भारतीय जनता पार्टी ने केन्द्र व राज्य दोनों ही सरकारों को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि जहां केन्द्रीय योजना आयोग ने शहरी क्षेत्रों में 32 रूपये व ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रूपये प्रतिदिन से ऊपर वालों को गरीबी की रेखा के ऊपर बताया हैं वहीं राज्य की बसपा सरकार ने बी0पी0एल0 सूची वाले गरीबों का खाद्यान्न हड़पा है, इसी सूची वाले पिछड़ों की पुत्रियों का विवाह अनुदान ठप्प है, अनुसूचित जातियों, पिछड़ी जातियों की छात्रवृत्तियां भी बंद हैं।
श्री दीक्षित ने कहा कि केन्द्र व राज्य दोनों ही सरकारें गरीबों को कुचल रही है। गरीबी की रेखा के कथित मूल्यांकन का भारी विरोध हुआ तो केन्द्र सरकार नये सर्वेक्षण की बात कह रही है। बसपा इस पर कागजी असंतोष दिखा रही है लेकिन खुद इसी राज्य सरकार ने गरीबों की सारी योजनाओं का धन लूट लिया है, समाज कल्याण का धन भ्रष्टाचार की भंेट चढ़ा है। वृद्धावस्था, विकलांग पेंशन भी बंद है। गरीब आत्महत्या का विवश हैं। भुखमरी से हुई मौतों की जिम्मेदार बसपा सरकार है। दोनो ही सरकारों ने भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाया है। महंगाई बढ़ाने की दोषी दोनों सरकारें हैं। सारी मार गरीबों पर ही है।
श्री दीक्षित ने कहा कि केन्द्र सच्चर के बहाने गरीबी को मजहब आधारित बता रहा है। राज्य सरकार गरीबों की हरेक योजना का धन लूट रही है। गरीबी बढ़ी है, गरीब बढ़े हैं। सामान्य जीवन यापन भी महंगा हुआ है और गरीबों की सीमा से बाहर है। नगरों में 100 रूपये प्रतिदिन कमाने वाले व्यक्ति की भी क्रय शक्ति का कोई भी मतलब नहीं है। मुख्यमंत्री मायावती की चिट्ठियों को निरी बकवास बताते हुए श्री दीक्षित ने कहा कि सरकारें चिट्ठी नहीं लिखतीं, काम करके ही दिखाती हैं। बसपा ने साढ़े चार बरस में केवल रूलाने का ही काम किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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