14 अक्टूबर 2011 को माननीया मुख्यमंत्री जी ने दिल्ली से सटे जनपद गौतमबुद्ध नगर के अतिमहत्वपूर्ण नोएडा क्षेत्र में निर्मित ‘‘राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल एवं ग्रीन गार्डन तथा जनोपयोगी परियोजनाओं’’ का लोकार्पण किया

Posted on 15 October 2011 by admin

  • यमुना नदी के पश्चिमी तट पर जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी की केन्द्र सरकार द्वारा नेहरू और गांधी परिवार से जुड़े स्मारक व संग्रहालय स्थापित किये गये हैं, वहीं दूसरी तरफ बी0एस0पी0 सरकार ने यमुना नदी से लगे पूर्वी तट पर राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल एवं ग्रीन गार्डन का निर्माण किया
  • इस निर्माण के लिए खासतौर से दलितों एवं कमजोर वर्गों ने माननीया मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया
  • इस मौके पर माननीया मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के साथ अपनाये जा रहे सौतेले रवैये का भी पर्दाफाश किया
  • हर स्तर पर फैले भ्रष्टाचार व राजनीति में पनप रहे अपराधीकरण को भी खत्म करने पर माननीया मुख्यमंत्री जी ने जोर दिया और इस मुददे पर सभी विरोधी पार्टियों को आड़े हाथों लिया

3उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने आज दिल्ली से सटे जनपद गौतमबुद्ध नगर के अतिमहत्वपूर्ण नोएडा क्षेत्र में आयोजित लोकार्पण समारोह में देश में समय-समय पर दलित एवं पिछड़े वर्गों में जन्मे महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के सम्मान में राज्य सरकार द्वारा बनवाये गये राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल व ग्रीन गार्डेन का लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न जनोपयोगी परियोजनाओं को भी प्रदेश की जनता को समर्पित किया।

सुश्री मायावती जी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के ही दिन, दिनांक 14 अक्टूबर, 1956 को नागपुर में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने विश्व-व्यापी सत्य, अहिंसा, भाईचारा एवं मानवता पर आधारित ‘‘बौद्ध धर्म‘‘ की दीक्षा ग्रहण की थी। उनके इस पवित्र दिवस पर देश में दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्में महान् सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के आदर-सम्मान में दिल्ली के समीप गौतमबुद्ध नगर के अति महत्वपूर्ण नोएडा क्षेत्र में, उनकी सरकार द्वारा निर्मित ‘‘राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल एवं ग्रीन गार्डेन‘‘ का तथा सम्बन्धित जिले के अन्य और महत्वपूर्ण कार्यों का लोकार्पण किया गया है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन्हीं सन्तों, गुरूओं और महापुरूषों की प्रेरणा से आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े प्रदेश, उत्तर प्रदेश की वे चार बार मुख्यमंत्री बनी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपने चारों बार के शासनकाल में यहाँ ‘‘गैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था को बदलने‘‘ व ‘‘समतामूलक समाज व्यवस्था की सही स्थापना’’ के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर देने वाले महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी, खासतौर से ‘‘महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी’’ आदि को विभिन्न रूपों में पूरा आदर-सम्मान दिया है, जिनकी जातिवादी मानसिकता में जकड़ी अन्य दलों की पूर्ववर्ती सरकारों ने सदैव उपेक्षा की।