माननीया मुख्यमंत्री जी ने नये जनपद बनाने की घोषणा की

Posted on 28 September 2011 by admin

  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने मुजफ्फरनगर जनपद की तहसील शामली तथा कैराना को मिलाकर प्रबुद्धनगर के नाम से नया जिला बनाने की घोषणा की
  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने तहसील सम्भल, चन्दौसी तथा गुन्नौर को मिलाकर भीमनगर नाम से नया जनपद बनाने की घोषणा की
  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने जनपद गाजियाबाद की तहसील हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर तथा धौलाना को मिलाकर नया जनपद पंचशील नगर तथा धौलाना को नयी तहसील बनाने की घोषणा की

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  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने मुजफ्फरनगर जनपद की तहसील शामली तथा कैराना को मिलाकर प्रबुद्धनगर के नाम से नया जिला बनाने की घोषणा की
  • छोटी प्रशासनिक इकाईयों के गठन से कानून-व्यवस्था एवं  विकास कार्यों की स्थिति और बेहतर बनाने में प्रशासनिक तंत्र तथा उस इलाके की जनता को काफी सुविधा होगी -माननीया मुख्यमंत्री जी
  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने विकास कार्यों तथा कानून-व्यवस्था की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को जन-अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने तथा कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए
  • केन्द्र सरकार के पास उत्तर प्रदेश के कई हजार करोड़ रूपये लम्बित हैं, इसके बावजूद भी राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के जरिये ही  प्रदेश में विकास व जनहित के काफी कार्य किये -माननीया मुख्यमंत्री जी

cm-photo-28-09-2011उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भ्रमण के दौरान जनपद मुजफ्फरनगर की तहसील शामली तथा कैराना को सम्मिलित कर प्रबुद्धनगर के नाम से एक नये जनपद के गठन की घोषणा की। इसका मुख्यालय शामली होगा। इसके साथ ही शामली कस्बे का नाम शामली ही बना रहेगा और इसके नाम में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। उन्होंने विकास कार्यों तथा कानून-व्यवस्था की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को जन-अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने तथा कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
सुश्री मायावती जी ने कानून-व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा के उपरान्त शामली तहसील में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की सोच के मुताबिक चलकर उनकी पार्टी व सरकार हमेशा से छोटी प्रशासनिक इकाईयों के गठन की पक्षधर रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रशासनिक इकाईयां छोटी होंगी, तो फिर कानून-व्यवस्था एवं विकास कार्यों की स्थिति ज्यादा बेहतर बनाने में प्रशासनिक तंत्र तथा उस इलाके की जनता को काफी सुविधा होगी। इसी सोच के आधार पर चलकर उनकी सरकार ने अपने सभी कार्यकालों के दौरान प्रदेश में अनेक मण्डलों, जनपदों व तहसीलों का गठन किया है। उन्होंने कहा कि जनपद मुजफ्फरनगर मुख्यालय से तहसील शामली व कैराना की दूरी लगभग क्रमशः 40 व 60 किलो मीटर है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुजफ्फरनगर जनपद मुख्यालय से शामली तथा कैराना की अधिक दूरी होने के कारण क्षेत्रवासियों को मुख्यालय से सम्बन्धित शासकीय कार्यों, न्यायिक कार्यों एवं अन्य कार्यों को कराने हेतु आने-जाने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। इन समस्याओं को ध्यान में रखकर ही आज नये जिले का गठन किया गया है। नवगठित जनपद प्रबुद्धनगर की दोनों तहसीलों में आम जनता के आवागमन की सुविधा हेतु रोडवेज/रेलवे के साधन उपलब्ध हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके साथ ही यहां आम जनता की सुविधा के लिए औद्योगिक इकाईयाॅं, बैंक, पोस्ट आफिस, बीमा कम्पनी आदि संस्थान उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मुजफ्फरनगर जिले की जनसंख्या 41 लाख 36 हजार 605 है तथा नवसृजित जनपद की जनसंख्या 12 लाख 91 हजार 541 है। उन्होंने कहा कि इस नये जनपद के सृजन से कानून-व्यवस्था की स्थिति को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। जनपद मुजफ्फरनगर में आपराधिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए शामली को नया जनपद बनाने से न केवल मुजफ्फरनगर जिले की कानून व्यवस्था पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा, बल्कि नव सृजित जनपद में भी चुस्त-दुरूस्त प्रशासन एवं बेहतर पुलिस व्यवस्था भी सुनिश्चित होगी।
