- माननीया मुख्यमंत्री जी प्रधानमंत्री जी से उ0प्र0 की मांग के अनुरूप यूरिया, डी0ए0पी0, एन0पी0के0 तथा अन्य उर्वरक उपलब्ध कराने का अनुरोध किया
- किसानांे की खुशहाली के बगैर प्रदेश का विकास और समृद्धि संभव नहीं - माननीया मुख्यमंत्री जी
- प्रदेश की जरूरत के मुताबिक उर्वरकों की आपूर्ति न किये जाने से उत्पादकता प्रभावित होने के साथ ही किसानों में रोष व्याप्त होगा
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने मा0 प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश की मांग के अनुरूप यूरिया, डी0ए0पी0, एन0पी0के0 तथा अन्य उर्वरक उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, ताकि प्रदेश अपेक्षित उत्पादन प्राप्त कर सके एवं प्रदेश के किसानों में असंतोष व्याप्त न हो।
सुश्री मायावती जी ने अपने पत्र में कहा है कि प्रदेश में रबी फसलों की अपेक्षित उत्पादकता प्राप्त करने के दृष्टिकोण से प्रदेश द्वारा भारत सरकार से 40 लाख मी0टन यूरिया, 12 लाख मी0टन डी0ए0पी0, 0.50 लाख मी0टन एम0ए0पी0, 01 लाख मी0टन डी0ए0पी0 लाइट, 8.50 लाख मी0टन एन0पी0के0, 2.50 लाख मी0टन एम0ओ0पी0, 2.50 लाख मी0टन एस0एस0पी0 इस प्रकार कुल 67 लाख मी0टन उर्वरकों की मांग की गयी थी, जिसके सापेक्ष जोनल कांफ्रेंस एवं नेशनल कांफ्रेंस में प्रदेश द्वारा दृढ़तापूर्वक अपनी मांग प्रस्तुत किये जाने के बावजूद प्रदेश को मात्र 33 लाख मी0टन यूरिया, 9.15 लाख मी0टन डी0ए0पी0, 6 लाख मी0टन एन0पी0के0, 2.50 लाख मी0टन एम0ओ0पी0 तथा 2.50 लाख मी0टन एस0एस0पी0 इस प्रकार कुल 53.15 लाख मी0टन का आवंटन किये जाने हेतु सहमति प्रदान की गयी। उन्होंने कहा है कि उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय भारत द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि उर्वरकों की गत् वर्ष प्राप्त 47.41 लाख मी0टन मात्रा तक की आपूर्ति हो पाएगी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया है कि इस वर्ष खरीफ में अच्छी वर्षा होने तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में हरित क्रान्ति योजना के 28 जनपदों में किसानों को कृषि निवेशों की प्रचुर उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु निष्क्रिय 1200 सरकारी समितियों को सुदृढ़ किया गया है, जिसके फलस्वरूप उर्वरकों की मांग बढ़ गयी है। भारत सरकार द्वारा मांग के अनुरूप आवंटन न किये जाने से जहां एक ओर रबी फसलों का अपेक्षित उत्पादन प्राप्त करना सम्भव नहीं हो पायेगा, वहीं दूसरी ओर उर्वरकों की समय से उपलब्धता न होने से किसानों में रोष व्याप्त होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानांें को दी गयी विभिन्न सुविधाओं के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश पूरे देश में खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ राज्य (बेस्ट परफारमिंग स्टेट) का दर्जा हासिल करने में सफल रहा है। प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बीज, उर्वरक की समुचित व्यवस्था, सिंचाई की सुविधा तथा बिजली की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश सरकार किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है, किन्तु केन्द्र सरकार इसमें सहयोग नहीं दे रही है।
माननीया मुख्यमंत्री जी का स्पष्ट मत है कि किसानांे की खुशहाली के बगैर प्रदेश का विकास और समृद्धि संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने अपने हर कार्यकाल के दौरान किसानों की खुशहाली और कृषि सेक्टर के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है। उन्होंने वर्तमान कार्यकाल की शुरूआत में ही किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए एक कार्य येाजना तैयार करते हुए इसके क्रियान्वयन के लिए अनेक योजनाओं को अमली जामा पहनाया। इसके परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए, पूरे देश में खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में बेस्ट परफारमिंग स्टेट का दर्जा हासिल करने में सफल रहा।
- माननीया मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री का ध्यान प्रदेश के राष्ट्रीय मार्गों की खराब दशा की ओर आकृष्ट कराया
- जर्जर राष्ट्रीय मार्गों की स्थलीय वीडियोग्राफी की डी0वी0डी0 भी भेजी
- माननीया मुख्यमंत्री जी ने राष्ट्रीय मार्गों की मरम्मत/सुधार के लिए आवंटित धनराशि शीघ्र अवमुक्त करने का अनुरोध किया
- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010-11 की वार्षिक योजना धनराशि 900 करोड़ रुपये के सापेक्ष मात्र 50.50 करोड़ रुपये की धनराशि ही अभी तक अवमुक्त की गयी