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि इन महान हस्तियों की अभूतपूर्व त्याग-तपस्या को ‘‘देश में पहली बार‘‘ उ0प्र0 की बी.एस.पी. सरकार ने विभिन्न स्तर पर पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया है, जो आगे चलकर निश्चित ही इतिहास के पन्नों में ‘‘स्वर्ण अक्षरों‘‘ में अंकित किया जायेगा। उन्होंने लखनऊ के अलावा नोएडा में ‘‘एक और भव्य स्थल व ग्रीन गार्डन‘‘ आदि बनवाने की जरूरत का औचित्य बताते हुए कहा कि जिन भी विरोधी पार्टियों की सरकारें उत्तर प्रदेश में रही हैं, उनमें से कांग्रेस पार्टी ने आजादी के बाद, सबसे पहले व सबसे ज्यादा लम्बे समय तक, अर्थात लगभग 38 वर्षों तक लगातार यहाँ उ0प्र0 में एकछत्र राज किया है। लेकिन इस पार्टी की सरकार ने भी यहाँ अन्य विरोधी पार्टियों की सरकारों की तरह ही उ0प्र0 के लोगों की गरीबी एवं बेरोजगारी को दूर करने के लिए कोई भी विशेष व ठोस कदम नहीं उठाये हैं।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन्हीं कारणों से उ0प्र0 से बड़े-पैमाने पर ये लोग अपनी रोटी-रोजी की तालाश में मजबूरीवश देश के अन्य राज्यों के बड़े-बड़े शहरों व महानगरों में जाकर बस गये हैं। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली, उ0प्र0 के एकदम नजदीक होने की वजह सेये लोग सबसे ज्यादा दिल्ली में आकर भारी संख्या में बस गये हैं।

1माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पश्चिमी उ.प्र. के ज्यादातर लोग अपनी रोजी-रोटी कमाने की व्यस्तता के कारण चाहते हुए भी लखनऊ में बने सभी प्रेरणादायक स्थलों व पार्कों आदि को खास मौको पर भी आसानी से नहीं देख पा रहे थे। इसलिए उनकी सरकार ने इनकी भावनाओं का सम्मान करते हुये दिल्ली व पश्चिमी उ.प्र. के नजदीक नोएडा में एक और ऐतिहासिक व भव्य राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल एवं ग्रीन गार्डन आदि बनाने का फैसला लिया है, ताकि इन दोनों क्षेत्रों के लोग, नोएडा क्षेत्र में निर्मित किये गये राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल व ग्रीन गार्डन को विशेष अवसरों पर आसानी से देख सके।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि यह स्थल व ग्रीन गार्डेन लगभग 80 एकड़ से भी ज्यादा भूमि पर निर्मित किया गया है और दिल्ली व पश्चिमी उ.प्र. की दूरी लखनऊ से काफी ज्यादा है। इन्हीं कारणों से ही उनकी सरकार द्वारा इसका निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि यमुना नदी के पश्चिमी तट पर कई ऐतिहासिक इमारतें व हजारों एकड़ की कीमती जमीन पर नेहरू व गाँधी परिवार से जुड़े स्मारक आदि भी बने हुये हैं।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में दलितों के प्रति शुरू से ही जातिगत द्वेष व हीन भावना रखने वाली कांग्रेस पार्टी की केन्द्रीय सरकार ने इस हजारों एकड़ की जमीन के कुछ हिस्से पर डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी इन दोनांे महापुरूषों के आदर-सम्मान में इनके स्मारक व संग्रहालय आदि बनवाना उचित नहीं समझा, जिसको लेकर पूरे देश में इनको मानने वाले लोग काफी ज्यादा दुःखी थे। इस कमी को अब उनकी सरकार ने दूर कर दिया है। इसीलिए दिल्ली में यमुना नदी के पश्चिमी तट पर जहाँ एक तरफ नेहरू व गाँधी परिवार से जुड़े स्मारक व संग्रहालय आदि स्थापित किये गये हैं। वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी की सरकार ने यमुना नदी से लगे पूर्वी तट पर हमारे दलित महापुरूषों के स्मारक व संग्रहालय आदि भी अब निर्मित कर दिये हैं।