भारतीय जनता पार्टी ने परदे की राजनीति में सोचने और समझने के लिए प्रदेश के महासचिव गुप चुप तरीके से जिलें में आए और अपनी सबसे विश्वसनीय जगह पर पूरे समीकरण का जायला लेकर उसी तरह वापस हो गए जैसे आए थे विश्वस्त परंतु कट्टर भाजपाई की मानें तो पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के द्वारा आरोपों की जांच हेतु आने का मामला सामने आ रहा है। गोपनीय जानकारी पर माननीय प्रदेश संगठन को यह जानकारी देना जरूरी थी कि जिस महिला पर आरोंपो की जानकारी थी उसने सब कुछ वकवास एवं निराधार बताया। महिला नेता ने माननीय के साथ आए हुए भाजपाईयों के विषय में बताया कि यह स्वयं संगठन की मीटिंगों में कभी नहीं आते है। केवल आज दिखाई पड़े है। पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामबहादुर ने माननीय के आने की बात तो स्वीकार की लेकिन और कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया। संगठन के माननीय महासचिव नरेंद्र सिंह तोमर के सामने आरोपी नेता को मुंह की खानी पड़ी यह सब टिकट हेतु जारी जोर आजमाइश और नीचा दिखाने की एक मुहिम के अंर्तगम सामने आ रही है। कमोवेश यही स्थिति दूसरी राष्ट्रीय पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उन कर्मठ कार्यकर्ताओं की है जो कई सालों से पार्टी का झण्डा बुलंद कर रहे थे और कांग्रेस की नीतियों का प्रचार करते हुए अपने आप को सक्रिय कार्यकर्ताओं में शुमार करके टिकट मिलने के भरोसे पर लगे रहे है। आगे इसी स्थिति का भांप कर की पार्टी छोड़कर गए नेता वापस आए है और उन को टिकट मिलने लगा इस हताश निराशा एवं पार्टी नेतृत्व के प्रति उनकी भावना बलवती हो रही है। कि उत्तर प्रदेश 2012 का मिशन में सबक सिखाने हेतु पार्टी का क्या हश्र करेगें यह वक्त ही बताएगा। कार्यकर्ताओं की यही चिंगारी लावा न बन जाए पार्टी नेतृत्व को सोचना जरूरी हो गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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