मलेरिया रोधी दवा के स्रोत आर्टीमिसिया की खेती पर एक दिससीय कृषक संगोष्ठी आज दिनांक 17 सितम्बर, 2011 को सीमैप में मलेरिया रोधी औषधीय पौधा आर्टीमिसिया की अनुबंधित खेती पर एक दिवसीय कृषक उद्यमी वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लगभग 100 कृषकों ने भाग लिया इस संगोष्ठी का आयोजन सीमैप और इपका लैब्स लिमिटेड कम्पनी रतलाम (मध्य प्रदेश) के सह-आयोजन से किया गया था। इपका लैब्स लिमिटेड कम्पनी द्वारा विगत् कई वर्षों से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, राज्यों में इस पौधे की खेती करायी जा रही है जिससे परम्परागत् फसलों की तुलना में बेहतर लाभ कृषकों को मिल रहा है। इस पौधे की खेती के लिए नवम्बर-दिसम्बर माह में नर्सरी डाली जाती है तथा रोपण हेतु नर्सरी लगभग 45 दिनों में तैयार हो जाती है रोपण जनवरी-फरवरी माह में की जा सकती है। फसल की रोपण हेतु जनवरी-फरवरी का समय सबसे उपयुक्त होता है। एक एकड़ आर्टीमिसिया की खेती में कुल लागत लगभग 8-10 हजार रूपये आता है और शुद्ध लाभ लगभग 25-30 हजार रूपये लगभग 100-110 दिनों में इस फसल से किसान भाई आसानी से पा सकते है इस खेती के साथ सबसे मुख्य बात यह है कि बिक्री की कोई समस्या नही है कम्पनी 3300 रूपये प्रति कुन्तल की दर से सूखी पत्ती खरीद रही है । इस पौधे की खेती सीतापुर जनपद के श्री रवीन्द्र सिंह बारबंकी के श्री राकेश कुमार लखनऊ के प्रगतिशील कृषक श्री रामसिंह इत्यादि विगत कई वर्षों से खेती कर रहे है। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश व निकटवर्ती क्षेत्रों में लगभग 3000-5000 एकड़ क्षेत्रफल में इस पौधे की खेती की सम्भावना है। इपका के प्रतिनिधि सुश्री अल्का के अनुसार कम्पनी इस वर्ष 4000-5000 एकड़ खेती का लक्ष्य रखा गया है तथा कम्पनी को लगभग 50 टन आर्टीमिसनिन की जरूरत होती है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों जैसे गोरखपुर, कुशीनगर के लगभग 20 कृषकों के खेतों पर लगभग 60 एकड़ क्षेत्रफल में खेती की योजना कम्पनी द्वारा ग्राम इटहिया पो. गुलरिहा विकास खण्ड-चरगांवा जनपद गोरखपुर के प्रगतिशील कृषक श्री भगवान दास द्वारा करायी जा रही है। ये पिछले कई वर्षों से इस पौधे की खेती व अन्य लाभकारी फसलों की खेती कर रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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