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि इसमें उनके विरोधियों ने किस्म-किस्म की रूकावटे पैदा करके, लगभग एक साल तक इसके निर्माण को ‘‘सुप्रीम कोर्ट‘‘ के जरिये, रूकवा कर रखा था। लेकिन अन्त में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में, उन्हंे न्याय दिया, जिसके लिए वह सर्वाेच्च न्यायालय की आभारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने दलित एवं पिछड़े वर्ग में जन्में सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों को उचित आदर-सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के बन जाने के बाद अब ये लोग अपने राजनैतिक स्वार्थ में, इन वर्गों के वोट हासिल करने के उद्देश्य से दिखावे के तौर पर इनके सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों की अपने मंचों पर कुछ इनकी फोटो जरूर रखने लगे हैं और साथ ही इनकी अब कुछ प्रतिमा आदि भी लगाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पहली बार दलितों एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासतौर से ‘‘महात्मा ज्योतिबा फुुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व मान्यवर श्री कांशीराम जी‘‘ आदि को पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हीन भावना तथा जातिवादी मानसिकता के चलते विरोधी पार्टियां इन स्थलों के बारे में आयेदिन इसे सरकारी धन का दुरूपयोग बताकर प्रदेश की जनता को अक्सर गुमराह करने का प्रयास करती रहती हैं। जबकि इन पर बजट का लगभग 1 प्रतिशत धन ही व्यय किया गया है। उन्होंने कहा कि व्यय किया हुआ धन इसी ही महीने की पहली तारीख से टिकट के जरिये बहुत तेजी से उनकी सरकार के पास वापस आना शुरू हो गया है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि 9 अक्टूबर, 2006 को काफी लम्बी व गम्भीर बीमारी के कारण, इस देश के बहुजन नायक मान्यवर श्री कांशीराम जी की मृत्यु हुई थी। उस समय केन्द्र में कांग्रेस पार्टी और उ.प्र. में बी.एस.पी. को छोड़कर, लगभग सभी विरोधी पार्टियों के सहयोग से समाजवादी पार्टी की सरकार चल रही थी। उस दौरान लगभग सभी विरोधी पार्टियों के वरिष्ठ नेता दिखावे के तौर पर इनके मृतक शरीर पर फूल चढ़ाने व दाह-संस्कार में भी शामिल होने के लिए जरूर पहुँच गये थे, किन्तु केन्द्र व उ.प्र. की तरह देश की लगभग अन्य सभी राज्यों की सरकारों ने मान्यवर श्री कांशीराम जी की मृत्यु होने पर, इनके सम्मान में एक दिन का भी ‘‘राष्ट्रीय व राजकीय‘‘ शोक घोषित नहीं किया था।

2सुश्री मायावती जी ने कहा कि जब मान्यवर श्री कांशीराम जी अपने इलाज के लिए दिल्ली के एक प्राईवेट हाॅस्पिटल में दाखिल थे, तब उन्हंे अकेला व असहाय देखकर उस समय सन् 2003 में केन्द्र में बीजेपी के नेतृत्व में चल रही सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करके अपने राजनैतिक स्वार्थ में मुझे ‘‘ताज प्रकरण व इसकी आड़ में आय से अधिक सम्पत्ति‘‘ होने के मामले में जबरन गलत तरीके से फँसाकर सी0बी0आई0 के जरिये 8 अक्टूबर, 2003 को एक ही दिन में व एक ही समय पर उनके स्वयं के तथा सभी सम्बन्धियों के घरों पर एक साथ छापा डलवाया था।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि उसी दिन छापे के दौरान ही कांग्रेस पार्टी की ‘‘राष्ट्रीय अध्यक्षया श्रीमती सोनिया गाँधी‘‘ ने उन्हें अपनी ओर से टेलीफोन करके यह कहा था कि ‘‘आज बीजेपी की हरकतों को देखकर, हमें काफी ज्यादा दुःख है कि आपके साथ बीजेपी की केन्द्रीय सरकार अच्छा वर्ताव नहीं कर रही है।