करीब दो दशकांे से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बेदखल कांग्रेस पार्टी अबकी बार फिर इस उम्मीद पर खडी नजर आ रही है कि राहुल गंाधी के द्वारा यू0पी0 की कमान लेने से कांग्रेस यू0पी का चुनाव दम खम से लडे़गी। परन्तु कांग्रेस पार्टी वही पुराने ढर्रे के साथ विधान सभा चुनाव मुंगेरी लाल के हसीन सपने की तरह देख रही है। जानकारों की माने तो लगता है कि अबकी बार कांगे्रस को कोई नया प्रत्याशी ढूढे नही मिल रहा है। इसी कड़ी मंे वी0आई0पी0 क्षेत्र का दर्जा प्राप्त जहां एक भी विधान सभा सीट पार्टी के खाते मे नही है, इस विषम परिस्थित में कागें्रस केा अपनी नैया पार लगाना काफी कठिन है । एक तरफ कांग्रेस पार्टी का दो दशको से प्रयोग किया जाने वाला सुपर फ्लाप फार्मूला है जो पुराने चेहरे आजमाने की आदत रखता है ।यह प्रयोग पार्टी मंे वर्षो से होता आ रहा है, तो परिणाम अबकी बार भी पहले जैसा होगा शायद ही कांग्रेस अपने पुराने ढर्रे से निकल पायेगंे, ऊपर से समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का खुला ऐलान-ऐ-जंग कांग्रेस के खिलाफ ख्ुालेआम यह कहना कि कांग्रेस को हराओ यही भ्रष्टाचार की जननी है। इसी बीच मंे हर नेता अपने आप को कागं्रेस महा सचिव राहुल गांधी के नजरों मे सशक्त मजबूत उम्मीदवार के तैार पर पेश कर रही है,पर देखा जाय तो पहली व दूसरी सूची में कादीपुर विधान सभा प्रत्याष्शी घोषित होने के बाद अब तक कांग्रेस पार्टी को मजबूत सशक्त उम्मीदवार ढूढें नही मिल रहा है अब तक सुल्तानपुर जनपद के समस्त विधान सभा उम्मीदवारों का नम्बर नही आया है हर कोई अपने आप केा राहुल गांधी,सोनिया गांधी के प्रतिनधि के.एल.शर्मा जी को मैनेज कर अपना टिकट पक्का मान रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व मंत्री,पूर्व प्रत्याषी व बाहरी दल से आये हुऐ लेाग भी अपने आप को कांग्रेस पार्टी का मजबूत प्रत्याषी मान रहे है,जबकि कुछ नाम ऐसे भी है जो विधान सभा चुनाव में कई बार हारे चुके है,जो चर्चा में है जैसे पूर्व मंत्री मोईद अहमद,जय नरायण तिवारी,सुभाष त्रिपाठी, प्रमोद मिश्र,अवधेष सिंह आदि प्रमुख नाम शामिल है, जो कई बार के विधान सभा चुनाव में अपनी हार देख चुके है। अब तो देखना यह है कि क्या राहुल गंाधी अपने मिषन 2012 को साकुषल इन हारे हुए नेताओं की बदौलत पूरा करेगें। यह बात आम कांगे्रस कार्यकर्ताओं खासकर युवाओं पिछडा वर्ग,अल्प संख्यक बैकवर्ड, दलित आदि के गले नही उतर रहा है। कार्यकर्ताओं की माने तो इस बार सुल्तानपुर जिले की समस्त विधान सभा सीटों पर नये चेहरे ही मैदान में उतारे जायंेगे सषक्त व मजबूत उम्मीदवार हेागा इस बार विधान सभा चुनाव में दलित मुस्लमान बैकवर्ड,पिछडा वर्ग आदि लोगो केा वरीयता दी जायेगी। जिसमें कांग्रेस पार्टी अपने खोये हुए जनाधार को वापस पा सके, लेकिन कहा जाय तो वी0आई0पी0 जिला होने के बावजूद इस जिले में संगठन काफी कमजोर है कारण अल्प संख्यक वर्ग के जिलाध्यक्ष मकसूद आलम पार्टी केा एक मजबूती के ढर्रे पर ले जाना तो चाहते है लेकिन काम करने का दिषा निर्देष उन्हे नही मिलता जिसका कारण साफ है कि राहुल गंाधी सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के0एल0षर्मा ही नही चाहते कि इस जिले का प्रतिनिध व संगठन एक मजबूत संगठन कार्य करे। जिसको कारण दो दषकों से काग्रेंस को हार का मुंह देखना पड रहा है? क्ंयूकि लगभग दो दषक से के0एल0 शर्मा द्वारा कांगे्रस आला कमान को गुमराह किया जा रहा है अपने चहेते व चाटुकारों को आगे आने का जेा मौका दिया जा रहा है उससे साफ है कि कांग्रेस पार्टी जिले में दो फंाट बन कर रह गयी है। कुछ लोग तो ऐसे भी उभर कर सामने आये जो सिर्फ धन बल पर अपनी जोर आजमाइष कर टिकट हथियाने में पीछे नही है जैसे बम्बईया बाबू बेबी शुक्ला, डा0 अरबिन्द चतुर्बेदी, सन्दीप तिवारी आदि जिनको जनता ठीक से जानती व पहचानती भी नही है, वह लोग होर्डिग आदि के माध्यम से जनता मंे अपनी पकड़ बनान में जुटे है अगर इस बार मौका मिला तो ठीक नही तो जहा थे वही रहेगें। सूत्र बताते है कि अगर काग्रेंस महासचिव राहुल गांधी द्वारा कराये गये गुप्तचर ऐजेन्सी व आम कांग्रेस कार्यकर्ता से सीधा संवाद स्थापित करें तो षायद कांग्रेस के झोली में सफलता मिल जाय। सुल्तानपुर जिले के समस्त विधान सभा सीटों पर सफलता तभी मिल सकती है कि जब कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया जाय। अगर कांगेे्रस चिन्टू,मिन्टू,बन्टू,पिंटू आदि जैसे को मौका दे कर इन पहलुओ पर ध्यान नही दिया तो परिणाम गलत हो सकते है। कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले विधान सभा चुनाव में सफलता कहीं सपा, बसपा, भाजपा के खाते में न जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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