cm-photo-28-09-2011-0011सुश्री मायावती जी ने कहा कि नये जनपद के सृजन से शामली तथा कैराना तहसीलों का तेजी से औद्योगिक एवं आर्थिक विकास संभव हो सकेगा, जिससे समाज के दलित एवं अन्य पिछड़े वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यक तथा सर्वसमाज में से गरीब लोग खासतौर से लाभान्वित होंगे। उन्होंने जनता को विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार इस नये जनपद के चहुमुखी विकास के लिए धन की कमी आड़े आने नहीं देगी। उन्होंने इस मौके पर इस नये जनपद की परिधि में आने वाले सभी लोगों से इस जनपद के विकास में पूरा-पूरा सहयोग देने की अपील की।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के समस्त क्षेत्रों में संतुलित व समग्र विकास उपलब्ध हो तथा प्रदेश की सम्पूर्ण जनता को बेहतर भविष्य मिले, इसके लिए उनकी पार्टी, उत्तर प्रदेश का पुर्नगठन करके पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग से राज्य गठित करने की हमेशा ही पक्षधर रही है। जिनका गठन करना केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले में केन्द्र में कांग्रेस व बीजेपी ने अपने-अपने शासनकाल के दौरान अभी तक भी कोई सार्थक कदम नहीं उठाये हैं, जबकि इस सन्दर्भ में उनकी पार्टी व सरकार कई बार केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिख चुकी है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि इसके अलावा उनकी सरकार ने प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्गों की कुछ जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में, और साथ ही देश में मुस्लिम व जाट समाज के लोगों को, अन्य पिछड़े वर्गों की केन्द्रीय सूची में, इनके आरक्षण के कोटे को बढ़ाये जाने व इनकी आबादी के हिसाब से इनका अलग से कोटा निर्धारित करने की शर्त के साथ इन्हें शिक्षा, नौकरियों व अन्य और जरूरी क्षेत्रों में भी आरक्षण दिये जाने तथा देश में अपरकास्ट समाज में से गरीब लोगों को भी आर्थिक आधार पर सभी मामलों में, इन्हें अलग से आरक्षण दिये जाने के लिए भी हमारी पार्टी की सरकार ने केन्द्र सरकार को कई बार चिट्ठी लिखी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में अनुसूचित जाति /जनजाति की बढ़ी हुई आबादी के हिसाब से, इनके आरक्षण के कोटे में बढ़ोत्तरी करने व इनका केन्द्रीय व ज्यादातर राज्यों में राज्य स्तरीय सरकारी नौकरियों में वर्षों से अधूरा पड़ा आरक्षण का कोटा पूरा करने के लिए    और साथ ही प्राईवेट सेक्टर व मा0 न्यायपालिका एवं अन्य जिन भी क्षेत्रों में, इन वर्गों को अभी तक भी आरक्षण की सुविधा नहीं मिली है, ऐसे सभी क्षेत्रों में, इनको आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भी केन्द्र सरकार को बार-बार लिखित आग्रह किया गया है। लेकिन इन सभी मामलों को केन्द्र सरकार ने अभी तक भी ठण्डे बस्ते में डाला हुआ है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने आर्थिक सीमित संसाधनों को देखते हुए प्रदेश में पूर्वांचल व बुन्देलखण्ड की तरह पश्चिमी उ.प्र. के विकास के लिये भी प्राईवेट सेक्टर के माध्यम से पब्लिक-प्राईवेट-पार्टनरशिप (पी0पी0पी0) जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, गंगा एक्सप्रेस-वे एवं अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेस-वे आदि जैसी अनेकों अति महत्वपूर्ण योजनायें बनाई है। जिनसे पश्चिमी उ.प्र. के विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र के सभी जिलों के लोगों को भी काफी ज्यादा लाभ पहुँचता, जबकि इन परियोजनाओं में केन्द्र सरकार का कोई भी पैसा नहीं लगना था। केवल उनको कुछ मामलों में मंजूरी ही देनी थी, जो आज तक भी नहीं दी गयी है। इसके साथ ही पश्चिमी उ.प्र. में मा0 इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक खण्डपीठ की स्थापना का मामला भी केन्द्र सरकार के समक्ष अभी तक भी लम्बित पड़ा हुआ है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके अलावा पूर्व की सरकारों की विरासत में मिली प्रदेश की कमजोर आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर हमने सन् 2007 में, अपनी सरकार के बनते ही केन्द्र सरकार से 80,000 करोड़ रूपयों का विशेष आर्थिक सहायता पैकेज देने की भी मांग की थी। लेकिन हमारी सरकार की इस माँग पर केन्द्र सरकार ने आज तक भी कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है। इसके बावजूद विरोधी पार्टियों द्वारा जनता में शुरू से ही यह भ्रम फैलाने का लगातार प्रयास किया जाता रहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को निर्धारित मापदण्डों से हटकर अतिरिक्त सहायता राशि दी जा रही है, जो कि पूर्णतयाः गलत व तथ्यहीन है। जबकि इस मामले में सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश में 13 मई सन् 2007 का हमारी पार्टी की सरकार बनी है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि तब से केन्द्र सरकार द्वारा पिछले चार वर्षों में केन्द्रीय अंश जो निश्चित तौर पर यहाँ प्रदेश सरकार को यथासमय पर मिल जाना चाहिये था, उसे भी समय पर नहीं दिया गया है और आज भी केन्द्र सरकार के पास अपने प्रदेश का कई हजार करोड़ रूपया लम्बित पड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में भी उनकी पार्टी की सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के जरिये ही प्रदेश में विकास व जनहित के काफी कार्य किये हैं। साथ ही कानून-व्यवस्था व अपराध नियन्त्रण के मामले में भी उनकी सरकार ने अनेकों ठोस कदम उठाये हैं।