Categorized | कृषि, लखनऊ.

किसान अपनी मिट्टी के जीर्णोद्वार के लिए सजग हो जायेः डा0 अवस्थी

Posted on 29 September 2011 by admin

awasthiपशु पालन कम होने और अधिकाधिक कृषि उपज प्राप्त करने के लिए रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल होने के कारण मृदा स्वास्थ्य में गिरावट आयी है। खेती मंे प्रयोग होने वाले रासायनिक उर्वरकों का मात्र 25 प्रतिशत ही हमारी फसलें दोहन कर पा रही है शेष 75 प्रतिशत धरती में पड़ा हुआ है। धरती के भीतर पटे पड़े इस तत्व को जैव उर्वरकों के इस्तेमाल से सक्रिय कर कृषि उपज भी बढ़ाई जा सकती है और उर्वरकों पर खर्च होने वाले व्यय को कम भी किया जा सकता है। अतः खेती में जैव उर्वरकांे को बढ़ावा देना अब अनिवार्य हो गया है। वरना भविष्य भयावह हो सकता है।
उक्त विचार सहकारिता भवन में आयोजित कृषि एवं सहकारिता विकास संगोष्ठी में इफ्को के प्रबन्ध निदेशक डाॅ. उदय शंकर अवस्थी ने व्यक्त किया।
गोष्ठी के प्रमुख सचिव (कृषि) सुशील कुमार, प्रमुख सचिव (सहकारिता) संजय अग्रवाल, कृषि निदेशक-मुकेश गौतम, पीसीएफ अध्यक्ष एवं इफ्कों निदेशक-राम चन्द्र प्रधान, निदेशक इफ्को चै. शीश पाल तसंह, राजकुमार त्रिपाठी, वीर प्रताप सिंह, इफ्कों के संयुक्त महाप्रबन्धक बलबीर सिंह, राज्य विपणन प्रबन्धक योगेन्द्र कुमार भी प्रबन्ध निदेशक पीसीएफ रामबोध मौर्य, आईएफएफडी सी.के. चेयरमैन गुरु प्रसाद त्रिपाठी व इफ्कों के तमाम अधिकारियों एवं भारी मात्रा में किसानों ने भाग लिया। अपने उद्धोधन में डाॅ. अवस्थी ने किसानों को बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों के दाम मेें निरन्तर बढ़ोत्तरी भी हो रही है तथा मिट्टी की सेहत भी खराब होती जा रही है। अतः किसान अपनी मिट्टी के जीर्णोद्वार के लिए सजग हो जाये। रसायनिक उर्वरकों के साथ-साथ यह अत्यन्त आवश्यक है कि जैब उर्वरक, वर्मी कम्पोस्ट तथा ग्रीन मैन्योरिंग का प्रयोग किया जाये। डाॅ. अवस्थी ने प्रदेश के प्रमुख सचिव सहकारिता संजय अग्रवाल व प्रमुख सचिव कृषि सुशील कुमार की मांग पर उत्तर प्रदेश को पर्याप्त एवं वरीयता के आधार पर उर्वरक उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए प्रदेश में सहकारिता आन्दोलन को बहुआयामी एवं अधिक सक्रिय करने तथा जैविक खेती को बढ़ा देने की नसीहत भी दी।
प्रमुख सचिव (कृषि) ने अवगत कराया कि प्रदेश में धान की अच्छी फसल होने की पूरी सम्भावना है। आने वाली रबी हेतु प्रदेश को 32.5 लाख टन यूरिया तथा 1.15 टन डीएपी एवं 6 लाख टन एनपीके का आवंटन प्राप्त हुआ है जिसकी और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लगभग दो हजार सहकारी समितियों एवं 42,000 निजी उर्वरक बिक्री केन्द्रों के जरिये किसानों तक भरपूर उर्वरक पहंुचाने का वादा किया। उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इफ्को से पर्याप्त मात्रा में पीएसपी कल्चर मुहैया कराने की मांग की। उन्होंने बताया कि प्रदेश को 67 लाख मी. टन खाद की जरूरत होगी जिसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रधान मंत्री को पत्र लिखा है।
इफ्कों प्रबन्ध निदेशक डाॅ. उदय शंकर अवस्थी ने प्रदेश के प्रमुख सचिव सहकारिता संजय अग्रवाल की मांग पर समितियों को आपूर्ति की जाने वाली डीएपी एनपीके व यूरिया खादों पर मार्जिन मनी बढ़ाये जाने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि वे ही सहकारी समितियां इफ्कों का सदस्य रह पायेंगी जो कि साल में कम से कम 100 टन खाद की बिक्री करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in