उ0प्र0 सरकार एक बार फिर कटघरे में खड़ी है। मनरेगा एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में केन्द्र सरकार द्वारा दिये गये धन के दुरूपयोग के बारे में केन्द्रीय ग्राम्य विकास मंत्री श्री जयराम रमेश द्वारा प्रदेश सरकार को लिखी गयी दो चिट्ठियों पर राज्य सरकार की ‘‘चुप्पी’’ यह साबित करती है कि उसके पास अपने बचाव में कोई तर्क नहीं है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना सहित केन्द्र सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाअेां में किये जा रहे भारी भ्रष्टाचार के बारे में आवाज उठा रही है। क्योंकि इन योजनाओं के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों में मजदूरों को दी जा रही मजदूरी में भारी फर्जीवाड़ा एवं घोटाला हो रहा है। फर्जी जाब कार्ड बनाकर फर्जी भुगतान हो रहे हैं और गरीब-मजदूर जिन्हें 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गयी है, उसे लाभ से वंचित रखा जा रहा है।
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि नये आंकड़ों के अनुसार उ0प्र0 सरकार पास मनरेगा के मद में 4546करोड़ रूप्ये उपलब्ध थे लकिन आधे से भी कम 2149करोड़ रूपये ही खर्च हो पाये। जो धन खर्च भी हुआ है उसमें मजदूरों को उनकी मजदूरी भी नहीं मिल रही है। बैंकों द्वारा भुगतान किये जाने के आदेश के बावजूद उनकी मजदूरी के धन में ‘अमानत में खयानत’ का खेल अभी भी जारी है।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि बुंदेलखण्ड सहित अनेक जिलों में मनरेगा के धन में भारी घपले, घोटाले अखबारों की सुर्खियां बन रही हैं, लेकिन प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
मुख्य प्रवक्ता ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि जिन-जिन जिलों में मनरेगा और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के धन में घपले और घोटाले की प्रमाण मिले हैं उसकी सीबीआई जांच कराकर दोषियों को दण्डित किया जाय। उन्होने ध्यान दिलाया कि पहले भी इस तरह के घपले और घोटालों के बारे में कांग्रेस पार्टी द्वारा आवाज उठाये जाने के बाद मजबूरी में कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही हुई थी लेकिन उनमें से बहुतों को बहाल कर दिया गया। सीबीआई जांच होने से दूध का दूध और पानी का पाीन हो जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com