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा मुजफ्फरनगर जिले में से जो एक और नया जिला बनाया गया है। इससे दोनों जिलों के लोगों को हर मामले में काफी ज्यादा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में समय-समय पर दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान् सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासतौर से महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि के बताये हुये रास्तों पर चलकर उनकी पार्टी की सरकार सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीति के अनुसार सरकार चला रही है, जिससे प्रदेश में पहली बार हर मामले में व हर स्तर पर यहाँ सर्वसमाज के लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिला है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने इससे पूर्व जनपद मुजफ्फरनगर के विकास एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति एवं अन्य कार्यों की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनहित से जुड़ी योजनाओं एवं विकास कार्यों की गुणवत्ता को लेकर बेहद संवेदनशील है और इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अनुसूचित जाति/जनजाति व गरीबों को आवंटित कृषि एवं आवासीय पट्टों की जमीनों पर अवैध कब्जा हटाने तथा लाभार्थियों को भौतिक कब्जा दिलाने के साथ ही अवैध कब्जा धारकों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी कानून के प्रभावी क्रियान्वयन तथा इसके अन्तर्गत आच्छादित सेवाओं को निर्धारित समय के अन्तर्गत आम जनता को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के तहत अम्बेडकर ग्रामों में कराये जा रहे विभिन्न विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना, महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना, उ0प्र0 मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना सहित राज्य सरकार की अन्य योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित होने वाले गरीब लोगों को इन योजनाओं का लाभ आसानी से मिलना चाहिए।
सुश्री मायावती जी ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए इसे और बेहतर बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी सरकार गरीब, शोषित और दबे-कुचले लोगों को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है। इसको दृष्टिगत रखते हुए पुलिस प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को पूरी संवेदनशीलता से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अधिकारियों को कानून के दायरे में रहकर बिना दबाव के काम करने की पूरी आजादी दे रखी है। इसके बावजूद भी यदि गरीबों, दलितों, महिलाओं का उत्पीड़न होता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने तहसील दिवस एवं थाना दिवस पर आने वाली जन-समस्याओं का निस्तारण पूरी गम्भीरता एवं गुणवत्ता से करने के निर्देश दिए।

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  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने तहसील सम्भल, चन्दौसी तथा गुन्नौर को मिलाकर भीमनगर नाम से नया जनपद बनाने की घोषणा की
  • नवसृजित जनपद बन जाने से मुरादाबाद जिले के साथ-साथ भीम नगर की भी कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त रखने में काफी सहूलियत होगी - माननीया मुख्यमंत्री जी
  • मुरादाबाद जनपद के विकास कार्यों एवं कानून-व्यवस्था की समीक्षा के दौरान विकास कार्यों की गति तेज करने एवं कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश
  • तहसील एवं थाना दिवस के रजिस्टर में शिकायत कर्ताओं के मोबाइल नम्बर भी दर्ज किये जायें - माननीया मुख्यमंत्री जी

cm-photo-28-09-2011-003उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने आज अपने भ्रमण के दौरान मुरादाबाद की तहसील सम्भल तथा चन्दौसी व जनपद बदायूं की तहसील गुन्नौर को मिलाकर एक नया जिला भीमनगर के बनाने की घोषणा की। नवसृजित भीम नगर में 03 तहसीलें तथा 07 विकासखण्ड होंगे। उन्होंने कहा कि इस जिले का मुख्यालय इन तीनों तहसीलों के केन्द्र बिन्दु पर होगा, ताकि लोगों को जिला मुख्यालय आने-जाने में असुविधा न हो। साथ ही इससे पूरे जनपद के प्रशासनिक नियंत्रण में भी सुविधा रहेगी। उन्होंने कहा कि इस जिले में आने वाले सम्भल, चन्दौसी व गुन्नौर कस्बों के नाम में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जायेगा। इन तीनों कस्बों के नाम पुराने ही बने रहेंगे। उन्होंने मुरादाबाद जनपद के विकास कार्यों एवं कानून-व्यवस्था की समीक्षा के दौरान विकास कार्यों की गति तेज करने एवं कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने सम्भल के तहसील परिसर में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहीं थी। उन्होंने नव सृजित जनपद के मुख्यालय के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शीघ्र करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जब तक नव सृजित जनपद का मुख्यालय अस्तित्व में नहीं आ जाता, तब तक इस जनपद के समस्त प्रशासनिक कार्य चंदौसी से संचालित किए जाएंगे, क्योंकि चंदौसी में तमाम अवस्थापना सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता ‘‘परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर‘‘ की सोच के मुताबिक चलकर उनकी पार्टी व सरकार शुरू से ही छोटे राज्यों व छोटी प्रशासनिक इकाईयों के गठन की पक्षधर रही है। उनका मानना है कि छोटी प्रशासनिक इकाईयों के गठन होने से जहाँ एक ओर कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों की स्थिति बेहतर होती है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र की जनता को भी काफी सुविधा प्राप्त हो जाती है।    