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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं जनस्वाभिमान यात्रा के नायक श्री कलराज मिश्र जी की झांसी प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

Posted on 22 October 2011 by admin

ऽ    केन्द्र की सरकार पूर्णतः असफल और पंगु हो चुकी है। मंहगाई भयंकर रुप धारण किये हुये है। वहीं वित्त मंत्री कहते हैं कि यह दिसम्बर 2011 तक कम होगी, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार सी0रंगराजन कहते हैं कि यह मार्च 2012 तक कुछ नरम होगी। वहीं मोंटेक सिंह अहलुवालिया भी मानते हैं कि यह मार्च 2012 तक ही दहाई से 8 प्रतिशत तक आ सकती है। आखिर जनता किसकी बात सच माने ? कैबिनेट में बने मंत्री मंहगाई के मुद्दे पर परस्पर विरोधी बयानबाजी करते हैं। इस तरह के विरोधाभाषी रवैये से जनता का भला कैसे होगा। कौन सच बोल रहा है।

ऽ    केन्द्र और प्रदेश की सरकार के वाकयुद्ध से प्रदेश का विकास प्रभावित हो रहा है। इसके पूर्व भी केन्द्र और प्रदेश में अलग-अलग सरकारंे हुआ करती थीं। उनमें विरोधी का भाव था। दुश्मनी का नहीं। परन्तु एक दूसरे का समर्थन कर रहीं ये सरकारें आम जनता के बीच नूराकुश्ती का खेल-खेलकर प्रदेश के विकास को अवरुद्ध कर रही हैं। पूरा प्रदेश इनके झगड़े में पिस रहा है।

ऽ    प्रधानमंत्री, राहुलगांधी ने बुन्देलखण्ड़ में 200 करोड़ पेयजल के लिए घोषणा की थी। उसकी आदतन स्थिति क्या है ? बुंदेलखण्ड़ का पैकेज राजनीति का शिकार हो गया है। पैकेज की मांग और थोथी घोषणा ने यहंा के लोगों को ठगा है। आंकड़े बताते हैं कि 7266 करोड़ के अतिरिक्त 200 करोड़ देने का ऐलान किया गया। जब कि पैकेज के तहत 1695.76 करोड़ ही उ0प्र0 को अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रुप में आंवटित हुए बाकी पैसा अन्य योजनाओं का था। उसको भी पैकेज में दिखना यह दर्शाता है कि नियत में खोट थी। उ0प्र0 को पैकेज के तहत 3606 करोड़ आवंटित हुए उसमें 1695 करोड़ ़अतिरिक्त सहायता, 1319 करोड़ केन्द्रीय योजनाओं पर और केन्द्र योजनाओं की 496 करोड़ राष्टीय कृषि विकास कार्यक्रम और महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) की रकम है।

ऽ    सरकारें कितनी गम्भीर हैं यह इसी बात से प्रकट होता है कि 19 नवम्बर 2009 को मंजूर की गयी धनराशि जुलाई 2010 के बाद ही अवमुक्त हो पायी। तथा जो योजनाएं बनाई गयी हैं। वह 2012 में समाप्त हो जाएगी। दुर्भाग्यजनक यह है कि केन्द्र से जो 1695 करोड़ का पैकेज मिला उसमें से मात्र 214.21 करोड़ खर्च हो पाये फिर कैसे सम्भव है कि मार्च तक यह धनराशि उपयोग हो पायेगी। अन्ततः इसमें भी लूट ही मचेगी।

ऽ    आत्महत्या की जहां अन्य वजहें हंै। वहीें केन्द्र सरकार की ऋण माफी योजना भी एक प्रमुख कारण हैं। दरअसल इस योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिला जो पूर्णतः डिफाल्टर थे। अथवा ऋण अदा करने की नियत नहीं थी। वास्तव में उन किसानों को कुछ भी नहीं मिला जिन्होंने कुछ किस्त जमा की थी अथवा ऋण जमा करना चाहते थे। उनका ऋण माफ नहीं हुआ। किस्त बढ़ती गई जब कि वह इस भ्रम में थे कि उनका ऋण माफ हो चुका है।

ऽ    प्रदेश के आधारभूत ढांचा के विकास में यह सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। चन्दौली से लगायत झांसी तक की खस्ताहाल सडकें जहां गाड़ी की गति को रोक रहीे हंै। वहीं प्रदेश के विकास के पहिये को भी थाम रही हैं।

ऽ    जनस्वास्थ्य के मुद्दे पर भी यह सरकार पूरी तौर पर विफल है। पूर्वांचल में जहां मस्तिष्क ज्वर का कहर है, वहीं प्रदेश के अस्पताल खुद बीमार हैं। वहीं पूर्वांचल विकासनिधि और बुन्देलखण्ड विकासनिधि का लगातार विरोध जारी है।

ऽ    भ्रष्टाचार में आकंठ्य डूबी है सरकार। मुख्यमंत्री द्वारा संरक्षित, पोषित भ्रष्टाचार संस्थागत भ्रष्टाचार कर रूप ले चुका है। जसके कारण ईमानदार लोग जहां आत्महत्या करने को मजबूर हैं। वहीं यह हत्या के भी शिकार हो रहे हंै। बसपा के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताआंे के निरंकुश स्वरूप ने पूरे प्रदेश में लोकतत्र को लूटतंत्र में बदल दिया है।

ऽ    उ0प्र0 के कानून व्यवस्था की रक्षा करने वाली पुलिस बसपा नेताओं की चाकरी में व्यस्त है। बसपा कैडर की तरह काम कर रही है। जहां पुलिस तंत्र पीड़ित पक्ष को प्रताड़ित करने में लगी है। वहीं यह सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक के चरणवंदन में भी संकोच नहीं कर रही है। परिणाम है कि पुलिस पर हमले हो रहे हैं।

ऽ    गाजीपुर जनपद के बिरनो थाना क्षेत्र में हुई घटना की निन्दा की।

ऽ    उ0प्र0 के लोगों को जब भी राहत मिली है उसमें न्यायालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। चाहे शीलू काण्ड हो, दवा घोटाला हो अथवा कमला कुशवाहा या साक्षी सोनी सबकी फरियाद न्यायालय के दखल के बाद ही सुनी गई। वहीं न्यायालय के निर्णय के बाद ही लोकतंत्र की निचली इकाई निकाय के चुनाव के सम्पन्न कराने की भूमिका में सरकार दिखाई पड़ रही है। वरना वह तो येन-केन प्रकारेण चुनाव टालना ही चाहती थी। हाई कोर्ट द्वारा किसानों की भूमि अधिग्रहण के मामले में दिया गया निर्णय स्वागत योग्य कदम है।

ऽ    वार्ता के समय मुख्यरूप से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी नरेन्द्र तोमर, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रामनाथ कोविद, यात्रा संयोजक शिवप्रताप शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक, क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह आदि लोग मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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