जिला महिला चिकित्सालय की मौत होने पर उसके परिजनों द्वारा काफी हंगामा काटा गया। डाक्टरों और स्टाफ को आपेरशन कक्ष मंे बंदी बनाकर न्याय की फरियाद की गई। किसी प्रकार से पुलिस अधिकारियों की तहरीर पर रिपोर्ट और कार्यवाही का भरोसा दिलाकर उन्हंे मुक्त करवाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। घटना के संबंध में हमारे संवाददाता को बताया गया। कि बेहटागोकुल थाना क्षेत्र के आठदानपुर के अजय कुमार की पत्नी सुनीता 28 को प्रसव हेतु जिला अस्पताल लाया गया। परिजन के अनुसार डाक्टरों ने सुबह आपरेशन करने और पांच हजार रूपए की मांग रखी। हमनें रूपए दे दिए। 6 बजे आपरेशन शुरू किया गया। नववाज शिशु ठीक प्रकार से हुआ। अचानक सुनीता की हालत बिगड़ गईं। डाक्टरों को बताया गया पर कोई सुनवाई नहीं हुई। रात दस बजे उसकी मौत हो गई। उस समय ओटी में मौजूद डाक्टर हिली आरलीन और स्टाफ को बंदी बनाकर एक घ्ंाटा हंगामा किया। रेलवे चैकी प्रभारी और अस्पताल के सीएमओ आए पुलिस द्वारा समझाने पर परिजनों ने बताया कि डाक्टर अधिक रूपए की मांग कर रहे थे इसलिए लापरवाही में मृत्यु हो गई। डाक्टरों का कहना है कि मरीज के अंदर खून की कमी के चलते उसका आपरेशन होना जरूरी था। परिजन मरीज को लेकर चले गए फिर दोबार लाए परिजनों की तहरीर की तहरीर और डाक्टर के कथन पर कोतवाल यूपी ंिसह ने कहा कि दोनों पक्षों की बातों को और मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर ही पूरी कार्यवाही नियमानुसार की जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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