इसे ध्यान में रखते हुये ही उनकी सरकार ने अपने सभी कार्यकालों के दौरान प्रदेश में अनेकों ‘‘मण्डल, जनपद व तहसीलों‘‘ का गठन किया है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि उनकी सरकार ने मुरादाबाद जिले की ‘‘सम्भल, चन्दौसी  व गुन्नौर‘‘ इन तीनों तहसीलों को शामिल करके नये जनपद के गठन करने का फैसला लिया है और इस नये जिले का नाम ‘‘भीम नगर‘‘ रखा गया है, जिसका मुख्यालय केन्द्र बिन्दु पर होगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि अब नये भीम नगर जनपद के गठन के बाद सम्भल, चन्दौसी व गुन्नौर का तेजी से आर्थिक, औद्योगिक एवं शैक्षणिक विकास होगा, जिससे समाज के दलित व अन्य पिछड़े वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग तथा सर्वसमाज में से गरीब तबके के लोग खासतौर से लाभान्वित होगें। इसके साथ ही इस नये जनपद के गठन का एक लाभ यह भी होगा कि तहसील गुन्नौर के लोगों को अब जिला मुख्यालय आने के लिए लम्बी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान जनपद बदायूँ से तहसील गुन्नौर की दूरी 80 किलोमीटर है, जिस कारण वहाँ के लोगों को जनपद मुख्यालय पर आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा कानून-व्यवस्था के नजरिये से जनपद मुरादाबाद काफी संवेदनशील है। लेकिन नवसृजित जनपद भीम नगर के बन जाने से मुरादाबाद जिले के साथ-साथ नवसृजित जनपद की भी कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त रखने में काफी सहूलियत होगी और इस नवसृजित जनपद में यहाँ पहले से ही आवश्यक आधारभूत सुविधायें मौजूद है। उदाहरण के तौर पर यहाँ अपर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, नगर के पद सृजित हैं तथा सौ बेड वाला राजकीय चिकित्सालय भी संचालित किया जा रहा है।
cm-photo-28-09-2011-002सुश्री मायावती जी ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनपद मुरादाबाद की आबादी 4773138 है, जो नये जनपद के गठन के बाद अब 3091043 तीस लाख इक्यानबे हजार तैतालीस रह जायेगी। इसी प्रकार जनपद बदायूँ की आबादी वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 3712738 है, जो नये जनपद के बन जाने से अब 3182073 होगी और अब इस नवसृजित ‘‘भीम नगर‘‘ जनपद की आबादी 2212760 होगी। उन्होंने कहा कि इस नये जनपद भीम नगर का गठन करके उनकी पार्टी की सरकार ने इस क्षेत्र की जनता की लम्बे अर्से से चली आ रही मांग को आज पूरा कर दिया है। उन्हांेने विश्वास दिलाया कि जनपद भीम नगर के तेजी से विकास के लिए उनकी सरकार हर सम्भव पूरा-पूरा प्रयास करेगी। उन्होंने इस नये जनपद की परिधि में आने वाले सभी लोगों से इस जनपद के विकास में पूरा सहयोग देने की अपील की।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उ.प्र. के समस्त क्षेत्रों में ‘‘संतुलित व समग्र विकास‘ उपलब्ध हो तथा उ.प्र. की जनता को बेहतर भविष्य मिले। इसके लिए उनकी पार्टी उ.प्र. का पुर्नगठन करके ‘‘पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश‘‘ को अलग से राज्य गठित करने की हमेशा ही पक्षधर रही है। जिनका गठन करना केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होेंने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि दुःख की बात यह है कि इस मामले में केन्द्र में कांग्रेस व बीजेपी ने अपने-अपने शासनकाल के दौरान अभी तक भी कोई सार्थक कदम नहीं उठाये हैं। जबकि इस सन्दर्भ में उनकी पार्टी व सरकार कई बार केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिख चुकी है। इसके साथ-साथ उनकी सरकार ने प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्गों की कुछ जातियों को ‘अनुसूचित जाति की सूची में,‘‘ और साथ ही देश में ‘‘मुस्लिम व जाट समाज‘‘ के लोगों को, अन्य पिछड़े वर्गों की केन्द्रीय सूची में, इनके आरक्षण के कोटे को बढ़ाये जाने व इनकी आबादी के हिसाब से इनका अलग से कोटा निर्धारित करने की शर्त के साथ इन्हें शिक्षा, नौकरियों व अन्य और जरूरी क्षेत्रों में भी आरक्षण दिये जाने तथा देश में ‘‘अपरकास्ट समाज‘‘ में से गरीब लोगों को भी आर्थिक आधार पर सभी मामलों में, इन्हें अलग से आरक्षण दिये जाने के लिए भी हमारी पार्टी की सरकार ने केन्द्र सरकार को कई बार चिट्ठी लिखी है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि इसके अलावा देश में ‘‘अनुसूचित जाति /जनजाति‘‘ की बढ़ी हुई आबादी के हिसाब से, इनके आरक्षण के कोटे में बढ़ोत्तरी करने व इनका केन्द्रीय व देश के ज्यादातर राज्यों में राज्य स्तरीय सरकारी नौकरियों में वर्षों से अधूरा पड़ा आरक्षण का कोटा पूरा करने के लिए और साथ ही प्राईवेट सेक्टर व माननीय न्यायपालिका एवं अन्य जिन भी क्षेत्रों में, इन वर्गों को अभी तक भी आरक्षण की सुविधा नहीं मिली है। ऐसे सभी क्षेत्रों में, इनको आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भी केन्द्र सरकार को बार-बार लिखित आग्रह किया गया है। लेकिन इन सभी मामलों को केन्द्र सरकार ने अभी तक भी ठण्डे बस्ते में डाला हुआ है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी सरकार ने ‘‘अपने आर्थिक सीमित संसाधनों‘‘ को देखते हुये। प्रदेश में पूर्वांचल व बुन्देलखण्ड की तरह पश्चिमी उ.