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अगर पुरूष नहीं है तो महिलाएं भी श्राद्ध कर सकती है

Posted on 16 September 2011 by admin

श्राद्ध एक ऐसा कर्म है जिसे पितरों के निमित्त विधि पूर्वक श्रद्धाभाव से पुरूष या महिला कर सकती हैं जो हमें सब पापों से मुुक्ति दिला सकती है। यदि आप गरूण पुराण की बात मानें तो महिला भी यह श्राद्ध कर सकती है। बशर्ते उसके कुल में पति या पिता के कुल में कोई पुरूष न हों। जानकारों के अनुसार कल्पतला गं्रथ के अनुसार श्राद्ध के पात्र पुत्र पौत्र पत्नी भाई मामा पुत्रवधू बहन या भांजा कहा गया है जबकि पिता का श्राद्ध केवल पुत्र ही कर सकता है। पुत्र यदि नहीं है तो नाती, भांजे को श्राद्ध का अधिकार मिलता है। शास्त्री उमाकांत अवस्थी के अनुसार जो संतान हीन है पुत्र या पुत्री कोई संतान नहीं है तो भाई या भतीजा के द्वारा श्राद्ध कर्म किया जा सकता हैं यदि महिला श्राद्ध करना चाहती है तो सास ससुर के अलावा अपने पिता का श्राद्ध कर सकती है। लेकिन इसमें यह शर्त है कि दोनों के कुलों में कोई पुरूष नहीं हैं। ऐसी स्थिति में महिला श्राद्ध करने की हकदार है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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