जनपद में बीतें समय में प्रतिबंधित जानवरों या गोंवश की तस्करी में अचानक वृद्धि इस कदर बढ़ चुकी है जो कभी भी जनपद का माहौल बिगड़ने की स्थिति पैदा हो सकती है। बीते वर्षो में कई जगह पर ऐसी घटनाएं हुई। अभी कुछ समय पहले बाकायदा एक पार्टी का झण्डा लगाए शहर के जीआईसी चैराहे पर एक वाहन से एक गाड़ी टकराई। दुर्घटनाग्रस्त स्थिति में गाड़ी खड़ी होने पर उसमें बेहोश किए गए जानवर पाए गए कोई भी इंसान जबावदेही हेतु उसके पास मौजूद नहीं था। कुछ घंटों के बाद वह गाड़ी किसकी थी कहां गई। कोई कार्यवाही हुई या नहीं कोई जवाब देने वाला नहीं मिला। ऐसा ही करीब टड़ियावां के एसओ रघुवीर को कुचलकर मारने का शर्मनाक प्रयास हुआ। जिसमें उनको गुप्त रूप् से मिली जानकारी पर इटौली तिराहें के आस पास गश्त कर रहे थे मांस तस्करों के इंतजार में वह अपनी फोर्स के साथ खड़े रहे। उसमें एसआई आरएन सिंह, एसआई एसएन सिंह, हमराही कल्लू, संतोश सिंह, सूर्यभान, सुरेश मिश्र के साथ रहे। उसी बीच मारूति नंबर यूपी78 53666 उन्हें आती हुई दिखाई दी। जिसे उन्होंने रोकने का प्रयास किया जिसमें चालक ने गाड़ी उनके ऊपर चढ़ा दी। वह तत्परता से सामने से हटें। यह दृष्य देखकर सभी भौचक रह गए। घेरकर तीन तस्कर पकड़े गए। जिनमें वसीउल्ला पुत्र मुन्ने, रईस पुत्र नबी, शामिल रहे। यह तीनों गोपामऊ कस्बे के लालपीर निवासी है। तीनों के खिलाफ 307/7, सीएल4/25/3/27/207 एमसीएच के तहत कार्यवाही की गई। एसओ पर जानलेवा हमले से विभाग सकते में है। और सबका ध्यान पुरानी घटनाओं की तरफ अनायास मुड़ गया है। जिसमें किसी तरह के हौसले की एक और कोशिश बताई जा रही हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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