संजरपुर जनसम्मेलन में इशरत जहां का परिवार भी शिरकत करेगा।
संजरपुर में 19 सितंबर को हो रहे सांप्रदायिक ध्रवीकरण और न्यायिक सांप्रदायिकता पर आयोजित राष्ट्रीय मानवाधिकार जनसम्मेलन में पिछले दस साल में हुई आतंकी घटनाओं की जांच के लिए सरकार से एक जांच आयोग के गठन का मुद्दा प्रमुख मुद्दा होगा।
कार्यक्रम के संयोजक मसीहुद्दीन संजरी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पिछले दस सालों में जिस तरह से विभिन्न आतंकी घटनाओं की जांचों में अन्तर्विरोध उत्पन्न हुआ, उसमें आम आदमी का मानवाधिकार हनन हो रहा है। जांच एजेंसियां लगातार जांच के नाम पर किसी भी व्यक्ति नाम ले लेती हैं और बड़ी आसानी से अपनी बातों से मुकर भी जाती हैं। आतंकवाद जैसे मुद्दे पर इस अगम्भीरता के चलते देश को आतंकी वारदातों को झेलने को विवश कर दिया है निर्दोषों जेलों में सड़ने के लिए। आतंकवाद के नाम पर देश में एक नए सांप्रदायिक विभाजन की तैयारी चल रही है, ऐसे महत्वपूर्ण समय में इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
देश भर के मानवाधिकार नेता और वरिष्ठ पत्रकार इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे। हम सरकार के सामने पिछले दस सालों में देशभर में हुई आतंकी घटनाओं की जांच रिपोर्टों को संलग्न करने के लिए ‘आतंकवादी घटनाओं पर एक लोकजन जांच आयोग’ की औपचारिक घोषणा भी करेंगे। जो एक समय सीमा के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार के समक्ष रखेगा। इसमें देशभर के मानवाधिकार नेता, पत्रकार, कानूनविद, बुद्धिजीवी, विश्वविद्यालयों के छात्रों समेत समाज के प्रत्येक हिस्से का प्रतिनिधित्व रहेगा।
कार्यक्रम की तैयारी में लगे तारिक शफीक और सालिम दाउदी ने बताया कि आतंकवाद के नाम पर निर्दोषों के उत्पीड़न के खिलाफ चल रहे आजमगढ़ के इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए मुंबई से इशरत जहां की मां शमीमा कौशर, उनकी बहन नुजहत जहां और उनके भाई अनवर इकबाल भी इस जनसम्मेलन में शिरकत करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com