‘‘ उन्होंने यह भी कहा कि आप घबरायें नहीं, इस मुश्किल की घड़ी में कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है। उन्होंने भरोसा दिया कि जैसे ही केन्द्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी, उन्हें इस प्रकरण में निश्चित रूप से न्याय दिलायेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से लेकर अब तक केन्द्र में लगातार कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में ही सरकार चली आ रही है। फिर भी सन् 2004 से लेकर अब तक लगभग इन 8 वर्षों की इस लम्बी अवधि में भी उनके ताज से जुड़े आय से अधिक प्रकरण के मामले में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में चल रही केन्द्र की सरकार ने आज तक भी उन्हें न्याय नहीं दिया है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सम्बन्धित प्रकरण में खुद केन्द्रीय सरकार के आयकर विभाग ने लगभग सभी मामलों में और साथ ही इससे जुड़े कुछ मामलों में भी माननीय कोर्ट ने उन्हंे क्लीन चिट दे दी है। लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी ने अपने राजनैतिक स्वार्थ में केन्द्र की सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करके इस मामले को अभी तक भी सी0बी0आई0 के जरिये लटकाया हुआ है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ही केन्द्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने अब तक कई लोगों के केस खत्म कर दिये हैं, लेकिन उनके खुद के मामले में कांग्रेस पार्टी भी बीजेपी की तरह ही सी0बी0आई0 का काफी ज्यादा दुरूपयोग कर रही है। इससे बीजेपी की भाँति कांग्रेस पार्टी की भी दलितों के प्रति हीन व जातिगत् द्वेष की भावना आज भी उन्हें साफतौर से स्पष्ट नजर आती है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि 13 मई, 2007 को जबसे उ.प्र. में अकेले अपने बलबूते एक दलित की बेटी के नेतृत्व मेें बी.एस.पी. की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी है, तबसे यहाँ सभी विरोधी पार्टियाँ अन्दर-अन्दर आपस में मिलकर एक सोची-समझी एक राजनैतिक साजिश के तहत् उनकी पार्टी व सरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश में लगातार लगी रहती हैं और इस मामले में हमें कांग्रेस पार्टी सबसे ज्यादा आगे खड़ी नजर आती है। कांग्रेस पार्टी का रवैया उनकी पार्टी की सरकार के साथ शुरू से ही सौतेला रहा है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत् उ.प्र. को ‘‘केन्द्रीय अंश‘‘ का मिलने वाला धन भी केन्द्र सरकार द्वारा ‘‘समय‘‘ पर नहीं दिया गया।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उ.प्र. सरकार को यथासमय पर धन प्राप्त नहीं होता है, जिसके कारण प्रदेश का विकास व जनहित के कार्य काफी ज्यादा प्रभावित हुये हैं। उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों के उपलब्ध आंकड़ों से साफ है कि 13 मई सन् 2011 तक की अवधि में विŸाीय वर्ष 2007-08 में 4,935 करोड़ रुपये, वर्ष 2008-09 में 3,266 करोड़ रुपये, वर्ष 2009-10 में 7,320 करोड़ रुपये, तथा वर्ष 2010-11 में 5,864 करोड़ रूपये, कुल मिलाकर 21,385 करोड़ रूपये बन जाते हैं। यह केन्द्रीय अंश उ.