लखनऊ के युवा पत्रकार चैधरी ज़िया इमाम ने महामहिम उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी को महान गायक मोहम्मद रफी के जीवन पर लिखी किताब ‘‘पयम्बर-ए-मौसीकीः मोहम्मद रफी’’ की एक प्रति भेंट की। इस अवसर पर उपराश्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने उनकी नई पुस्तक प्रकाषित होने पर षुभकामनाएं दीं।
चैधरी जिया इमाम द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘मोहम्मद रफीः पयम्बर-ए-मौसीकी’’ जिसका प्रकाषन हार्पर कोलिंस हिन्दी ने हाल ही में किया है कि एक प्रति उपराश्ट्रपति श्री हामिद अंसारी को उपराश्ट्रपति भवन,नई दिल्ली में भेंट की इससे पहले इनकी एक और पुस्तक ‘‘नौषाद: जर्रा जो आफताब बना’’ प्रकाषित हो चुकी है। जिसका प्रकाषन पेंगुईन बुक्स द्वारा किया गया था।
‘‘पयम्बर-ए-मौसीकी’’ महान गायक मोहम्मद रफी के जीवन पर प्रकाष डालती है। इस किताब में खुलासा किया गया है कि मोहम्मद रफी का सिर्फ गला ही नहीं अच्छा था बल्कि उनका दिल उससे भी कहीं अच्छा था। इसी लिये वह देषभक्ति तथा धार्मिक गीतों को गाने की कोई फीस चार्ज नहीं करते थे। वह नए कलाकारों को जहाँ प्रोत्साहित करते थे वहीं स्ट्रगलरों की पैसे से भी हर संभव मदद किया करते थे।
दो सौ बत्तीस पृष्ठों की इस किताब में रफी साहब का बचपन, मौसीकी से उनका लगाव, लखनऊ से उनका रिष्ता, मुम्बई में उनकी जेद्दोजेहद, उनकी पसंद, नापसंद, उनके कुछ सदा बहार नगमों के बनने की दिलचस्प दास्तान को भी इस किताब में षामिल किया गया है। इस किताब में इसके अलावा रफी साहब के मुतालिक महान संगीतकार नौषाद अली, स्वर कोकिला लता मंगेषकर, संगीतकार खय्याम, संगीतकार आनन्दजी (कल्याण जी) गीतकार नक्ष लायल पुरी जैसी षख्सियतों के तासुरात भी षामिल किए गये हैं।
चैधरी जिया इमाम की यह किताब पुस्तक प्रेमियों, संगीत प्रेमियों और रफी साहब के चाहने वालों के लिए एक बेहतरीन तोहफा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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