समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि केन्द्र सरकार के दो मंत्रियों और सीबीआई ने माना है कि उत्तर प्रदेश में चल रही केन्द्रीय योजनाओं में भारी घोटाले हो रहे है। प्रदेश के नेता और अफसर मिलकर जनता की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं और उन्हें ऊपर से संरक्षण मिला हुआ है। यह अजीब बात है कि जब केन्द्र सरकार को उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार के काले-कारनामों की पूरी खबर है तो इस सरकार को वह क्यों नए घोटाले करने की छूट दिए हुए हंै? इस घोटालेबाज सरकार को बर्खास्त करने में केन्द्र सरकार क्यों हिचक रही है? कहीं कांग्रेस और बसपा में मिली भगत तो नहीं चल रही है?
केन्द्रीय ग्रामीण विकासमंत्री श्री जयराम रमेश ने मनरेगा के क्रियान्वयन में अनियमितताओं और धन के दुरूपयोग के बारे में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। ग्राम सड़क योजना में भी ऐसा ही घपला चल रहा है। वे यह मानते है कि सत्ता का संरक्षण पा रहे लोगों को पैसे कमाने में नियमों से छूट मिल हुई है। केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सचिन पायलट राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में हजारों करोड़ रूपए के घपले पर चिन्ता जता रहे है। इन मंत्रियों को यह भी पता होगा कि नोएडा में पार्क के नाम पर पर्यावरण के साथ कैसा खिलवाड़ मुख्यमंत्री ने किया है। आखिर केन्द्र सरकार आंखे क्यों मूंदे है?
केन्द्रीय मंत्री श्री रमेश ने मनरेगा घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है। अभी ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है जिसमें दो सीएमओ और एक डिप्टी सीएमओ की हत्या हो गई है। इस जांच के बारे में स्वयं सीबीआई अपने को असहाय पा रही है क्योंकि राज्य सरकार जांच में सहयोग नहीं कर रही है। सीबीआई को संदेह है कि 14 बड़े नेता और अफसर मामले को दबाने में शुरू से ही लगे हुए हैं। समाजवादी पार्टी बराबर यह कहती रही है कि इस जांच की आंच से मुख्यमंत्री कार्यालय भी नहीं बचा है। मुख्यमंत्री के पास पहले परिवार कल्याण विभाग भी रहा है और जब जेल में डा0 सचान की हत्या हुई तो भी कारागार विभाग उनके अधीन रहा है। इस घटना के महत्वपूर्ण साक्ष्य मिटा दिए गए है। इसीलिए सीबीआई जांच से राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है।
केन्द्र सरकार के मंत्रियों को मालूम है कि सीबीआई केन्द्र के अधीन है पर राज्य सरकार ही यदि दोषियों को बचाने में लिप्त हो तो निष्पक्ष जाॅच कैसे सम्भव है? प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्र के धन के बंदरबांट पर उनका दुहरा मानदण्ड नहीं चलेगा। एक ओर तो केन्द्र प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाता है और दूसरी तरफ उसे संरक्षण भी दे रहा है। कांग्रेस बसपा की नूराकुश्ती के चलते ही प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। मुख्यमंत्री का हर काम में कमीशन तय है। वस्तुतः उन्हें तो अपनी सरकार पर दबाव डालना चाहिए कि वह सीबीआई जांच में रोड़ा अटकाने वाली राज्य सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने में देर न करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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