भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं आयुक्तों की सम्मिलित बैठक में मायावती द्वारा सरकारी स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देष दिए जाने का समाचार प्रकाशित हुआ है। प्रदेश प्रवक्ता सत्यदेव सिंह ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार नियंत्रण हेतु निर्देश जारी किए गए हैं परन्तु शासन स्तर व मंत्रियों एवं मंत्रालयों द्वारा जनता की गाढ़ी कमाई पर डाली जा रही डकैती की कोई चर्चा नहीं हुई है।
श्री सिंह ने बताया कि लगभग पाॅंच वर्ष के शासनकाल में कर्मियों की अकर्मण्यता दिखाई नहीं पड़ी अब उनकी स्क्रीनिंग कराकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की योजना बनाई जा गई है। यह धन उगाही का नया हथकंडा है। विधायक अशोक सिंह चंदेल और सांसद धनंन्जय सिंह का अपराधी और माफिया होना मायावती को अब पता चला है। इन तत्वों को बसपा में शामिल करना चुनाव लड़वाना और महत्वपूर्ण तथा मंत्री पद देना, यह खेल मायावती का अपनी सरकार बनाने और चलाने के लिए चलता रहा है। अब चुनाव नजदीक आते ही इन लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि लोकपाल न्यायमूर्ति एन0के0मेहरोत्रा द्वारा अब तक भ्रष्टाचार व कुशासन के कारण मंत्रियों और 14 निकाय अध्यक्षों के विरूद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। यह मायावती इनकी बसपा पार्टी तथा सरकार का असली चेहरा है जिसे निष्कासन और निलम्बन जैसी कार्रवाई करके अपने इन अवांछनीय और जनविरोधी कृत्यों को जनता की नजरों से छिपाना चाहती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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