भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं जनस्वाभिमान यात्रा के नायक श्री कलराज मिश्र ने आज यात्रा के 8वें दिन अतर्रा, बबेरू की जनसभाओं में बोलते हुए कहा कि जिस तरह से प्रदेश में भ्रष्टाचार और अराजकता का हाहाकार मचा है। यह किसी पापाचारी शासक के शासन में ही संभव है। बसपा मंत्री दद्दू प्रसाद द्वारा दुराचार की घटना ने बुदेलखंड को शर्मसार किया है। उन्होंने ने कहा कि मायावती ने अपने साढे़ चार वर्ष के कार्यकाल में अपने मंत्रियों और विधायकों तक से महिलाओं की आबरू की रक्षा नहीं कर सकी। दद्दू प्रसाद को मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश लगातार गर्त में जा रहा है। बांदा के अपर मुख्य पंचायत अधिकारी की हत्या में बसपा नेताओं की संलिप्तता और उनको प्रदेश सरकार के कद्दावर लोगों की शह की बात आई है। यह सरकार पता नहीं अभी कितने अधिकारियों की बलि लेगी। उ0प्र0 में अपराधी और लूटेरों का एक गैंग काम कर रहा है। जो पहले साइकिल पर चढ़कर जन-धन की लूट कर रहा था वही लोग अब हाथी पर चढकर कर रहे हैं।
उच्च न्यायालय द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव पर दिए गए फैसले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की निचली ईकाई पंचायत और निकाय के चुनाव समय पर होने चाहिए दरअसल जब-जब प्रदेश की जनता को राहत मिली है उसमें कहीं न कहीं न्यायालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। चाहे शीलू काण्ड हो अथवा एन0आरएच0एम0 घोटाला हर बार न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण ही कार्यवाही सम्भव हो पाई है। बसपा सरकार के मंत्री द्ददू प्रसाद और विधायक नीरज मौर्य के प्रकरण में भी न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही एफआईआर दर्ज हुई। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद अब लगता है कि स्थानीय निकाय के चुनाव हो जायेंगे। दरअसल जनाक्रोश, अलोकप्रियता से डरी सहमी यह सरकार विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी ऐसी शक्ति परीक्षण से बचना चाहती है। जिससे यह सन्देश न जाये कि यह सरकार जनादेश खो चुकी है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में सवार्धिक समर्थन पाने वाले दल के पास इसके (बुन्देलखण्ड) विकास का कोई एजेण्डा नहीं है। जिसका परिणाम है कि बुन्देलखण्ड में पहुंचने के लिए सड़के नहीं है। मुख्य मार्ग बदहाल है, अस्पताल खस्ताहाल है, जनता बेहाल है, फिर भी मंत्री मालामाल है। सरकार गठन से अवैध वसूली का प्रारम्भ हुआ यह सिलसिला आज भी जारी है। जिसमें इं0 मनोज गुप्ता की हत्या से लेकर कल बुन्देलखण्ड में हुई अपर मुख्य नगर पंचायत अधिकारी आनन्द चैहान तक जारी है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि पिछले कई वर्षों से सूखे का दम झेल रहे बुन्देलखण्ड में सूखा राहत राशि मजाक का पर्याय बन गयी है। मुझे बताया गया कि 35 रूपये का एकाउंट पेयी चेक की राहत राशि के लिए 500 रूपये से पहले बैंक में खाता खोलना पड़ता है किसान के साथ विडम्बना नहीं तो और क्या है कि वह जब ऋण लेने जाता है तो उससे फसल बीमा के नाम पर धनराशि की कटौती की जाती है। जब फसल बर्बाद हो जाती है तो उसका कोई पुरसाहाल नहीं है। वीरों की भूमि बुन्देलखण्ड का युवा, किसान आज हताश और निराश है उसके सामने कोई रास्ता नहीं दिखाई पड़ रहा है। जिन लोगों पर यह जिम्मेदारी है वे अपने कर्तव्यों के निर्वहन से ज्यादा उसमें राजनैतिक रोटी सेंक रहे हैं।
जनसभाओं को संबोधित करते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और यात्रा प्रभारी डा0 रमापति राम त्रिपाठी ने कहा कि मायावती को पत्थर की मूर्तियों की मुस्कान तो दिखती है लेकिन आम आदमी की मुस्कान से उनका कोई मतलब नही। मायावती का बहुजन हिताय और सर्वजन सुखाय का नारा अब बहुजन दुखाय और सर्वजन लुटाए में बदल गया है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व सांसद रामनाथ कोविन्द ने अपने संबोधन में मायावती के दलित पे्रम पर प्रहार करते हुए कहा कि मायावती के राज में दलित उत्पीड़न की सर्वाधिक घटनाएं हुई तथा सरकारी नौकरियों में बिना पैसा दिए दलितों को भी अवसर नहीं मिला। श्री कोविन्द ने मायावती द्वारा भाजपा पर दलित विरोधी होने के आरोप का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की 1980 में हुई स्थापना के लिए ज्योतिबाफुले नगर बसाकर भाजपा की स्थापना और उसकी रीति-नीति तय हुई और भाजपा ही ऐसी पार्टी है जिसका लक्ष्य और सूत्र वाक्य अन्त्योदय है।
यात्रा के साथ पूर्व प्रदेश मंत्री तथा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ल, राधेश्याम गुप्त, स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक, किसान मोर्चे के महामंत्री दिनेश दुबे, प्रभुनाथ चैहान, बांदा के भाजपा जिलाध्यक्ष तथा अनेक नेता और कार्यकर्ता साथ हैंे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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