प्र. के विकास के लिये भी प्राईवेट सेक्टर के माध्यम से (पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप - (पी0पी0पी0)) ‘‘जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, गंगा एक्सप्रेस-वे एवं अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेस-वे’’ आदि जैसी अनेकों अति महत्वपूर्ण योजनायें बनाई है। जिनसे पश्चिमी उ.प्र. के विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र के सभी जिलों के लोगों को भी काफी ज्यादा लाभ पहुँचता, जबकि इन परियोजनाओं में केन्द्र सरकार का कोई भी पैसा नहीं लगना था, केवल उनको कुछ मामलों में मंजूरी देनी थी, जो आज तक भी नहीं दी गयी है। इसके साथ ही पश्चिमी उ.प्र. में ‘‘माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय’’ की एक खण्डपीठ की स्थापना का मामला भी केन्द्र सरकार के समक्ष अभी तक भी लम्बित पड़ा हुआ है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि पूर्व की सरकारों की विरासत में मिली प्रदेश की कमजोर आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर उन्होंने सन् 2007 में, अपनी सरकार के बनते ही केन्द्र सरकार से ‘‘80,000 करोड़ रूपयों’’ का विशेष आर्थिक सहायता पैकेज देने की भी मांग की थी। लेकिन उनकी सरकार की इस माँग पर केन्द्र सरकार ने आज तक भी कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है। इसके बावजूद भी विरोधी पार्टियों द्वारा जनता में शुरू से ही यह भ्रम फैलाने का लगातार प्रयास किया जाता रहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को निर्धारित मापदण्डों से हटकर ‘अतिरिक्त‘ सहायता राशि दी जा रही है, जो कि पूर्णतयाः ‘‘गलत व तथ्यहीन‘‘ है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 13 मई सन् 2007 से उनकी पार्टी की सरकार बनी है, तब से केन्द्र सरकार द्वारा पिछले चार वर्षों में केन्द्रीय अंश जो निश्चित तौर पर यहाँ प्रदेश सरकार को यथासमय पर मिल जाना चाहिये था, उसे भी समय पर नहीं दिया गया है और आज भी केन्द्र सरकार के पास अपने प्रदेश का कई हजार करोड़ रूपया लम्बित पड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में भी हमारी पार्टी की सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के जरिये ही प्रदेश में विकास व जनहित के काफी कार्य किये हैं।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि देश में समय-समय पर दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान् सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासतौर से ‘‘महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व मान्यवर श्री कांशीराम जी‘‘ आदि के बताये हुये रास्तों पर चलकर उनकी पार्टी की सरकार ‘‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय‘‘ की नीति के अनुसार सरकार चला रही है। जिससे प्रदेश में पहली बार हर मामले में व हर स्तर पर यहाँ सर्वसमाज के लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिला है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने इससे पूर्व जनपद मुरादाबाद के विकास कार्यों एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति की गहन समीक्षा की। उन्होंने अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों को पट्टो के वितरण का प्रतिशत कम पाये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और इसमें सुधार लाने के निर्देश दिये। इसके अलावा चुनाव कार्यालय तथा मतदाता पंजीकरण के कार्याें को संतोषजनक न पाये जाने पर इसमें सुधार लाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि तहसील एवं थाना दिवस के रजिस्टर में शिकायत कर्ताओं के मोबाइल नम्बर भी दर्ज किये जायें, जिससे रेन्डम चैकिंग के दौरान समस्याओं का निस्तारण की जानकारी प्राप्त की जा सके। उन्होंने उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी कानून के प्रभावी क्रियान्वयन तथा इसके अन्तर्गत आच्छादित सेवाओं को निर्धारित समय के अन्तर्गत आम जनता को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के तहत अम्बेडकर ग्रामों में कराये जा रहे विभिन्न विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना, महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना, उ0प्र0 मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना सहित राज्य सरकार की अन्य योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित होने वाले गरीब लोगों को इन योजनाओं का लाभ आसानी से मिलना चाहिए।
सुश्री मायावती जी ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए इसे और बेहतर बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी सरकार गरीब, शोषित और दबे-कुचले लोगों को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है। इसको दृष्टिगत रखते हुए पुलिस प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को पूरी संवेदनशीलता से कार्य करना चाहिए। उन्होंने सम्भल के थानों में वाहन चोरी घटनाएं ज्यादा पाये जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और संबंधित पुलिस अधिकारियों को इस पर प्रभावी नियत्रंण स्थापित करने के निर्देश दिये।

