अपराधियों की संरक्षक बनी थाना कुड़वार पुलिस

Posted on 25 September 2011 by admin

पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक कार्य करने वाले पुलिस अफसरो और अधिकारी की नकेल कसने के लिये फेल हो चुकी माया सरकार अब कुछ चेत रही है कि स्थानीय थानो पर इन दिनो अजीबो गरीब खेल जो जारी है उससे अनसुना नही किया जा सकता तथा बडी से बडी वारदात करने वाले आरोपी पुलिस की सह पर खुले आम गहबहिया डाल रोड पर घूम रहे हैं। सरकार उनके नकेल कसने को अब तैयारी में है।
मिली जानकारी के अनुसार कुडवार थाना क्षेत्र में इन दिनो दलालो व अपराधियों के लिये बरदान साबित हो रहा है। थाने पर तैनात पुलिस कर्मी व थानाध्यक्ष बी एन सरोज दलालों के एक इशारे पर ही कठपुतली की तरह नाचने लगते है। स्थानीय थाना क्षेत्र में घटित कई घटनाओ में पुलिस की किरकिरी हो चुकी है। ज्ञात हो कि अभी हाल में बैट्री चोरों का गिरोह पर्दाफास करने में पुलिस को पसीने आ गये थे, मामला लेन देन का जब नही बैठा तो गिरोह के अभियुक्तों केा जेल के सलाखों के पीछे जाना पडा, क्षेत्र में लगातर हो रही मूर्ति चोरियों के खुलासे केा लेकर जब कुछ राजनैतिक नेता व संगठनो ने थाने का घेराव किया तो कुछ ही छडों मे चोरी गयी मूर्तियों को बरामदी दिखा अपनी वाहवाही तो कर ली,  पर सच्चाई इसके विपरीत है।
बताते चले कि आये दिन हो रहे क्षेत्र बहुबरा गांव में दबंगों ने यादव परिवार पर हमला कर दिया जिसका परिणाम उल्टा निकला। गाॅव वालो की मदद से बचाव पक्ष ने दबंगो को लहूलुहान कर दिया जहंा घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस सुविधा शुल्क के बल पर मामले केा तोड-मरोड कर बचाव पक्ष को ही कानून के सिकन्जे में जेल भेज दिया। वहीं दूसरी घटना उतरदहा गांव की रही जिसमें  हल्का पुलिस ने दोनो पक्षो से सुविधा शुल्क हासिल करने के उपरान्त दोनो पक्षो केा गम्भीर धाराओं में जेल भेज दिया। चर्चाओ में इसी तरह तीसरी घटना थाने से मात्र तीन किलोमीटर गावं पूरेचूड़ाधर प्रतापपुर मे घटित हुई जिसमे दैनिक समाचार पत्र पत्रकार के घर बीते तीन जून केा प्रातः चार बजे येाजना बद्व तरीके से दबंगो ने धावा बोल दिया, जिसमे परिवार के तीन सदस्य गम्भीर रूप से घायल भी हेा गये। जिसमे घटना के आरेापी थाने पर सायं तक बैठाने के उपरान्त सुविधा शुल्क लेकर छोड देने का मामला प्रकाश में आया जहा मुल्जिमान खुलेआम घूम रहे है। जिसे  पुलिस पकड़ने मेे नाकाम साबित हो रही है। वहीं घटना की विवेचना कर रहे एस.आई. जगदीश सिंह बहुबरा घटना की तरह मामले को रफा दफा करने में जुटे है। इस खेल में सिर्फ पैसा का जोर चल रहा है और ऊपर से ही सारी व्यवस्थायें चरमरा गयी है। सरकार की कौन सुने,सरकार ही इन अधिकारियो के लिये नियम बनाकर कानून की धज्जियॅा उड़ाने में शामिल हो रही है। अपनी कुर्सी बचाने के लिये अधिकारी तनिक भी हिचकिचाते नहीं। इन अधिकारियो पर या तो राजनीति का संरक्षण है या तो सरकार की सहः।प्रदेश सरकार ने  अभी हाल में कहा है कि बर्बता पूर्वक कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारी  माया सरकार में नही बच सकेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in