खुलेआम काला बाजारी का नमूना देखना हो तो विकास भवन के गेट पर स्थित पराग डेरी पर जहाॅ दुग्ध उत्पाद की सामग्री गुण्डई के बल पर ग्राहकों से प्रिन्ट रेट से अधिक मूल्य जबरन वसूलने का क्रम जारी है। इतना ही नहीं इसी पराग डेरी की आॅड़ में अवैध अतिक्रमण कर फल-जूस की दुकान भी संरहगई के बल पर जिला प्रशासन को ठेंगा दिखाकर चलाई जा रही है। सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि उक्त डेरी का संचालन सत्ता पक्ष के एक माननीय के पीआरओ की पत्नी के नाम से है। मामला तब गम्भीर हो गया जब कुछ ग्राहक पराग डेरी पर दुग्ध उत्पाद सादा मट्ठा के एक पैकेट पर लिखे मूल्य रू0 7.50 के हिसाब से दो पैकेट सादा मट्ठा का दाम 15 रूपये देने पर दुकानदार ने 16 रूपये लिया । जब ग्राहक ने मूल्य से अधिक दाम लेने का कारण जानना चाहा तो जवाब में दुकानदार ने कहा कि हमारे यहाॅ एक पैकेट का मूल्य 8 रूपये दो पैकेट का मूल्य 16 रूपये देने पर ही मिलेगा। क्यों कि प्रिंट रेट पर ही हमें माल मिलता है। जब प्रिंट से अधिक मूल्य की बिक्री के बारे महाप्रबन्धक पराग डेरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दुकानदार गलत पैसा ले रहा है। जानकारी करने पर मालूम हुआ है कि उक्त डेरी पर आये दिन सीधे -साधे ग्राहकों द्वारा जब यह जानने की कोशिश की जाती है तो डेरी की आॅड़ में अवैध अतिक्रमण कर संचालित हो रही जूस की दुकान पर व उक्त डेरी पर अवांछनीय तत्वों का जमावड़ा रहता है वे ग्राहकों के साथ दुव्र्यवहार तो करते ही हैं , साथ ही साथ सत्ता पक्ष के प्रतिनिधि के करीबी होने का धौंस जमा जबरन पैसा वसूलवाते हैं।सूबे की इन्साफ पसन्द मुख्यमंत्री मायावती का सपना है कि प्रदेश में हर स्तर पर भ्रष्टाचार, अवैध वसूली व अन्य गैर कानूनी कार्यों पर पूर्ण रूपेण अंकुश लगा जनता और शासन- प्रशासन के बीच सद्व्यवहार बना रहे। ऐसे में इन्साफ पसन्द सूबे की मुखिया का सपना कैसे पूरा होगा जब उनकी पार्टी के स्थानीय प्रतिनिधि के सह पर जनता के साथ बदसलूकी की जायेगी
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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