प्र. सरकार को समय पर प्राप्त नहीं हुआ है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि पूर्व की सरकारों में विरासत में मिले “उŸार प्रदेश के वर्षों पुराने पिछड़ेपन व ग़रीबी को दूर करने” तथा तेज़ी से विकास कार्यों को गति देने के लिये उनकी सरकार ने सन् 2007 में केन्द्र सरकार से 80,000 करोड़ रुपयों का विशेष आर्थिक सहायता पैकेज देने की अनेकों बार माँग की थी। इस माँग पर केन्द्र सरकार ने आज तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है। इसके बावजूद विरोधी पार्टियों द्वारा व अन्य विभिन्न स्तरों पर यह भ्रम फैलाने का लगातार प्रयास किया जाता रहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को निर्धारित मापदण्डों से हटकर ‘अतिरिक्त‘ सहायता दी जा रही है, जो कि पूर्णतयाः गलत व असत्य है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उ.प्र. के समस्त क्षेत्रों में ‘‘संतुलित व समग्र विकास‘‘ उपलब्ध हो तथा उ.प्र. की सम्पूर्ण जनता को बेहतर भविष्य मिले, इसके लिए उनकी पार्टी उ.प्र. का पुर्नगठन करके ‘‘पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश‘‘ को भी अलग से राज्य गठित करने की हमेशा ही पक्षधर रही है, जिनका गठन करना केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि इस मामले में भी केन्द्र में कांग्रेस व बीजेपी ने अपने-अपने शासनकाल के दौरान अभी तक भी कोई सार्थक कदम नहीं उठाये हैं।

सुश्री मायवती जी ने कहा कि इसके साथ ही उनकी पार्टी की सरकार ने प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्गों की कुछ जातियों को ‘अनुसूचित जाति की सूची में,‘‘ तथा देश के ‘‘मुस्लिम व जाट समाज‘‘ के लोगों को, अन्य पिछड़े वर्गों की केन्द्रीय सूची में, इनके आरक्षण के कोटे को बढ़ाये जाने व उनकी आबादी के हिसाब से इनका अलग से कोटा निर्धारित करने की शर्त के साथ इन्हें शिक्षा, नौकरियों व अन्य और जरूरी क्षेत्रों में भी आरक्षण दिये जाने तथा देश में ‘‘अपरकास्ट समाज‘‘ में से गरीब लोगों को आर्थिक आधार पर सभी मामलों में, इन्हें अलग से आरक्षण दिये जाने के लिए भी उनकी पार्टी की सरकार ने केन्द्र सरकार को कई बार लिखित आग्रह किया है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके अलावा देश में ‘‘अनुसूचित जाति /जनजाति‘‘ की बढ़ी हुई आबादी के हिसाब से इनके आरक्षण के कोटे में बढ़ोत्तरी करने व इनका केन्द्रीय व देश के ज्यादातर राज्यों में राज्य स्तरीय सरकारी नौकरियों में वर्षों से अधूरे पड़े आरक्षण के कोटे को पूरा करने के लिए और साथ ही प्राईवेट सेक्टर व न्यायपालिका एवं अन्य जिन भी क्षेत्रों में, इन वर्गों को अभी तक भी आरक्षण की सुविधा नहीं मिली है। ऐसे सभी क्षेत्रों में, इनको आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भी उनकी सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को बार-बार लिखित अनुरोध किया गया है। लेकिन इन सभी मामलों को केन्द्र सरकार ने अभी तक भी ठण्डे बस्ते में डाला हुआ है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि प्रदेश में पूर्वांचल व बुन्देलखण्ड की तरह पश्चिमी उ.प्र. के विकास के लिये भी प्राईवेट सेक्टर के माध्यम से (पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप - च्ण्च्ण्च्ण्) ‘‘जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, गंगा एक्सप्रेस-वे एवं अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेस-वे’’ आदि अनेकों अति महत्वपूर्ण योजनायें बनाई थी, जिनसे पश्चिमी उ.प्र. के विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र के सभी जिलों के लोगों को भी काफी ज्यादा लाभ पहुँचता, जबकि इन परियोजनाओं में केन्द्र सरकार का कोई भी पैसा नहीं लगना था। केवल उनको कुछ मामलों में मंजूरी ही देनी थी, जो आज तक भी नहीं दी गयी है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके साथ ही पश्चिमी उ.