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प्रदेश में किसान खाद संकट से बेहाल है

Posted on 16 October 2011 by admin

नेता विरोधी दल विधान सभा उत्तर प्रदेश श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि प्रदेश में किसान खाद संकट से बेहाल है। मुख्यमंत्री खेती की दिक्कतें दूर करने के बजाए हजारो करोड़ रूपए खर्च कर पत्थरों के महल खड़े करने में लगी है।  केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री को बात-बात पर चिट्ठी लिखनेवाली मुख्यमंत्री ने बर्बाद हो रही खेती को बचाने के लिए कोई पत्र लिखने की जहमत नहीं उठाई है। उनकी रूचि कृषि की उन्नति में नहीं, किसानों की जमीन जबरन छीनकर बड़े बिल्डरों को मोटा कमीशन वसूलकर बांट देने में है। सरकार की नीतियां किसान विरोधी है।
प्रदेश में इस समय फास्फेटिक उर्वरकों की कमी के संकट से किसान परेशान है। साधन सम्पन्न किसान केएनपी उर्वरक 450 से 500 रूपए और डीएपी खाद 1200 से 1500 रूपए तक देकर ब्लैक में खरीद रहे है। जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं वे किसान सहकारी समितियों में ताले लटके देखकर मायूसी में वापस लौट आते हैं।
सरकार ने उर्वरकों के दामों में छह माह में ही दूनी वृद्धि कर दी है। डीएपी खाद के दाम 502 रूपए से बढ़ाकर 910 रूपए प्रति बोरी और यूरिया के दाम 278Û50 रूपए बोरी से बढ़ाकर 296 रूपए तथा एनपीके के दाम 435 रूपए से बढ़ाकर 703 रूपए हो गए है।
फसल की लागत लगातार बढ़ने से किसान को साहूकारों से ऊॅचे ब्याज पर कर्ज लेना पड़ रहा है। सरकार गेहूॅ धान के समर्थन मूल्य बढ़ाने में हिचकती है। लागत भी नहीं आने से किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच जाता है तब उसे आत्महत्या के अलावा कुछ नहीं सूझता है। बसपा सरकार की संवेदनाशून्यता के कारण हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हंै। खेती से किसान का मन उचाट हो रहा है। भविष्य में इससे खाद्य संकट पैदा हो सकता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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