भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सरकार को चिट्ठी सरकार की संज्ञा देते हुए आरक्षण संबंधी मुख्यमंत्री की तीनों चिट्ठियों को हास्यास्पद नौटंकी बताया है। प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद सदस्य हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि जाटों को आरक्षण देने का काम स्व0 रामप्रकाश गुप्त के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पहले ही कर चुकी है। अति दलितों को आरक्षण की गारण्टी देने का कानून राजनाथ सिंह सरकार ने सन् 2000 में बनाया था। अति पिछडों को आरक्षण का लाभ सुनिश्चित कराने के भी राजनाथ सिंह सरकार वाले अधिनियम में कानूनी प्राविधान था। इसी में लगभग 33 मुस्लिम जातियां शामिल थी। मुख्यमंत्री बतायें कि आर्थिक आधार पर सवर्णो को आरक्षण व विशेष सुविधायें देने, अतिदलितों, अतिपिछड़ों व गरीब मुस्लिमों के आरक्षण को सुनिश्चित कराने के लिये उनकी सरकार ने अब तक क्या किया है?
श्री दीक्षित ने कहा कि बसपा सरकार अपने कर्मो के कारण लगातार अलोकप्रिय हुई है। वह बौखलाई और डरी हुई है। बसपा आसन्न चुनावों को लेकर थर-थर काॅंप रही है। मुख्यमंत्री ने इसीलिए विभिन्न वर्गो के आरक्षण का शिगूफा शुरू किया है। श्री दीक्षित ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछा कि केन्द्र की कांगे्रसी सरकार को लगातार समर्थन देने वाली बसपा ने आखिरकार अब तक इन्हीं मुद्दों पर केन्द्र से बात क्यों नही की। केन्द्र का समर्थक दल होने के बावजूद उसने केन्द्र पर पहले दबाव क्यों नही बनाया? चिट्ठी लिखने की इच्छा विधान सभा चुनाव के छः सात माह पहले ही क्यों हुई ? गरीब स्वर्णो की सुधि विधानसभा चुनाव के समय ही क्यों आई? मुस्लिमों की पैरोकारी अब चुनावों के समय ही करने का कारण क्या है? जाट आरक्षण की पैरवी पहले क्यों नही की गई? जाहिर है कि मुख्यमंत्री ने चुनाव नजदीक जानकर ही चिट्ठी प्रचार का हथकण्डा अपनाया है।
श्री दीक्षित ने कहा कि भाजपा गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की पक्षधर रही है। मुख्यमंत्री चिट्ठी लिखने के बजाए स्वयं पहल करें। गरीब सवर्णो को आरक्षण सहित गरीबी दूर करने की सुविधाए देने का प्रबन्ध करें। वे इससे संबंधित विधेयक लाएंगी तो भाजपा समर्थन करेगी। अति पिछड़ों, अति दलितों व गरीब मुस्लिमों को आरक्षण की गारण्टी देने वाले राजनाथ सिंह सरकार के समय पारित अधिनियम को इन्हीं मुख्यमंत्री की सरकार ने पलट दिया है।
श्री दीक्षित ने कहा कि बसपा सरकार ने अपने साढ़े चार वर्ष के शासन में गरीब सवर्णाें व अति पिछड़ों का उत्पीड़न कराया है। सवर्ण तिलक तराजू और तलवार- को जूता मारने वाले नारे को नहीं भूले हैं। पुलिस ने हजारों निर्दोष संवर्णो पर दलित एक्ट के फर्जी मुकदमें दर्ज करवाए हैं। अति दलितों व अतिपिछड़ों से आरक्षण की गांरटी छीनने का काम बसपा सरकार ने ही किया है। बसपा सरकार का मुख्य एजेण्डा भ्रष्टाचार है। वह किसी भी वर्ग की समर्थक नहीं हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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