भारतीय जनता पार्टी ने बसपा से लगातार हो रहे निष्कासनों, निलम्बनों को भयभीत मुख्यमंत्री द्वारा अस्तित्व रक्षा का अन्तिम प्रयास बताया और कहा कि बसपा और सरकार का ढांचा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। इस ढांचे में भ्रष्टाचार की ईंटे और जनविरोधी नीतियों की ही सीमेंट मौरंग है। प्रदेश प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि बसपा प्रमुख अपनी पार्टी व सरकार के लोगों के निष्कासन का धारावाहिक कार्यक्रम चला रही हैं लेकिन निलम्बन निष्कासन के धारावाहिक कार्यक्रमों से कुछ नहीं होगा। एक-एक करके सबको निकाल देने के बावजूद जनता को कोई राहत नहीं मिलेगी। सारी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की ही है।
श्री दीक्षित ने कहा कि मुख्यमंत्री को जनता के रूख की जानकारी है। उन्हें यही डर सता रहा है। सरकार कानून व्यवस्था के प्रश्न पर औंधे मुंह गिरी है। किसानों पर लाठी गोली चली है। सिंचाई लोकनिर्माण, ग्राम विकास का धन उड़ाया गया है। स्मारकों, मूर्तियों के निर्माण में हुए घपले पर भारत के महालेखाकार की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का उल्लेख हैं। नौकरियां बिकी हैं, स्थानान्तरण भी बेंचे जा रहे हैं। आम जनता को धोखा देने के लिए ‘बलि के बकरे’ सामने लाए जा रहे हैं। उन्हें ही दोषी ठहराकर जनता को खुश करने का प्रयास किया जा रहा है। निष्कासन निलम्बन के धारावाहिक फैसले जनता को रिझाने के हास्यास्पद कार्यक्रम हैं। लेकिन जनता इस सरकार को कतई माफ नहीं करेगी। भाजपा अपने जनअभियानों में यही सब प्रश्न लेकर आम जनता के बीच जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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