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने प्रदेश के राष्ट्रीय मार्गों की बरसात के कारण हुई खराब दशा की ओर प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह का ध्यान एक पत्र के माध्यम से आकृष्ट कराया है। इस पत्र के साथ उन्होंने जर्जर राष्ट्रीय मार्गों की स्थलीय वीडियोग्राफी की डी0वी0डी0 भी अवलोकनार्थ संलग्न की है। 26 सितम्बर 2011 को लिखे गये इस पत्र में माननीया मुख्यमंत्री जी ने लिखा है कि विगत कई महीनों में भीषण बारिश के चलते प्रदेश के राष्ट्रीय मार्गों की हालत अत्यन्त दयनीय हो गयी है। ऐसे में, इन मार्गों की शीघ्र मरम्मत अत्यन्त आवश्यक है। माननीय प्रधानमंत्री जी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010-11 की वार्षिक योजना धनराशि 900 करोड़ रुपये के सापेक्ष मात्र 50.50 करोड़ रुपये की धनराशि ही अभी तक अवमुक्त की गयी है।
सुश्री मायावती जी ने पत्र में आगे कहा है कि वर्ष 2011-12 की वार्षिक योजना की धनराशि 737 करोड़ रुपये के सापेक्ष 683.64 करोड़ रुपये के आगणन भारत सरकार को प्रेषित किये जा चुके हैं परन्तु अभी तक कोई भी धनराशि अवमुक्त नहीं की गयी है। इसके अतिरिक्त इस वर्ष भीषण वर्षा के कारण 41 करोड़ रुपये की संसूचित क्षतियों के सापेक्ष अपरिहार्य मरम्मत हेतु 30 करोड़ रुपये की धनराशि तत्काल अवमुक्त किये जाने का अनुरोध भी उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था, परन्तु इस कार्य के लिए भी भारत सरकार द्वारा कोई भी धनराशि अभी तक अवमुक्त नहीं की गयी है। साथ ही, इस मद में विगत वर्ष की अवशेष धनराशि 15.75 करोड़ रुपये भी अभी तक अवमुक्त नहीं की गयी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने माननीय प्रधानमंत्री जी को लिखे अपने पत्र में उल्लिखित किया है कि उनके सुलभ सन्दर्भ के लिए प्रदेश के राष्ट्रीय मार्गों की अत्यन्त दयनीय स्थिति के दृष्टिगत लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश के अधीन 09 राष्ट्रीय मार्गों तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन 09 राष्ट्रीय राजमार्गों के विभिन्न क्षतिग्रस्त भागों की स्थलीय वीडियोग्राफी की डी0वी0डी0 भारत सरकार को भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि संलग्न स्थलीय वीडियोग्राफी की डी0वी0डी0 के अवलोकन से स्वतः स्पष्ट हो जायेगा कि प्रदेश में राष्ट्रीय मार्गों के विभिन्न भागों की स्थिति अत्यन्त दयनीय हो चुकी है। माननीया मुख्यमंत्री जी ने माननीय प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि मरम्मत मद में अपेक्षित धनराशि शीघ्र स्वीकृत की जाये, ताकि क्षतिग्रस्त मार्गों पर मरम्मत/सुधार कार्य कराया जा सके, जिससे प्रदेश के जनसामान्य को सुगम यातायात की सुविधा सुलभ हो सके।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने माननीय प्रधानमंत्री जी से प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गांे के सुधार/मरम्मत के लिए प्राथमिकता के आधार पर अपेक्षित वित्तीय स्वीकृति जारी करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है, ताकि इन मार्गों की मरम्मत/सुधार शीघ्रातिशीघ्र कराया जा सके जिससे लोगों को सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध हो सके और प्रदेश का विकास भी बाधित न हो।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के राष्ट्रीय मार्गों की लगातार खराब होती स्थिति का हवाला देते हुए विगत 26 अगस्त को भी एक पत्र सचिव, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा गया था। इस पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया था कि उत्तर प्रदेश में कुल 43 राष्ट्रीय मार्ग हैं, जिनकी कुल लम्बाई 6681 किमी0 है, जिसमें से वर्तमान में 3178 किमी0 लम्बाई लोक निर्माण विभाग के अधीन है।
पत्र में कहा गया था कि भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अभी तक न तो राष्ट्रीय मार्गों की वार्षिक योजना अनुमोदित की गयी है और न ही अपेक्षित वित्तीय स्वीकृतियां ही निर्गत की गई हैं जिसके कारण प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति दिन-प्रतिदिन अत्यन्त दयनीय होती जा रही है। इससे जहां एक ओर प्रदेश का विकास बाधित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर जनसामान्य को अनावश्यक रूप से असुविधा का सामना भी करना पड़ रहा है। इस सन्दर्भ में 09 राष्ट्रीय मार्गों (सं0-93, 119, 74, 72ए, 73, 76, 76ई, 75ई, 7,19, 232, 91ए, 92, 97 व 74) के विभिन्न क्षतिग्रस्त चैनेजों की स्थलीय वीडियोग्राफी की सी0डी0 भी भेजी गयी थी। इस सी0डी0 के अवलोकन से स्वतः स्पष्ट था कि प्रश्नगत राष्ट्रीय राजमार्गों के विभिन्न चैनेजों की स्थिति अत्यन्त दयनीय हो चुकी थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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