ऽ एक्यूट रीनल फेलियर विषय पर हुई संगोष्ठी
ऽ सेवा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर का सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम
ऽ राजधानी के 70 चिकित्सकों ने लिया भाग
शरीर में पानी की कमी से घातक बीमारी हो सकती है। पानी की कमी से गुर्दा अचानक काम करना बन्द कर देता है। यह बीमारी ‘एक्यूट रीनल फेलियर’ के नाम से जानी जाती है, जिसका उपचार कराने में विलम्ब नहीं किया जाना चाहिए।
ये बातें सुप्रसिद्ध चिकित्सक डा. राजेश सिंह ने सेवा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर द्वारा सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत ‘एक्यूट रीनल फेलियर’ विषय पर आयोजित संगाष्ठी में बतायीं। उन्हांेने बताया कि वृद्ध व्यक्तियों में एआरएफ होने की सम्भावना अधिक होती है। काम करते या बैठे-बैठे अचानक गुर्दा काम करना बन्द कर देता है। इससे बचाव के लिए व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पानी लेते रहना चाहिए साथ ही डायरिया होने की स्थिति में मरीज को ओआरएस का घोल व आईवीफ्लूड देना चाहिए। डा. सिंह ने कहा कि एआरएफ का एक कारण गुर्दों में संक्रमण भी है जिसका उपचार जल्द से जल्द कराना चाहिए।
संगोष्ठी की अध्यक्षता रिसर्च सेन्टर के प्रबन्ध निदेशक डा. नीरज बोरा ने की। आडियो-विजुअल तकनीकि के माध्यम से चिकित्सकों को एआरएफ से सम्बन्धित परिस्थितियों को बताया गया। विशेषज्ञ डा. राजेश सिंह ने चिकित्सकों को एआरएफ होने के विभिन्न कारणों, उसके उपचार तथा सम्बन्धित दवाओं के विषय में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में लगभग 70 चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया तथा गुर्दा सम्बन्धी रोगों पर अपेक्षित जानकारी प्राप्त की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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