प्र. में ‘‘माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय’’ की एक खण्डपीठ की स्थापना का मामला भी केन्द्र सरकार के समक्ष अभी तक भी लम्बित पड़ा हुआ है। इसके साथ-साथ किसानों के हितों को ध्यान में रखकर देश में लागू पुरानी भूमि अधिग्रहण नीति को भी संशोधित करने के लिए अनेकों बार केन्द्रीय सरकार को कहा गया है, किन्तु इस पर भी काफी विलम्ब किया जा रहा है, जिसके कारण फिर उन्हें मजबूर होकर प्रदेश के किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध उनकी पार्टी की सरकार ने प्रदेश में प्रगतिशील भूमि एवं पुर्नवास नीति लागू की है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि यही रवैया उत्तर प्रदेश के साथ केन्द्र सरकार का ‘‘बिजली‘‘ देने के मामले में भी बना हुआ है। इसके अलावा पूर्व की सरकारों की अति दयनीय व खराब ‘‘कानून-व्यवस्था‘ की स्थिति को भी सही पटरी पर लाने के लिए केन्द्र से समय-समय पर मांगा गया सहयोग भी ज्यादातर मामलों में नकारात्मक ही रहा है। इसके अलावा उनकी पार्टी के मुख्य दलित बैंक वोट को तोड़ने के लिए भी कांग्रेस पार्टी द्वारा किस्म-किस्म के नाटक कराये गये हैं। लेकिन इसमें भी जब कांग्रेस पार्टी को अब तक कुछ भी हासिल होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हताश होकर ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी केन्द्र में, खासतौर से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी सरकार को चारों तरफ से घिरते हुये देखकर उ.प्र. में वि.सभा के आमचुनाव होने से पहले यहाँ दलितों के वोटों को लुभाने के उद्देश्य से न चाहते हुए भी जिस मीरा कुमार के पिता स्वर्गीय बाबू जगजीवन राम जी को उनके काफी संघर्ष करने के बावजूद भी इनको एक दलित होने के नाते, इन्हें इस देश का प्रधानमन्त्री नहीं बनाया था, जिसके कारण फिर इनको कांग्रेस पार्टी छोड़कर अपनी अलग से नई पार्टी भी बनानी पड़ी थी।

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में बी.एस.पी. से घबराकर कुछ हद तक यह सम्भव हो सकता है कि कांग्रेस पार्टी अब इनकी ही बेटी श्रीमती मीरा कुमार को या फिर महाराष्ट्र से श्री सुशील कुमार शिन्दे को अपने दिल के ऊपर पत्थर रखकर किसी एक को कुछ समय के लिए इस देश का प्रधानमंत्री भी बना सकती है। उन्होंने कांगे्रस पार्टी व अन्य सभी विरोधी पार्टियों को चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी उ.प्र. में वि.सभा के आमचुनाव होने से पहले चाहे किसी भी दलित वर्ग के व्यक्ति को, कुछ समय के लिए इस देश का प्रधानमंत्री क्यों न बना दे। इसके बाद भी उन्हें अपने समाज के लोगों के ऊपर यह पूरा भरोसा व गर्व है कि ‘‘बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व मान्यवर श्री कांशीराम जी‘‘ की आत्म-सम्मान व मानवतावादी मूवमेन्ट से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि बी.एस.पी. का दलित वोट बैंक उत्तर प्रदेश अथवा देश के किसी हिस्से से रत्तीभर भी वोट कांग्रेस पार्टी में जाने वाला नहीं है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में, पूर्व में जिन भी विरोधी पार्टियों की यहाँ सरकारें रही हैं और साथ ही केन्द्र में भी अभी तक जिन भी पार्टियों की सरकारें रही हैं, ये सभी विरोधी पार्टियों की सरकारें अन्दर-अन्दर आपस में मिलकर यह कतई नहीं चाहती हैं कि उ.