प्रदेश सरकार के वादों में व्यापारी तथा किसानों को सही सुविधा व उत्पादन पर सही मूल्य सही तौल के लिये कृषि मण्डी परिषद लखनऊ ने सभी जनपदों पर एक व्यवस्था लागू की है कि व्यापारी किसानों केा उचित मूल्य देने के लिये जनपदों पर तैनात अधिकारी की देख रेख मंे यह कार्य सुचारू रूप से किया जायेगा। जबकि देखा जाय तो जनपद सुल्तानपरु में सब उल्टा पुल्टा हो रहा है।
बताते चले कि जनपद की नवीन कृषि मण्डी अमहट मंे काफी अर्से से तैनात मण्डी सचिव के ना आने से यहंा की स्थित बद से बदतर होती जा रही है। किसानो केा सही रेट व सही तौल पर मिलने वाला खाद्य सामानों पर घोर अनियमितता होने का मामला प्रकाश में आया है। नाम न छापने की शर्त पर लम्भुआ निवासी ने जब कृषि मण्डी अमहट में आलू की खरीददारी के लिये पहुंचते हैं तो यहां विभाग के तैनात मण्डी व्यापारी मण्डी रेट से ज्यादा का भाव बताकर पल्लेदारी व तहबजारी की मांग करते है तथा वहीं पर तैनात विभाग के कर्मचारी निकासी के नाम पर पैसा मागते फिर रहे हैं। जिसे देख वह दंग रह गया। व्यापारी के कथानानुसार निकासी के लिये भी मण्डी में तैनात चतुर्थ श्रेण्ीा के कर्मचारी एक बोरी का सामान हो या फिर गाडी भर की खाद्य सामग्री। विना वसूली के बाहर नही जा सकतेे, यहां तो हाल यह है कि ‘‘सण्डे हो या मण्डे’ प्रतिदिन का कार्य करना व विभाग के लिये मिशाल बना हुआ है। लगता है इन कर्मचारियों के हक में केाई विभागीय छुटटी होती ही नही। सूत्रों की माने तो मण्डी के साहब की न मौजूदगी में यहा का सारा कार्य विभागीय कर्मचारी के जिम्मे है। महीनो बीत जाने के बाद भी जनपद मंे तैनात अधिकारी मण्डी सचिव के दर्शन दुर्लभ हो गये हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी जनपद के पदस्थ विभागीय जिम्मेदार अधिकारी को इतनी फुर्सत नहीं है कि वे मण्डी में हो रही अनियमितता को देखें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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