श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण में आने वाली न्यायिक बाधाओं को दूर करने के लिए साधू-संत व सद्ग्रहस्थ रामभक्त 30 सितम्बर को पूरे देष भर में एक साथ हनुमत षक्ति का आवाहन करते हुए सामूहिक हनुमान चालिसा का पाठ करंेगे। हनुमान चालिसा का पाठ अपने-अपने मठ-मंदिरों तथा ग्राम और मुहल्लों के किसी एक सार्वजनिक स्थल पर होगा।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष व श्रीमणिरामदास छावनी के महन्थ नृत्यगोपाल दास जी महाराज ने आज सम्पूर्ण भारत के समस्त संत-धर्माचार्यो तथा सद्ग्रहस्थों से अपील की है कि विगत वर्श 2010 के सितम्बर माह में उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने अयोध्या में विराजमान भगवान रामलला की जन्म भूमि को स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया था। इसका एक वर्श पूर्ण हो रहा है। फैसले से पूर्व पूरे देष भर में हनुमत षक्ति जागरण अनुश्ठान समिति के माध्यम से हनुमान जी का आवाहन किया गया था जिसका परिणाम समाज के सामने रहा। उन्होंने कहा प्रत्येक अच्छे कार्य के मार्ग में बाधायें अवष्य आ जाती है। लेकिन हिन्दू समाज को विचलित होने आवष्यकता नहीं है क्योंकि उसका मार्गदर्षन और उसके कश्टों का निवारण साक्षात् हनुमान जी स्वयं कर रहे है।
उन्होंने कहा 30 सितम्बर के दिन प्रातः 10 बजे लोग सामूहिक रूप से एक दिवसीय हनुमान चालीसा का 11 पारायण अवष्य करें। जिससे प्राप्त होने वाली आध्यत्मिक ऊर्जा से सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित श्रीराम जन्मभूमि के इस मुकदमें का षीघ्र निपटारा हो।
उन्होंने कहा अयोध्या में विराजमान प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण अवष्य होगा। देष की सामूहिक दृढ इच्छा षक्ति के आगे राजनीतिक षक्तियों को भी झुकना पडेगा। उन्होनंे कहा यह विशय राश्ट्र के उत्थान और धार्मिक जीवन मूल्यों की रक्षा का है। श्रीराम साक्षात् धर्म, संस्कृति एवं आदर्ष के प्रतीक हैं। प्रभु श्रीराम के अनन्य सेवक पवन पुत्र श्रीहनुमान जी का पूर्ण सहयोग इस कार्य को अवष्य प्राप्त होगा।
श्री दास ने विष्व हिन्दू परिशद के षीर्श पदाधिकारियों, देष के प्रमुख संत-धर्माचार्यो से इस संबंध में दूरभाश पर वार्ता कर उन्हें अपने स्तर से इस कार्यक्रम को मूर्तरूप प्रदान करने के लिए मंत्रणा कर 30 सितम्बर को सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ कार्यक्रम की घोशणा की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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