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  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने जनपद गाजियाबाद की तहसील हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर तथा धौलाना को मिलाकर नया जनपद पंचशील नगर तथा धौलाना को नयी तहसील बनाने की घोषणा की
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नये जनपद के गठन से इस पूरे इलाके का तेजी से विकास होगा
  • हापुड़ को जिला बनाने से लोगों में खुशी की लहर
  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने जनपद गाजियाबाद के विकास एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति एवं अन्य कार्यों की गहन समीक्षा की

cm-photo-28-09-2011-001उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भ्रमण के दौरान जनपद गाजियाबाद की तहसील हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर एवं धौलाना को शामिल कर हापुड़ जनपद बनाने एवं इसका नाम ‘‘पंचशील नगर’’ रखने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने एक नयी तहसील भी बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस नवगठित जनपद का मुख्यालय हापुड़ होगा, लेकिन हापुड़ कस्बे का नाम हापुड़ ही बना रहेगा। उन्होंने कहा कि नवसृजित तहसील का नाम धौलाना होगा।
यह घोषणा माननीया मुख्यमंत्री जी ने आज हापुड़ तहसील प्रांगण में एक सभा को सम्बोधित करते हुए की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी व सरकार परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की सोच के मुताबिक ही छोटे राज्यों व छोटी प्रशासनिक इकाईयों के गठन की प्रबल समर्थक है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासनिक ईकाइयां छोटी होगीं तो कानून-व्यवस्था एवं विकास कार्यों की स्थिति को और ज्यादा बेहतर बनाने में प्रशासनिक तन्त्र को काफी आसानी होगी। इसी के साथ इलाके की जनता को भी काफी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि इसी सोच के आधार पर उनकी पार्टी की सरकार ने अपने सभी शासनकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में अनेकों मण्डल, जनपद व तहसीलों का गठन किया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तहसील हापुड़ का क्षेत्रफल 660 वर्ग किलोमीटर और जनसंख्या लगभग 10 लाख है। साथ ही नवसृजित तहसील धौलाना में शामिल किये जा रहे 91 ग्रामों में से आधे से अधिक ग्राम तहसील मुख्यालय हापुड़ से काफी दूरी पर हैं। इस नई गठित तहसील मुख्यालय धौलाना पर आम जनता की सुविधा के लिये विकास खण्ड पशु-चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सहकारिता तथा गन्ना विभाग के कार्यालय व शिक्षण संस्थायें पहले से ही मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा जनपद गाजियाबाद की सीमायें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व यमुना नदी से प्रारम्भ होकर तहसील गढ़मुक्तेश्वर में गंगा नदी तक फैली हुयी हैं, जिसकी लम्बाई लगभग 100 से 125 किलोमीटर है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद मुख्यालय से तहसील गढ़मुक्तेश्वर एवं ग्रामीण क्षेत्रों की दूरी 80 से 90 किलोमीटर है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार गाजियाबाद की जनसंख्या 46 लाख 61 हजार 452 है तथा नवसृजित जनपद की आबादी अब 14 लाख 22 हजार 43 होगी। उन्होंने कहा कि जनपद गाजियाबाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निकट होने के कारण यहाँ जनसंख्या का घनत्व अब काफी ज्यादा बढ़ गया है। इसके अलावा जनपद गाजियाबाद मुख्यालय से काफी दूरी पर स्थित तहसील हापुड़ व गढ़मुक्तेश्वर के ग्रामीण इलाकों की समस्याओं के तेजी से समाधान करने व इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को अपेक्षित गति प्रदान करने में भी काफी कठिनाइयां आ रही थी। इतना ही नहीं बल्किी गाजियाबाद के शहरी इलाकों सहित इसके आस-पास के क्षेत्रों के औद्योगिक विकास तथा यहाँ काफी तादाद में शैक्षणिक संस्थानों के होने से कानून-व्यवस्था सम्बन्धी समस्यायें भी ज्यादा उत्पन्न हो रही थीं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके फलस्वरूप पुलिस एवं जिला प्रशासन की व्यस्ततायें और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं। जिन्हें ध्यान में रखकर ही, आज नये जिले का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि नये जनपद ‘‘पंचशील नगर‘‘ के बन जाने से यहाँ कानून-व्यवस्था तथा विकास सम्बन्धी समस्याओं के समाधान को अपेक्षित गति मिलेगी। इससे समाज के दलित व अन्य पिछड़े वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यक तथा सर्वसमाज में से गरीब लोग खासतौर से लाभान्वित होेंगे। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नये जनपद पंचशील नगर के गठन होने से इसके सम्पूर्ण इलाके का तेजी से विकास होगा और यहाँ शान्ति व्यवस्था कायम रखने में प्रशासन को काफी मदद मिलेगी। उन्हांेने कहा कि उनकी सरकार इस नये जनपद के चहुंमुखी विकास के लिए धन की कमी नहीं होने देगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस जनपद के विकास में पूरा सहयोग दें।
