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मुख्यमंत्री ने श्री रंगनाथ मिश्र तथा श्री बादशाह सिंह को मंत्री पद से हटाने का निर्णय लिया

Posted on 05 October 2011 by admin

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री श्री रंगनाथ मिश्र तथा श्रम मंत्री श्री बादशाह सिंह को मंत्री पद से तब तक के लिए हटाने का निर्णय लिया है, जब तक की यह दोनों मंत्री जांच में निर्दोष साबित नहीं हो जाते हैं। उन्होंने कहा है कि श्री रंगनाथ मिश्र व श्री अवधपाल सिंह यादव के सम्बन्ध में मा0 लोकायुक्त की रिपोर्ट एवं श्री बादशाह सिंह के खिलाफ कई गम्भीर शिकायतों के प्रकरण की जांच सर्तकता अधिष्ठान से कराये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि श्री रंगनाथ मिश्र एवं श्री बादशाह सिंह को मंत्री पद से इसलिए हटाया गया, ताकि जांच प्रभावित न हो और विरोधी पार्टियों को अनावश्यक राजनीति करने का मुद्दा न मिले।
उत्तर प्रदेश स्टेट यूनिट के अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज यहां पार्टी के इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 ही देश की ऐसी इकलौती पार्टी है, जिसने अपनी ही सरकार एवं पार्टी के किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति पर आपराधिक या भ्रष्टाचार का आरोप लगने पर उसके विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 का शुरू से मानना रहा है कि राज्य में पार्टी की सरकार के रहते हुए, चाहे बी0एस0पी0 का या अन्य विरोधी पार्टी का व्यक्ति या पदाधिकारी किसी गैर कानूनी कार्य में लिप्त पाया जाता है तो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश की जनता एवं राज्य के हित में बी0एस0पी0 की सरकार ने सख्त कार्यवाही करने में देर नहीं लगाई।
श्री मौर्य ने कहा कि बी0एस0पी0 का गठन ही राजनीति में अपराधीकरण एवं भ्रष्टाचार के विरूद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता अच्छी तरह से जानती है कि बी0एस0पी0 ने पूर्व मंत्री श्री आनन्द सेन यादव, श्री अशोक कुमार दोहरे तथा श्री अवधपाल सिंह यादव सहित कई सांसदों, विधायकों एवं पार्टी पदाधिकारियों के विरूद्ध शिकायत मिलने पर कठोर कार्यवाही की है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार ने आज हटाये गये मंत्रियों सहित अपने लोगों पर इसलिए सख्त कार्यवाही की, ताकि सरकार के ऊपर अंगुली न उठे तथा पार्टी की छवि धूमिल न हो। उन्होंने कहा कि यद्यपि हटाये गये मंत्रियों ने पार्टी की माननीया राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलकर अपने निर्दोष होने की बात कही है और उन्होंने यह भी बताया है कि उन्हें विरोधी दलों द्वारा जालसाजी करके फसाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके विरूद्ध लगाये गये आरोपों के खिलाफ वे विधिसम्मत कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इसके बावजूद पार्टी ने मा0 लोकायुक्त द्वारा की गयी संस्तुति को मानते हुए श्री मिश्र को तथा श्री सिंह के विरूद्ध गम्भीर शिकायतों को देखते हुए इन्हें मंत्री पद से हटाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इन्हें स्पष्ट तौर पर बता दिया गया है कि वे अपनी कानूनी लड़ाई लड़े और यदि उनके विरूद्ध लगाए गये आरोप मा0 न्यायालय में गलत साबित होते हैं तो उन्हें बाइज्जत उसी पद पर वापस ले लिया जाएगा। लेकिन जब तक उन पर लगे आरोप गलत साबित नहीं होते हैं, तब तक के लिए उन्हें पद से हटाया जाना जरूरी है।
श्री मौर्य ने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार मा0 लोकायुक्त की रिपोर्ट आने पर सरकार इस पर कार्यवाही करती है और मा0 लोकायुक्त की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर भी रखती है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार पर अनावश्यक आरोप लगाने वाले विरोधी दलों की राज्य सरकारों को बताना चाहिए कि अपने-अपने राज्यों में उनके दलों की सरकारों ने मा0 लोकायुक्त की रिपोर्ट आने पर क्या कार्यवाही की है। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि उत्तर प्रदेश में छोटी-छोटी घटनाओं को लेकर राजनीति करने वाली विरोधी दलों की सरकारों द्वारा अपने राज्यों में मा0 लोकायुक्तों की रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती और उस पर विरोधी पार्टियों की सरकारें मौन साधे रहती हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश, कर्नाटक एवं छत्तीसगढ़ में मा0 लोकायुक्त की रिपोर्ट पर कई गम्भीर मामलों में कोई कार्यवाही नहीं की गयी और उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ मामूली प्रकरणों में केवल दिखाने के लिए ही कार्यवाही की गयी। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित गुजरात की सरकार ने तो अभी तक वर्षों से खाली मा0 लोकायुक्त के पद को भरने के बजाए मुकदमेंबाजी में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि यही हाल कांग्रेस शासित राज्यों एवं अन्य विरोधी दलों की सरकारों का भी है। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि कांग्रेस शासित दिल्ली की सरकार के दो मंत्रियों के विरूद्ध वहां के मा0 लोकायुक्त ने रिपोर्ट दी, लेकिन राज्य सरकार ने मा0 लोकायुक्त की रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की, बल्कि राज्य सरकार उन मंत्रियों को बचाने में लगी है।
श्री मौर्य ने कहा कि बी0एस0पी0 की बेबुनियाद आलोचना करने वाले सपा के नेताओं को भी अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा नेताओं को बताना चाहिए कि प्रदेश में उनकी सरकार के दौरान मा0 लोकायुक्त की रिपोर्टों पर क्या कार्यवाही की गयी। उन्होंने कहा कि सपा शासन के दौरान तो पूरे प्रदेश में गुंडे, माफियाओं एवं भ्रष्टाचारियों का बोलबाला था। तत्कालीन राज्य सरकार इनके विरूद्ध कार्यवाही करने के बजाए अपराधियों को बचाए रखने में लगी रही। उन्होंने कहा कि सपा को बी0एस0पी0 सरकार पर अंगुली उठाने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि विरोधी पार्टियां, बी0एस0पी0 सरकार द्वारा भ्रष्टाचार एवं राजनीति में अपराधीकरण के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान से परेशान है और उन्हें डर है कि उनकी असलियत जनता के सामने जाहिर हो जाएगी। इसीलिए विरोधी पार्टियां बी0एस0पी0 पर बेबुनियाद एवं तथ्यहीन आरोप लगाने से बाज नहीं आती। उन्होंने कहा कि जनता विरोधी पार्टियों की इस घटिया राजनीति को अच्छी तरह से समझती है और उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भी जरूर भुगतना पड़ेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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