प्र. का हर मामले में सम्पूर्ण विकास हो। इनके इसी ही रवैये को देखकर इसके पीछे उन्हें इन सभी विरोधी पार्टियांे की एक सोची-समझी मिली-जुली स्वार्थभरी राजनैतिक साजिश नजर आती है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि यह प्रदेश पूर्णरूप से विकसित हो जाता है, तो फिर इस प्रदेश के लोग यहाँ हर मामले में, विशेषकर राजनीतिक मामले में स्वतन्त्र फैसला लेने लगेंगे। उन्होंने कहा कि जिससे फिर इन पार्टियों का सत्ता में आकर इन्हें अपनी मन-मर्जी करना प्रदेश में बहुत मुश्किल हो जायेगा। अपने इन्हीं स्वार्थाें के चलते सभी विरोधी पार्टियों की सरकारों ने व अब तक केन्द्र की सभी सरकारों ने जान बूझकर उ.प्र. को सम्पूर्ण रूप से विकसित नहीं होने दिया है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसी की वजह से ही उ.प्र. के लोग आजादी के बाद से लगातार अपनी रोजी-रोटी के लिए देश के कोने-कोने में मारे-मारे घूमते रहे हैं। उनकी पार्टी की सरकार देश की यह पहली और अकेली ऐसी सरकार है, जिसने हर मामले में व हर स्तर पर ‘‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय‘‘ की नीति के आधार पर चलकर उ.प्र. को सम्पूर्ण रूप से विकसित करने का ईमानदारी से फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि दलितों, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ अपर कास्ट समाज में से गरीब लोगों व महिलाओं के हितों का हमारी पार्टी की सरकार ने हर मामले में प्राथमिकता के आधार पर पूरा-पूरा ध्यान दिया है। इनके उत्थान के लिए प्रदेश में पहली बार अनेकों जनहित की योजनायें शुरू की गई हैं।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने इसके अलावा प्रदेश के ‘‘किसानों, मजदूरों, कर्मचारियों, वकीलों, व्यापारियों एवं अन्य पेशों‘‘ में लगे लोगों के हितों का भी हर प्रकार से पूरा ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, चिकित्सा, ऊर्जा, परिवहन, ग्राम्य विकास, आवास, सिंचाई, कृषि, शहरी व लोक निर्माण, समाज कल्याण, औद्योगिक, श्रम एवं अवस्थापना विभाग आदि के जरिये भी प्रदेश के विकास एवं जनहित के मामले में अनेकों महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक कार्य किये गये हैं। इसी प्रकार प्रदेश में हर मामले में बेहतर कानून-व्यवस्था बनाने के लिए भी हमारी सरकार ने अनेकों महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरे प्रदेश में हर स्तर पर फैले भ्रष्टाचार व राजनीतिक में लगातार पनप रहे अपराधीकरण को जिसका उ.प्र. भी काफी हद तक शिकार हुआ है। इसको समाप्त करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व की सरकारों में वर्षों से फैली ये दोनों बहुत पुरानी बीमारियां उनकी सरकार को विरासत में मिली है, जिन्हें खत्म करने के लिए उनकी सरकार को काफी सख्त कदम उठाने पड़ रहे हैं। साथ ही उनकी सरकार के कई मन्त्रियों को भी अपने मन्त्री पद से हाथ धोना पड़ा है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि भ्रष्टाचार को खत्म करने के मुद्दे पर ‘‘श्री अन्ना हजारे, बाबा रामदेव एवं अन्य कोई भी संगठन तथा राजनैतिक दल‘‘ बिना किसी व्यक्तिगत स्वार्थ के व राजनैतिक एवं जातिवादी द्वेष की भावना से ऊपर उठकर जनहित में उत्तर प्रदेश में भी अनुशासित तरीके से किसी भी रूप में अभियान छेड़ते हैं। तो इसका उनकी पार्टी व सरकार को कोई भी एतराज नहीं होगा।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि इसी मुद्दे को लेकर श्री एल.