सुप्रीम कोर्ट का आदेश: स्कूल, काॅलेज के पास नहीं होने चाहिए र्दुव्यसनों के खोखे
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को धता बताकर स्कूल व काॅलेज के आसपास बड़ी संख्या में धूम्रपान, गुटखा आदि के खोखे अनवरत खुले हैं। प्रशासन का डण्डा भी आदेशों पर अमल नहीं कर रहा है। जिससे व्यवसायियों को बल मिल रहा है। जिस कारण किशोर गलत व्यसनों के आदी बन रहे हैं।
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश हैं कि स्कूल व काॅलेज के 100 मीटर की परिधि के भीतर र्दुव्यसनों(सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू, सुपारी) के खोखे, दुकानें नहीं लगायी जायेंगी। यदि ऐसा पाया जाता है तो सम्बन्धित दुकानदार के विरूद्ध कानून कड़ी कार्रवाई करेगा। कोर्ट के आदेश शासन, प्रशासन पर इस कदर बेअसर साबित हुए हैं कि अधिकांश विद्यालयों के सामने इन व्यसनों से सुसज्जित खोखे, खोमचे व दुकानें बड़ी तादात में देखे जा सकते हैं। ऐसे में दुकान होगी तो युवा वर्ग के पद भ्रमित होने से कैसे बच सकते हैं। वानगी के तौर पर शहर के कचहरी चैाराहे के पास स्थित दो मुख्य काॅलेजों जीआईसी इण्टर काॅलेज और सुदामा प्रसाद इण्टर काॅलेज के आस पास बड़ी तादात में ऐसी दुकानें देखी जा सकती हैं। कलेक्ट्रेट मुख्यालय के करीब होने के बावजूद किसी अधिकारी ने इसके विरूद्ध कोई अभियान नहीं चलाया है।
कमोवेश यही हाल इस्लामियां इण्टर काॅलेज, देवी प्रसाद इण्टर काॅलेज, गुरुनानक कन्या हाई सेकेन्ड्री स्कूल, नेशनल गल्र्स इण्टर काॅलेज, एबीरिच इण्टर काॅलेज, तारा पाठक कन्या इण्टर काॅलेज, मंगलसेन इण्टर काॅलेज, जनता इण्टर काॅलेज, राजकीय कन्या इण्टर काॅलेज, सरदार पटेल इण्टर काॅलेज, आर्य महिला इण्टर काॅलेज, एनटीआई, सेण्ट पाॅल, जीएफ काॅलेज, श्री शंकर मुमुक्षु विद्यापीठ, श्री शुकदेवानन्द देवी सम्पदा डिग्री काॅलेज, सरस्वती शिशु मन्दिर आदि तमाम स्कूल काॅलेजों के पास बड़ी संख्या में र्दुव्यसनों से सजी दुकानों पर युवा वर्ग की भीड़ सिगरेट का कस लेते देखी जा सकती हैं। यदि इसी तरह कोर्ट के आदेशों की अवमानना होगी तो कानून बनाने का फायदा क्या निकलेगा। चिन्तनीय तथ्य है?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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