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माननीया मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र से अनुसूचित जाति/जनजाति के वर्तमान आरक्षण कोटे को बढ़ाने मांग की

Posted on 02 October 2011 by admin

  • अनुसूचित जाति/जनजाति वर्गों को प्राईवेट सेक्टर, मा0 न्यायपालिका तथा अन्य क्षेत्रों में आरक्षण की सुविधा दी जाये-माननीया मुख्यमंत्री जी
  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने माननीय प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने केन्द्र से अनुसूचित जाति/जनजाति के वर्तमान आरक्षण कोटे को बढ़ाने तथा इन वर्गों को प्राईवेट सेक्टर व माननीय न्यायपालिका के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी आरक्षण की सुविधा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि समय के साथ अनुसूचित जाति/जनजाति वर्गों की आबादी में वृद्धि होने  के बावजूद, इन वर्गों का आरक्षण कोटा आज तक यथावत् बना हुआ है तथा इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी है। इसलिए इन वर्गों को यह सुविधा प्रदान किया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने माननीय प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह को इस सम्बन्ध में प्रेषित अपने पत्र में लिखा है कि देश में अनुसूचित जाति/जनजाति कीे सूची में, अन्य पिछड़े वर्गों की जिन भी जातियों को शामिल किया जाए, तो इस मामले में, इनका आरक्षण का कोटा बढ़ाने व इनकी आबादी के हिसाब से, इनका अलग से कोटा निर्धारित करने की शर्त के साथ ही, इनके आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने माननीय प्रधानमंत्री जी से इस प्रकरण में यथाशीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध करते हुए उन्हें यह भी अवगत कराया कि देश में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोग गैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था के कारण सदियों से उपेक्षा के शिकार रहे हैं। इसी का परिणाम था कि इन वर्गों के लोगों को समस्त लाभों से वंचित किया गया, जिसके चलते इनकी सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति खराब बनी रही। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद परम् पूज्य बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर के अथक प्रयासों के चलते, भारतीय संविधान में इन वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी लिखा है कि उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्गों के लोग खुश हैं, क्योंकि यहां की बी0एस0पी0 सरकार ने इन वर्गों के हितों के लिए प्रदेश स्तर पर अनेकों महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं, जो पूर्व की सरकारों ने नहीं लिये। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसलों को पूरे देश में लागू करने के सम्बन्ध में भारत सरकार ने भी कोई रूचि नहीं दिखाई।
अनूसूचित जाति/जनजाति वर्गों के उत्थान व कल्याण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लिये गये कुछ महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में माननीय प्रधानमंत्री जी को अवगत कराते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने लिखा है कि उनकी सरकार ने वर्ष 2007 में सत्ता में आते ही वर्षों से सरकारी नौकरियों में खाली पड़े अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षित पदों के बैकलाॅग को विशेष भर्ती अभियान चलाकर पूरा किया। इसके अलावा इन वर्गों के गरीब लोगों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 25 लाख रूपये तक के सरकारी ठेकों में आरक्षण की एक नई व्यवस्था पहली बार लागू की है। इसके अलावा उनकी सरकार ने सरकारी विभागों, निगमों व परिषदों आदि में आउट सोर्सिंग के जरिए कराए जा रहे कार्य में भी सरकारी नौकरियों की तरह आरक्षण व्यवस्था को लागू किया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने अपने पत्र में माननीय प्रधानमंत्री जी का ध्यान राज्य सरकार की नई आर्थिक नीति की तरफ आकृष्ट कराते हुए यह भी लिखा कि राज्य सरकार की सहायता से निजी क्षेत्र में स्थापित की जाने वाली औद्योगिक इकाईयों, शैक्षिक प्रतिष्ठानों, अवस्थापना सुविधाओं, सर्विस सेक्टर की परियोजनाओं, तथा विनिवेशित इकाईयों आदि में सृजित होने वाले कुल रोजगार का 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित करने की व्यवस्था इस नीति में की गयी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी अवगत कराया कि प्रदेश सरकार ने फैसला लिया कि पी0पी0पी0 माॅडल पर विकसित उद्यमों में उसी प्रकार नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था रखी जाएगी, जिस प्रकार राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को अभी तक आरक्षण देती रही है, अर्थात कुल सृजित रोजगार की संख्या का 21 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 02 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति तथा 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना तथा शहरी क्षेत्रों में मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना संचालित की जा रही हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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