के. अडवाणी के नेतृत्व में बिहार प्रदेश से जो रथयात्रा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह रथयात्रा बिहार प्रदेश से शुरू करने की बजाय, वास्तव में कर्नाटक प्रदेश से शुरू करनी चाहिये थी, क्योंकि इस राज्य की मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी तक भी गवांनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की यह रथयात्रा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर, देश की जनता की आँखों में धूल झोंकने वाली राजनैतिक नौटंकी मात्र नजर आती है।  सही मायने में इनकी इस रथयात्रा के पीछे, श्री आडवाणी की अपनी खुद की पार्टी में पिछले कुछ समय से इनकी प्रधानमंत्री के पद की कमजोर पड़ी दावेदारी को फिर से पुख्ता करने की यात्रा ही नजर आती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की इस रथयात्रा का देश की जनता कोई ज्यादा संज्ञान लेने वाली नहीं है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बीजेपी को उ.प्र. सरकार के बारे में कोई भी किताब लिखने व श्वेत पत्र  जारी करने के लिये बिना वजह अपनी एनर्जी खराब करने की बजाय इस पार्टी को कर्नाटक स्टेट में अपनी सरकार के बारे में श्वेत पत्र व किताब छापकर पूरे देश में बड़े पैमाने पर बांटनी चाहिये, तो बीजेपी के भविष्य के लिये ज्यादा बेहतर होगा। इसी प्रकार समाजवादी पार्टी व कांग्रेस पार्टी को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर, यहाँ उनकी सरकार के बारे में कुछ भी बोलने की बजाय इन्हें पहले अपने गिरेबान मेें भी झांककर जरूर देखना चाहिये। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के बारे में इस मुद्दे पर कुछ भी बोलना, इनके लिये मानो ‘900 चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली’ हो।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा लखनऊ व नोएडा में जो भी ऐतिहासिक व भव्य स्थल तथा ग्रीन गार्डन आदि बनवाये हैं, उन्हें विरोधी पार्टियों के लोगों को जातिगत द्वेष की भावना के नजरिये से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को कुछ ही वर्षों के अन्दर काफी अधिक आर्थिक लाभ होगा, जो प्रदेश के विकास व गरीब लोगों के उत्थान पर खर्च किया जायेगा।

सुश्री मायावती जी ने लोकार्पण के बाद इस स्थल को देखने के लिए उमड़ी भारी भीड़ के उत्साह को देखते हुए कहा कि इसे देर रात्रि तक खुला रखा जाए, ताकि यहां के लोग अनुशासनपूर्वक इस स्थल को देख सकें। उन्होंने नोएडा आॅथरिटी के चेयरमैन श्री बलविन्दर कुमार को इस स्थल से सम्बन्धित अवशेष कार्यों को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिये है। नोएडा जैसे अति महत्वपूर्ण क्षेत्र में ‘राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल’ एवं ‘ग्रीन गार्डन’ निर्माण के लिए खासतौर से दलितों एवं कमजोर वर्ग के लोगों ने माननीया मुख्यमंत्री जी का हार्दिक स्वागत किया।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर वरिष्ठ मंत्री श्री नसीमउद्दीन सिद्दीकी, श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, श्री लालजी वर्मा, श्री इन्द्रजीत सरोज, ठाकुर जयवीर सिंह व श्री रामवीर उपाध्याय तथा पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं, सांसद राष्ट्रीय महासचिव ‘‘श्री सतीश चन्द्र मिश्रा’’, कैबिनेट सचिव ‘‘श्री शंशाक शेखर सिंह‘‘, एडिशनल कैबिनेट सचिव ‘‘श्री रविन्द्र सिंह‘‘, माननीया मुख्यमंत्री के सचिव ‘श्री नवनीत सहगल व सूचना सचिव श्री प्रशान्त त्रिवेदी एवं इनके अलावा प्रमुख सचिव गृह श्री कुंवर फतेह बहादुर व ए0डी0जी0 (कानून व्यवस्था) श्री एस.के. सिंह के प्रति आभार प्रकट किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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