मुख्यमंत्री सत्ता हाथ से जाने से भयाक्रांत हैं। प्रशासन उनके वश में नहीं। इसलिए पुलिस बेलगाम हो गई है। जनता के जानमाल की सुरक्षा नहीं है। थानों में बलात्कार हो रहे है। लूट, वाहन चोरी और नशे में हंगामा कर खाकी वर्दी वाले अपनी खाकी को भी शर्मसार कर रहे है। पुलिस के डीजी जब बसपा के प्रवक्ता बन बैठे हों तो थानेदार से सीओ के अनुशासन में रहने की कल्पना भी कैसे की जा सकती है।
दिनांक 21.10.2011 की रात लगभग 8 बजे गाजीपुर जनपद के ग्राम गोरया (पारा) थाना विरनों के निवासी धर्मेन्द्र पुत्र स्व0 हरिनारायण बिन्द की गला दबाकर हत्या कर दी गई। पुलिस को पीड़ित परिवार ने सूचना दी। चूॅकि इसके पहले भी पुलिस एक हत्या के प्रकरण में हत्यारों को नहीं पकड़ सकी थी इसलिए मृतक के परिवार एवं गांव वालों ने पुलिस द्वारा लीपापोती किए जाने के डर से किसी उच्चाधिकारी की मौजूदगी में लाश दिए जाने की मांग की।
दिनांक 22 अक्टूबर,2011 को सुबह लगभग 7 बजे स्व0 धर्मेन्द्र की लाश लेकर गांववाले और परिवारीजन थाने पर आए और उसे सड़क पर रखकर किसी उच्चाधिकारी को बुलाने की मांग करने लगे। इस बीच क्षेत्राधिकारी कासिमाबाद ने क्षेत्रवासियों एवं परिवारीजनों को आश्वस्त किया कि उनकी बात सुनी जाएगी। मृतक का भाई और अन्य संभ्रातजन जब तक क्षेत्राधिकारी से वार्ता करें तभी थानाध्यक्ष जंगीपुर श्री रणजीत राय तथा थानाध्यक्ष मरदह श्री राहुल सिंह बिना किसी उत्तेजना के भीड़ पर डंडा लेकर टूट पड़े। पुलिस की इस हरकत से आक्रोशित कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इस पर पुलिस ने फायरिंग कर दी। एसओ जंगीपुर की सर्विस रिवाल्वर की गोली से इश्तियाक नामक युवक सहित 4 लोग घायल हुए। यह घटना पुलिस की बर्बरता दर्शाती है जिसकी कठोर निन्दा की जाती है।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने मांग की है कि एसओ जंगीपुर पर हत्या के प्रयास का मुकदमा कायम कर जेल भेजा जाए, पीड़ित परिवार एवं क्षेत्रीय जनों का उत्पीड़न नहीं हो, घटना में लिप्त हत्यारे को 72 घंटे में गिरफ्तार किया जाए, इस घटना की न्यायिक जांच हो और पीड़ित परिवार को 10 लाख रूपए की सहायता हो एवं पुलिस फायरिंग में घायलों का समुचित इलाज कराया जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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