इस मौके पर माननीया मुख्यमंत्री जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश के समस्त क्षेत्रों में संतुलित व समग्र विकास उपलब्ध कराने तथा प्रदेश की सम्पूर्ण जनता के बेहतर भविष्य के लिए उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश का पुनर्गठन करके पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य गठित करने की हमेशा पक्षधर रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों का गठन केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि इस मामले में केन्द्र में कांग्रेस व बीजेपी ने अपने-अपने शासनकाल के दौरान अभी तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाये हैं। जबकि इस सन्दर्भ में उनकी पार्टी व सरकार कई बार केन्द्र सरकार को चिट्ठी भी लिख चुकी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्गों की कुछ जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में तथा देश में मुस्लिम व जाट समाज के लोगों को, अन्य पिछड़े वर्गों की केन्द्रीय सूची में, इनके आरक्षण के कोटे को बढ़ाये जाने व इनकी अर्थात् जिनको शामिल करना है, उनकी आबादी के हिसाब से इनका अलग से कोटा निर्धारित करने की शर्त के साथ इन्हें शिक्षा, नौकरियों व अन्य और जरूरी क्षेत्रों में भी आरक्षण दिये जाने तथा देश में अपरकास्ट समाज में से गरीब लोगों को भी आर्थिक आधार पर सभी मामलों में, इन्हें अलग से आरक्षण दिये जाने के लिए भी उनकी पार्टी की सरकार ने केन्द्र सरकार को कई बार चिट्ठी लिखी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके अलावा देश में अनुसूचित जाति /जनजाति की बढ़ी हुई आबादी के हिसाब से, इनके आरक्षण के कोटे में बढ़ोत्तरी करने व इनका केन्द्रीय व ज्यादातर राज्यों में राज्य स्तरीय सरकारी नौकरियों में वर्षों से अधूरा पड़ा आरक्षण का कोटा पूरा करने और साथ ही प्राईवेट सेक्टर व माननीय न्यायपालिका एवं अन्य जिन भी क्षेत्रों में, इन वर्गों को अभी तक आरक्षण की सुविधा नहीं मिली है। ऐसे सभी क्षेत्रों में, इनको आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भी केन्द्र सरकार को बार-बार लिखित आग्रह किया गया है। लेकिन इन सभी मामलों को केन्द्र सरकार ने अभी तक ठण्डे बस्ते में डाला हुआ है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इतना ही नहीं बल्कि उनकी सरकार ने अपने सीमित आर्थिक संसाधनों को देखते हुये प्रदेश में पूर्वांचल व बुन्देलखण्ड की तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास के लिये भी प्राईवेट सेक्टर के माध्यम से (पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप) जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, गंगा एक्सप्रेस-वे एवं अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेस-वे आदि अनेकों अति महत्वपूर्ण योजनायें बनाई हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र के सभी जिलों के लोगों को काफी लाभ पहुँचता। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में केन्द्र सरकार का कोई पैसा नहीं लगना था, केवल उनको कुछ मामलों में मंजूरी ही देनी थी, लेकिन केन्द्र ने आज तक मंजूरी नहीं दी। इसके साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक खण्डपीठ की स्थापना का मामला भी केन्द्र सरकार के समक्ष अभी तक लम्बित पड़ा है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके अलावा पूर्व की सरकारों की विरासत में मिली प्रदेश की कमजोर आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर सन् 2007 में, उनकी सरकार के बनते ही केन्द्र सरकार से 80,000 का विशेष आर्थिक सहायता पैकेज देने की भी मांग की थी। लेकिन उनकी सरकार की इस माँग पर केन्द्र सरकार ने आज तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है। इसके बावजूद विरोधी पार्टियों द्वारा जनता में शुरू से ही यह भ्रम फैलाने का लगातार प्रयास किया जाता रहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को निर्धारित मापदण्डों से हटकर अतिरिक्त सहायता राशि दी जा रही है, जो कि पूर्णतयाः गलत व तथ्यहीन है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सच्चाई यह है कि 13 मई, 2007 से उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही केन्द्र सरकार द्वारा पिछले चार वर्षों में जो केन्द्रीय अंश निश्चित तौर पर प्रदेश सरकार को यथासमय पर मिल जाना चाहिये था, उसे भी समय पर नहीं दिया गया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस समय भी केन्द्र सरकार के पास प्रदेश का कई हजार करोड़ रूपया लम्बित पड़ा है। ऐसी स्थिति में भी उनकी पार्टी की सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के जरिये ही प्रदेश में विकास व जनहित के काफी कार्य किये हैं। साथ ही कानून-व्यवस्था व अपराध नियन्त्रण के मामले में भी उनकी सरकार ने अनेकों ठोस कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी बातों की विस्तार