- गन्ना क्रय मूल्य में 40 रु0 प्रति कुन्तल की वृद्धि
- गन्ना की अगैती प्रजाति के लिए 250 रु0, सामान्य प्रजाति के लिए 240 रु0 व अनुपयुक्त घोषित प्रजाति के लिए 235 रु0 प्रति कुन्तल मूल्य निर्धारित
- माननीया मुख्यमंत्री जी ने अगले तीन दिनों में सभी चीनी मिलों को चलाने के निर्देश दिये
- वर्ष 2007 से बी0एस0पी0 की सरकार ने गन्ने की कीमत में अब तक लगभग दोगुनी बढ़ोत्तरी की
- केन्द्र द्वारा पेराई सत्र 2011-12 के लिए घोषित 145 रू0 प्रति कुन्तल एफ0आर0पी0 पूरी तरह नाकाफी
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहाॅ सम्पन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश के 40 लाख से भी अधिक गन्ना किसानों के हित में अति महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए, पेराई सत्र 2011-12 के लिए प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा क्रय किये जाने वाले विभिन्न प्रजातियों के गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य में 40 रूपये प्रति कुन्तल की वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। इस निर्णय के अनुसार गन्ने की अगैती प्रजातियों के लिए 250 रुपये, सामान्य प्रजातियों के लिए 240 रुपये तथा अनुपयुक्त घोषित प्रजातियों के लिए 235 रुपये प्रति कुन्तल मूल्य वर्तमान पेराई सत्र के लिए निर्धारित किया गया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने आज यहां सचिवालय एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में मीडिया प्रतिनिधियों को अपनी सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि उनकी सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने अनेकों महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक फैसले लिये हैं। पिछले वर्ष भी प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य में 40 रूपये प्रति कुन्तल की ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी की थी, जो प्रदेश की किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं की थी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सन् 2007 में जब उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया था, तब प्रदेश के गन्ना किसानों को पूर्ववर्ती सपा सरकार द्वारा सामान्य प्रजाति हेतु गन्ना मूल्य 125 रूपये प्रति कुन्तल मात्र ही दिया जा रहा था। इसकी तुलना में उनकी सरकार ने हमेशा किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर, गन्ना मूल्य में लगातार बढ़ोत्तरी करते हुए वर्ष 2010-11 में सामान्य प्रजाति हेतु गन्ना मूल्य 205 रूपये प्रति कुन्तल तक कर दिया, जो पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दी गयी कीमतों से लगभग 65 प्रतिशत अधिक है। इतना ही नहीं, प्रदेश सरकार ने पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल के लगभग 2400 करोड़ रूपये के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान भी कराया।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले पेराई सत्र 2010-11 में उनकी सरकार द्वारा सामान्य प्रजाति के लिए 205 रूपये प्रति कुन्तल के मूल्य के सापेक्ष चीनों मिलों द्वारा गन्ना किसानों को लगभग शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। इस वर्ष केन्द्र सरकार द्वारा पेराई सत्र 2011-12 के लिए जो 145 रूपये प्रति कुन्तल गन्ना मूल्य अर्थात् एफ0आर0पी0 घोषित किया गया, वह न केवल पूरी तरह नाकाफी है, बल्कि केन्द्र की किसान-विरोधी मानसिकता का एक और जीता-जागता उदाहरण है। गन्ना मूल्य निर्धारण को लेकर किसानों के प्रति केन्द्र सरकार के नकारात्मक रवैये व असंवेदनशीलता को देखते हुए, फिर राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में पर्याप्त राज्य परामर्शित मूल्य निर्धारित करने का फैसला लिया।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने बताया कि पड़ोसी राज्य पंजाब में इस वर्ष के लिए गन्ना मूल्य मात्र 220 रूपये, 225 रूपये तथा 230 रूपये प्रति कुन्तल ही तय किया गया है। इसकी तुलना में प्रदेश सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद अपने किसानों की खुशहाली के लिए बेहतर गन्ना मूल्य देने का निर्णय लिया है। गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य में प्रति कुन्तल 40 रुपये की जो वृद्धि की गयी है, वह प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए हमारी सरकार की संवेदनशीलता का एक और उदाहरण है।
अपनी सरकार के चार वर्षाें के कार्यकाल में प्रदेश में किसानों के हितों का हमेशा पूरा-पूरा ध्यान रखे जाने का उल्लेख करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह उसका ही नतीजा है कि वर्ष 2007 से लेकर अब तक बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने गन्ने की कीमत में लगभग दोगुनी बढ़ोत्तरी की है। इतना ही नहीं, उनकी सरकार ने प्रदेश के गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य परामर्शित मूल्य समय से इसलिए निर्धारित किया है, ताकि प्रदेश के किसान अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए साहूकारों के चंगुल में न फंसे।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि प्रदेश की समस्त निजी एवं सहकारी चीनी मिलें अपना पेराई सत्र समय से प्रारम्भ करें, ताकि गन्ना किसानों को अपनी फसल का भरपूर मूल्य समय से मिल सके और किसानों को रबी के दौरान गेहूँ की बुवाई के लिए खेत भी समय से खाली मिल सकें। हमारी सरकार के विशेष प्रयास के चलते, इस वर्ष पिछले वर्षों की तुलना में प्रदेश के पश्चिमी इलाकों की चीनी मिलों ने लगभग तीन सप्ताह पूर्व ही अपना पेराई कार्य प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने प्रदेश की शेष चीनी मिलें, जो अभी तक नहीं चल पाई हैं, उन्हें अगले तीन दिनों में चलाने के निर्देश भी दिये हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने चीनी मिल मालिकों को कड़ी चेतावनी दी है कि चीनी मिलों द्वारा गन्ना क्रय करने या मिल संचालन में उदासीनता बरतने की शिकायत प्राप्त होने पर उनके विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने कभी भी किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं किया है। जब भी किसी व्यक्ति ने, चाहे वह कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो, किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है, तो प्रदेश सरकार ने उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी से कड़ी कार्रवाई की है। इस सम्बन्ध में उन्होंने याद दिलाया कि पिछले पेराई सत्र में समय से चीनी मिल चलाने में आनाकानी करने पर, राज्य सरकार को दो चीनी मिलों के मालिकों को गिरफ्तार भी कराना पड़ा था।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों का गन्ना निकटतम चीनी मिलों को आपूर्ति कराकर गन्ना किसानों को पूरा सहयोग प्रदान करें और उनके हितों का पूरा-पूरा ध्यान रखना सुनिश्चित करें। क्योंकि उनकी सरकार प्रदेश के गन्ना किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है। माननीया मुख्यमंत्री जी ने दोहराया कि उनकी सरकार किसानों के प्रति सदैव संवेदनशील रही है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर रही है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने किसानों के हितों को पूरा संरक्षण प्रदान करते हुए नई भूमि अधिग्रहण नीति लागू की है। गन्ना मूल्य निर्धारण का आज का यह फैसला भी किसान हितों के लिए उनकी सरकार की इसी प्रतिबद्धता का नवीनतम उदाहरण है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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