- जनहित गारन्टी कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और निर्धारित समय में सेवा न देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए - माननीया मुख्यमंत्री जी
- समस्त जिलाधिकारियों को हर सप्ताह किसी एक तहसील/ब्लाक/सी0एच0सी0/पी0एच0सी0/गांव के निरीक्षण तथा उपजिलाधिकारियों को हर महीने 05 गांवों का भ्रमण के निर्देश
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने शासकीय सेवाओं में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हेतु प्रभावी रणनीति बनाकर तत्काल कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह को विस्तृत निर्देश देते हुए उन्हें आदेशित किया कि इन निर्देशों से प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों तथा मण्डलायुक्तों को आज यहां आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में विस्तार से अवगत कराया जाए। माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि उनके इन निर्देशों का समस्त सम्बन्धित अधिकारी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गए निर्देशों से बैठक में मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को अवगत कराते हुए मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने उ0प्र0 जनहित गारण्टी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष बल देते हुए इसके अन्तर्गत चिन्हित सेवाओं की निर्धारित समय में आम जनता को उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने आम जनता के सशक्तिकरण के लिए उत्तर प्रदेश जनहित गारन्टी कानून को लागू किया है। इस कानून के लागू हो जाने से जनता को चिन्हित सेवाओं को निर्धारित समय में प्राप्त करने की कानूनी गारन्टी मिल गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जनहित की ऐसी सेवाओं को जनहित गारन्टी कानून में सबसे पहले चिन्हित किया है कि जिनकी सबसे ज्यादा जरूरत समाज के कमजोर और गरीब वर्गों को आए दिन होती रहती है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी कानून के तहत आम जनता को आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा समय में 13 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है। उन्होंने अधिसूचित की गयी सेवाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी करते हुए खासतौर पर परिवहन से जुड़ी सेवाओं को भी इस अधिनियम के दायरे में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों एवं मण्डलायुक्तों से इस अधिनियम के प्राविधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि आम जनता इसका लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय में सेवा न उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए उदासीनता बरतने पर अर्थदण्ड लगाने का प्राविधान भी किया गया है। अर्थदण्ड की धनराशि निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से दोषी अधिकारी से वसूल कर इसका भुगतान आवेदक को करने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिनियम के क्रियान्वयन में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों को दण्डित किया जाए।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने फील्ड में तैनात समस्त अधिकारियों को प्रत्येक कार्यदिवस में प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक की अवधि के दौरान अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर जन समस्याओं की सुनवाई सुनिश्चित करते हुए इसका गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि शिकायतकर्ता का नाम, पता, मोबाइल नम्बर तथा शिकायत/समस्या के संक्षिप्त विवरण को रजिस्टर में अंकित करने तथा समस्या के समाधान के पश्चात शिकायतकर्ता को सूचित करने की भी व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। उन्हांेने वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत/समस्या के निस्तारण की गुणवत्ता की रैण्डम जांच मोबाइल नम्बर से करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शासन स्तर/निदेशालय से फील्ड में जाने वाले अधिकारी भी इसकी रैण्डम चैकिंग सुनिश्चित करें।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने समस्त जिलाधिकारियों को हर सप्ताह क्रमवार जिले की किसी एक तहसील के एक गांव का निरीक्षण करने तथा उप जिलाधिकारियों को प्रत्येक महीने 05 गांवों के भ्रमण केे निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि उप जिलाधिकारी भ्रमण के दौरान गांवों में खुली बैठक आयोजित करके जन-समस्याओं की सुनवाई तथा मौके पर ही उनका गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी कार्यक्रमों के बारे में भी अवगत करायेंगे। उप जिलाधिकारी कार्यवाही की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग करायेंगे और इस प्रकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जोरदार मुहिम की शुरूआत होगी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये हैं कि समस्त विभागों में लम्बित सतर्कता अभियोजन सम्बन्धी मामलों में निर्णय की समय सीमा निर्धारित की जाए और विभागीय कार्यवाहियों में समयबद्ध निर्णय लिया जाए। इसके साथ ही शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतने एवं रूचि न लेने वाले कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति हेतु समयबद्ध स्क्रीनिंग करायी जाए। इसके अलावा भ्रष्टाचार की गतिविधियों में लिप्त वरिष्ठ अधिकारियों को रंगे हाथों ट्रैप कराने के लिए अभिसूचना एकत्रित की जाए। उन्होंने इसके लिए जिलाधिकारियों को प्राधिकृत किया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा है कि उनकी सरकार हर स्तर पर भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को बख्शा नहीं जायेगा और उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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