से जानकारी 13 मई, 2011 को उनकी सरकार द्वारा जारी की गई सरकारी किताब में दी गयी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने आशा व्यक्त की कि उनकी सरकार द्वारा गाजियाबाद जिले में से जो एक और नया जिला बनाया है, इससे दोनों जिलों के लोगों को हर मामले में काफी ज्यादा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में समय-समय पर दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान् सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासतौर से महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि के बताये हुये रास्तों पर चलकर उनकी पार्टी की सरकार सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीति के अनुसार सरकार चल रही है। जिससे प्रदेश में पहली बार हर मामले में व हर स्तर पर यहाँ सर्वसमाज के लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिला है।
इस अवसर पर माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुछ महीने पूर्व उन्होंने स्वयं राज्य के सभी 72 जिलों में जाकर विकास व जनहित एवं कानून-व्यवस्था व अपराध नियन्त्रण के कार्यों की जमीनी हकीकत जानने के लिए समीक्षा की थी। समीक्षा के दौरान, जिन जिलों में उन्हें ज्यादा कमियां मिली थी, उन कमियों से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ उनकी सरकार द्वारा काफी सख्त कार्यवाही की गयी। साथ ही सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को ऐसे जिलों में ज्यादा ध्यान देने के लिए निर्देंशित भी किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में ठीक कार्य किये गये थे, वहाँ के अधिकारियों की प्रशंसा भी की गयी। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को यह स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि उनके द्वारा कुछ महीनों के बाद कार्यांे की पुनः समीक्षा की जायेगी। इसी क्रम में आज जनपद गाजियाबाद के विकास एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति एवं अन्य कार्यों की गहन समीक्षा की गई।
समीक्षा बैठक में माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार जनहित से जुड़ी योजनाओं एवं विकास कार्यों की गुणवत्ता को लेकर बेहद संवेदनशील है और इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अनुसूचित जाति/जनजाति व गरीबों को आवंटित कृषि एवं आवासीय पट्टों की जमीनों पर अवैध कब्जा हटाने तथा लाभार्थियों को भौतिक कब्जा दिलाने के साथ ही अवैध कब्जा धारकों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी कानून के प्रभावी क्रियान्वयन तथा इसके अन्तर्गत आच्छादित सेवाओं को निर्धारित समय के अन्तर्गत आम जनता को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के तहत कराये जा रहे विभिन्न विकास कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की, उन्होंने कहा कि सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना, महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना, उ0प्र0 मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना सहित राज्य सरकार की अन्य योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित होने वाले गरीब लोगों को इन योजनाओं का लाभ आसानी से मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि तहसील एवं थाना दिवस के रजिस्टर में शिकायतकर्ताओं के मोबाइल नम्बर भी दर्ज किये जायें, जिससे रैण्डम चेकिंग के दौरान समस्याओं के निस्तारण की जानकारी प्राप्त की जा सके।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए इसे और बेहतर बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि उनकी सरकार गरीब, शोषित और दबे-कुचले लोगों को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है, इसको दृष्टिगत रखते हुए पुलिस प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को पूरी संवेदनशीलता से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अधिकारियों को कानून के दायरे में रहकर बिना दबाव के काम करने की पूरी आजादी दे रखी है, इसके बावजूद भी यदि गरीबों, दलितों, महिलाओं का उत्पीड़न होता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने तहसील दिवस एवं थाना दिवस पर आने वाली जन-समस्याओं का निस्तारण पूरी गम्भीरता एवं गुणवत्ता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने थाना हापुड़ में खराब सफाई व्यवस्था पर असन्तोष व्यक्त करते हुए थानाध्यक्ष को फटकार लगाई तथा पुलिस अधीक्षक को इन कार्यों में सुधार लाने के निर्देश दिये। उन्होंने हापुड़ तहसील दिवस रजिस्टर में मोबाईल नम्बर अंकित न किये जाने को गंभीरता से लेते हुए निर्देशित किया कि तहसील एवं थाना दिवस रजिस्टर में शिकायतकर्ताओं के मोबाईल नम्बर अवश्य दर्ज किये जायें। इस अवसर पर उन्होंने पिछले निरीक्षण के दौरान जनपद से सम्बन्धित पायी गयी कमियों की जानकारी प्राप्त की। उन्हें बताया गया कि पिछले भ्रमण के दौरान पायी गयी खामियों को दूर कर दिया गया है और उस समय दिये गये सभी निर्देर्शाें का अनुपालन सुनिश्चित कराया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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