलाफ जनआंदोलन को धर्म गुरूओं का समर्थन निर्णायक परिणाम तक पहुंचाएगा।
कांग्रेस अध्यक्षा के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। जिम्मेदार पदों पर बैठे लोंगो से ऐसे गैर जिम्मेदार बयानों की अपेक्षा नही की जाती। उन्हें देश की जनता के सामने यह स्पश्ट करना चाहिए था कि उन्होंने भ्रश्टाचार के खात्में के लिए क्या पहल की। सांप्रदायिक एवं लच्छित विधेयक 2011 में तेजी दिखाने की अपेक्षा उसी तरह की तेजी भ्रश्टाचार को ख़त्म करने के लिए दिखाती तो बेहतर होता।
उ0प्र0 की वर्तमान बसपा सरकार व उसके मंत्री अकूत संपत्ति अर्जित करने में लगे हैं। मुख्यमंत्री एवं मंत्रीगण भी आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच के घेरे में हैं। हमारा यह नििश्चत मानना है कि 2004 और 2011 के बीच मुख्यमंत्री सहित उनके मंत्री मंडल के अधिकांश सदस्य आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोशी है। हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री पर आय से अधिक संपत्ति रखने का एक नया मामला दर्ज हो और उनके द्वारा 2007 के बाद अर्जित की गई संपत्तियों की जांच हो।
कानपुर कभी पूरब का मानचेस्टर कहा जाता था। कानपुर की पहचान औद्यौगिक इकाईयों के केंद्र के रूप मे थी। अब इसकी पहचान बीमार और बंद पड़ी औद्योगिक इकाईयों के केंद्र के रूप में बन गई है।
बसपा सरकार ने विकास की गाड़ी को पटरी से उतार दिया है। बसपा सरकार के साढे़ चार साल के कार्यकाल को उ0प्र0 के दुर्भाग्यशाली दिनों के रूप में याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने गुजरात के विकास माडल का अध्ययन तो कराया लेकिन मूर्तियों और स्मारकों के प्रेम के कारण उसे लागू नहीं किया ।
आज यहां अपराध और अपहरण नया उद्योग बन गया है। बच्चों के बढ़ते अपहरण की घटनाओं के साथ ही बसपा शासनकाल में कानपुर शहर विकास को लेकर नहीं बल्कि मासूम बच्ची दिव्या के साथ हुए बलात्कार को लेकर सुर्खियों में आया।
केंद्र सरकार ने गंगा को राश्ट्रीय नदी तो घोशित कर दिया किंतु गंगा की दशा और दुर्दशा आपके सामने है।
पत्रकारों के प्रश्न के उत्तर में कहा कि भाजपा साफ़ सुथरी छवि के लोगोें को मैदान में उतारेगी। नो करेप्ट नो क्रिमिनल।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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